गांधी परिवार की SPG सुरक्षा को लेकर भ्रम


कांग्रेस के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने केंद्र द्वारा गांधी परिवार के सदस्यों के लिए विशेष सुरक्षा समूह (SPG) कवर की शर्तों को बदलने के लिए उठाए गए कथित कदम को 'गोपनीयता पर उल्लंघन' बताया है। उन्होंने कहा है कि यह फैसला 'उन पर निगरानी रखने' का प्रयास है। 


वहीं केन्द्र सरकार ने सोमवार को उस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि जिसमें स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की सुरक्षा पाने वाले लोगों के लिए नया दिशा-निर्देश जारी किया है। इसमें कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हैं।


एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर में कहा गया था कि केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि एसपीजी सुरक्षा पाए लोग जब भी विदेश यात्रा करेंगे, तब उनके साथ एसपीजी सुरक्षाकर्मी मौजूद रहेंगे। इसके बाद कई नेताओं द्वारा विदेश जाने के दौरान एसपीजी सुरक्षाकर्मी नहीं ले जाने पर यह फैसला किया गया है। केंद्र की ओर से दिए गए नए दिशा-निर्देश में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की सुरक्षा पाने वाले के लिए सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। एसपीजी के सुरक्षाकर्मी हमेशा यह विशेष सुरक्षा पाने वाले के साथ मौजूद रहते हैं। माना जा रहा है कि इस दिशा-निर्देश को नहीं माने जाने की सूरत में सुरक्षा के लिहाज से उनकी विदेश यात्रा भी रद्द कर दी जाएगी।  सूत्रों ने कहा कि एसपीजी सुरक्षा पाने वाले वीवीआईपी को सरकारी दिशा-निर्देशों का हर हाल में पालन करना होगा। 


सोमवार को ऐसी खबरें भी आई कि अगर गांधी परिवार ने सुरक्षा को लेकर बदले हुए नियमों को पालन नहीं किया तो एसपीजी कवर वापस ले लिया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा दिए गए बयान में कहा गया कि गांधी परिवार की सुरक्षा की समीक्षा की गई थी जिसमें एसपीजी सुरक्षा कवर हटाने और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड या केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को ड्यूटी देने की सिफारिश की गई थी। 


एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हर साल एसपीजी लोगों की सुरक्षा की समीक्षा करती है। हाल ही में कि गई सरकार की सीमक्षा में गांधी परिवार को कम खतरे के संकेत दिया गए है और उनकी सुरक्षा को अन्य सुरक्षाबलों द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। 


कांग्रेस के प्रवक्ता प्रणव झा ने संकेत दिया कि गांधी परिवार को इस मामले पर कोई आधिकारिक संवाद नहीं मिला है। चूंकि यह सुरक्षा से जुड़ा मामला है, इसलिए हम किसी समाचार रिपोर्ट के आधार पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। जब हमारे नेता इस संबंध में सरकार से कोई आधिकारिक संवाद प्राप्त करेंगे, तो हम जवाब देंगे।


वहीं कांग्रेस की महाराष्ट्र में सहयोगी एनसीपी के नेता मजीद मेमन ने कहा कि इस तरह के कदम से गोपनीयता भंग होगी। उन्होंने कहा कि यह फैसला गांधी परिवार को सुरक्षा प्रदान करने के इरादे से किया गया है। यह उन पर निगरानी रखने के इरादे से उनकी निजता का उल्लंघन प्रतीत होता है। यह एक तरह से आंदोलन की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन भी है और इसे चुनौती दी जा सकती है।


तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1985 में उनके परिवार को एसपीजी सुरक्षा कवर दिया गया था। 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों को एसपीजी कवर के तहत लाया गया था, लेकिन 2003 में नियम बदल दिया गया और वार्षिक समीक्षा के बाद इस कवर को बढ़ाया जाने लगा।


अगस्त में पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह का सुरक्षा कवर, जो उस समय तक एसपीजी कवर के तहत था, एक सुरक्षा समीक्षा के बाद बदल दिया गया था क्योंकि उनको खतरा कम था। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) अब उन्हें Z+ सुरक्षा प्रदान करता है।


इनको मिली है एसपीजी सुरक्षा
मौजूदा वक्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को एसपीजी सुरक्षा मिली हुई है। सरकार के नए आदेशों के मुताबिक, अब तीनों नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को विदेश दौरे पर भी एसपीजी जवानों को साथ ही ले जाना होगा। वैसे सुरक्षा विशेषज्ञों की मानें तो यदि किसी वीवीआईपी को एसपीजी सुरक्षा मिली है तो नियमानुसार उसे सुरक्षा में लगे जवानों को अपने साथ रखना होता है। लेकिन अपने विदेश दौरों पर अधिकांश वीवीआईपी एसपीजी जवानों को साथ नहीं ले जाते हैं।  


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