बांग्लादेशी प्रधानमंत्री हसीना ने भी प्याज खाना छोड़ा

ऐसा लगता है कि भारत में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध का असर पड़ोसी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के रसोई घर पर भी पड़ा है क्योंकि उन्होंने हल्के अंदाज में कहा है कि ऐसे निर्णय करने से पहले इसकी जानकारी देना चाहिए। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा कि प्याज निर्यात पर भारत की ओर से अचानक प्रतिबंध लगा दिए जाने से उनके देश वासियों को थोड़ी दिक्कत हुई है।


उन्होंने हल्के अंदाज में कहा- मुझे नहीं पता कि आपने प्याज (निर्यात) को क्यों रोक दिया है। तो क्या हुआ, मैंने ऐसा किया कि मैंने ने अपने रसोईए को कहा है कि खाने में प्याज का इस्तेमाल मत करो। ऐसे फैसलों के बारे में पूर्व सूचना से मदद मिलेगी। अचानक आपने इसे रोक दिया और इससे हमारे लिए कठिनाई पैदा हो गई है। भविष्य में, अगर आप ऐसा निर्णय कर रहे हैं तो पूर्व सूचना मदद करेगी।


हसीना भारत बांग्लादेश बिजनेस फोरम को यहां संबोधित कर रही थीं। वाणिज्य व उद्योग मंत्री यहां पीयूष गोयल भी इस समारोह में मौजूद थे। इसका आयोजन सीआइआइ और एसोचैम ने किया था। पिछले रविवार को भारत ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था ताकि घरेलू बाजार में उसकी उपलब्धता बनी रहे और बढ़ती कीमतों को रोका जा सके। केंद्र ने खुदरा और थोक व्यापारियों के लिए भी प्याज के स्दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के बारे में बातचीत करते हुए हसीना ने कहा कि बांग्लादेश के विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय व्यापारियों के लिए अपार संभावनाएं हैं। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा कि दक्षिण एशिया में उनके देश की सबसे उदार निवेश नीति है और इसमें कानून के द्वारा विदेशी निवेश की सुरक्षा, कर छूट, आयातित मशीनों पर ड्यूटी में रियायत, अप्रतिबंधित निकास नीति व बाहर निकलने पर लाभांश और पूंजी का पूर्ण प्रत्यावर्तन जैसी तमाम सुविधाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा- हम 100 विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) को स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं। उनमें से एक दर्जन के लगभग तैयार हैं।टाक को सीमित कर दिया है।


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