तुर्की का वायरस गूगल का नाम लेकर कंप्यूटरों में घुसा

नई दिल्ली हाल ही कुछ समय में एक वायरस कंप्यूटरों में घुस गया है “नाइटोकोड” (Nitokod) नामक इस मैलवेयर को तुर्की की एक कंपनी ने गूगल ट्रास्लेट की डेस्कटॉप एप्लिकेशन के रूप में डेवलप किया है. यह खतरनाक मैलवेयर मोनेरो क्रिप्टोकरेंसी (Monero cryptocurrency) की माइनिंग के लिए एक सेटअप तैयार करता है. इसके परिणाम-स्वरूप यह कैम्पेन चलाने वालों को कंट्रोल मुहैया कराता है और स्कैम यूजर्स को संक्रमित कंप्यूटर का एक्सेस भी दे देता है. इसके बारे में कंप्यूटर यूजर को बिलकुल पता नहीं चलता. बाद में यह सिस्टम को तबाह कर देता है. सीपीआर की रिपोर्ट यह दावा करती है कि मैलवेयर एग्जिक्यूट होने के बाद यह C&C सर्वर को से कनेक्ट होता है और XMRig क्रिप्टो माइनर को कन्फिगर करने के बाद माइनिंग शुरू कर देता है. इस सॉफ्टवेयर को गूगल पर बड़ी आसानी से खोजा जा सकता है. आपको सिर्फ सर्च करना है “Google Translate Desktop download” और सॉफ्टवेयर सामने होगा. इस ऐप्लिकेशन में ट्रोजन डाला गया है. कहा जा रहा है कि इस “नाइटोकोड” मैलवेयर से कम से कम 11 देशों में हमला हुआ है. यह मैलवेयर 2019 से सर्कुलेट हो रहा है. CPR क्रिप्टो माइनिंग कैंपेन के बारे में ट्विटर पर अलर्ट्स और अपडेट्स भेजती रहती है.

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