भोपाल / स्लाटर हाउस को लेकर एनजीटी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगा नगर निगम



  • एनजीटी के आदेश पर आदमपुर छावनी में स्लाटर हाउस का निर्माण शुरू भी कर दिया था 

  • प्रमुख सचिव की बैठक में हुआ अपील करने का निर्णय, फिलहाल निर्माण कार्य रोका गया है Dainik B  में स्लाटर हाउस का निर्माण शुरू भी कर दिया था। लेकिन स्थानीय रहवासियों ने न केवल विरोध किया बल्कि मजदूरों व अन्य के साथ मारपीट भी की। इसके बाद जनप्रतिनिधियों के निर्देश पर निर्माण कार्य रोकना पड़ा।30-40 हजार परिवार प्रभावित हो रहे हैं  इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि स्लाटर हाउस बंद होने से 30 से 40 हजार परिवार सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं। यह वे परिवार हैं जिनका रोजगार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से स्लाटर हाउस से जुड़ा हुआ है। इसमें स्लाटरिंग के लिए पशु बेचने वाले पशुपालक से लेकर इसकी स्लाटरिंग करने और मांस की बिक्री करने वाले परिवार तक सब शामिल हैं। निगम का यह भी तर्क है कि स्लाटर हाउस बंद होने पर शहर में अवैध स्लाटरिंग होगी। बकरीद की तरह स्लाटरिंग की अनुमति मांगीइसके साथ ही निगम प्रशासन ने कलेक्टर को पत्र लिख कर बकरीद की तरह अस्थायी स्लाटरिंग स्थल की अनुमति देने का अनुरोध किया है। कलेक्टर तरूण पिथोड़े के शहर से बाहर होने के कारण इस पर निर्णय नहीं हो सका। हालांकि यह अनुमति आसान नहीं है, क्योंकि इस तरह की स्लाटरिंग से पर्यावरण की गंभीर समस्या पैदा हो जाएगी।


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