गंभीर' स्थिति में दिल्ली की हवा, स्कूल जाना सबसे बड़ी चुनौती


दिवाली की छुट्टी के बाद बुधवार को स्कूल खुल गए हैं। इस समय राजधानी गैस चेंबर में तब्दील हो चुकी है और प्रदूषण का सबसे अधिक असर सुबह और शाम के समय होता है। ऐसे में बच्चों को प्रदूषण से बचाना जरूरी है।दिवाली की छुट्टी के बाद बुधवार को स्कूल खुल गए हैं। इस समय राजधानी गैस चेंबर में तब्दील हो चुकी है और प्रदूषण का सबसे अधिक असर सुबह और शाम के समय होता है। ऐसे में बच्चों को प्रदूषण से बचाना जरूरी है। जानकारों के अनुसार अभी तक स्कूलों को लेकर गाइडलाइंस आ जानी चाहिए थीं। ज्यादातर स्कूलों के टाइम सुबह 8 से 9 बजे के बीच के हैं। ऐसे में इन स्कूलों के बच्चे सुबह 6 से 7 बजे के बीच स्कूलों के लिए घरों से निकलते हैं। ऐसे में बच्चों को डस्ट प्रदूषण से बचाने के लिए मास्क पहनाना काफी जरूरी है।GRAP के तहत इमर्जेंसी हालात में टास्क फोर्स स्कूलों को बंद करने का निर्णय ले सकती है, लेकिन दिल्ली में अभी इमरजेंसी के हालात नहीं बने हैं। सफर की अडवाइजरी के मुताबिक इस समय सुबह और शाम बाहर निकलने से बचना चाहिए। इससे स्वास्थ्य व्यक्ति भी बीमार हो सकता है। शेखावती लाइंस में रहने वाली सुनीता छाबड़ा ने बताया कि उनकी कॉलोनी में सफाईकर्मी झाड़ू लगाते हैं, जिससे धूल उड़ती है। बच्चें स्टैंड पर बस का इंतजार कर रहे होते हैं, तभी यहां झाड़ू लगाते हैं। मना करने पर वे साफ बोलते हैं कि उन्हें धूल उड़ाने के ही पैसे मिलते हैं। उनके अनुसार मास्क धूल से बच्चों को राहत नहीं दिला पाते।ऐसे में दिवाली से ज्यादा इस समय छुट्टी करने की जरूरत है। इसी तरह द्वारका में रहने वाली निलिमा राही ने बताया कि उनकी बेटी को अस्थमा है। वह तीसरी क्लास में पढ़ती है। उन्हें डर लग रहा है कि वह उसे स्कूल कैसे भेजें। इस तरह के माहौल में स्कूलों को छुट्टी कर देनी चाहिए। स्कूल में न तो एयर प्योरिफायर है और न ही धूल रोकने के कोई इंतजाम।'बंद कर दें जॉगिंग'दिल्ली में प्रदूषण स्तर इस कदर तक बढ़ गया है कि हमें घर से बाहर निकलना कम कर देना चाहिए। ऐसा प्रदूषण को कम करने का काम करने वाली कई एजेंसियां कह रही हैं। इनके मुताबिक घर के बाहर योगा जैसी गतिविधियां इस समय बंद करने की जरूरत है। साथ ही जॉगिंग से भी परहेज करना जरूरी है। ऐसा न करने पर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।कई जगहों पर पीएम 2.5 का स्तर सुबह और शाम के समय काफी अधिक होता है। सफर के अनुसार अगर एक्सरसाइज करना जरूरी है तो जिम में कर सकते हैं या घर में। इसके अलावा लंबी दूरी तक पैदल न चलें। आराम कर-कर के छोटी दूरी तक पैदल चलें। जॉगिंग से बचें। यदि असहज महसूस कर रहे हैं, सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो तुरंत घर के अंदर पहुंचे। घर की खिड़कियों को भी बंद रखें। बाहर निकलना जरूरी है तो एन-95 या पी-100 रेस्पीरेटर वाला मास्क पहनें।तीन दिन काला रहेगा आसमानसफर के मुताबिक, मंगलवार को पराली के धुएं ने दिल्ली को 25 प्रतिशत तक प्रदूषित किया। आज यह बढ़कर 29 फीसदी तक हो सकता है। पिछले 24 घंटे में उत्तर-पश्चिमी भारत में पराली जलाने के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। इसकी वजह से दिवाली के एक दिन बाद ही स्मॉग ने दिल्ली-एनसीआर को अपनी चपेट में ले लिया है। लोगों का दम घुट रहा है। आंखों में जलन हो रही है और दमा और दूसरे मरीजों का हाल बेहाल है। दिल्ली में एयर इंडेक्स 400 रहा, जो गंभीर से सिर्फ 1 अंक कम है। एनसीआर की हालत तो और भी खराब है। एनसीआर में सबसे अधिक प्रदूषित गाजियाबाद रहा।केवल पराली नहीं प्रदूषण का कारणदिल्ली में प्रदूषण बढ़ाने के लिए पराली के धुएं के साथ-साथ अरब सागर पर सक्रिय कम दबाव का क्षेत्र भी है। यह कहना है सीपीसीबी के मेंबर सेक्रेटरी डॉ. प्रशांत गार्गव का। उनके अनुसार अरब सागर पर एक कम दबाव क्षेत्र बना हुआ है। इस बदली परिस्थिति की वजह से उत्तर भारत में बादल छाए हुए हैं। दिल्ली में इसकी वजह से 99 पर्सेंट तक बादल छाए हुए हैं। इस कारण धूप नहीं आ रही है और स्मॉग दिखाई दे रहा है। विजिबिलिटी भी कम हो गई है। एयर क्वॉलिटी इंडेक्स भी इसी वजह से बढ़ा हुआ है। हवा भी काफी कम है। दिवाली के बाद ऑफिस खुले हैं, लिहाजा इसका भी असर है। उम्मीद है कि स्थितियां बदलेंगी। शाम के समय स्थिति का रिव्यू होगा।


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