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घाटी में आज से पर्यटक कर सकेंगे सैर-सपाटा, राज्य सरकार ने वापस ली अडवाइजरी
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बीते सोमवार को घाटी में गृह विभाग की ओर से जारी ट्रैवल अडवाइजरी को हटाने का निर्देश दिया था। आज से पर्यटक कश्मीर की सैर कर सकेंगे।श्रीनगरजम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने के 66 दिन बीतने के बाद आज से पर्यटक घाटी की सैर कर सकेंगे। जम्मू-कश्मीर सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने के पहले पर्यटकों को कश्मीर छोड़ने की अडवाइडरी वापस ले ली है। अडवाइजरी वापस लेने के साथ ही राज्य सरकार ने सैलानियों को सभी जरूरी सहायता देने का ऐलान किया है।आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत अस्थायी तौर पर मिले विशेष दर्जे को खत्म किए जाने से 3 दिन पहले 2 अगस्त को अडवाइजरी जारी कर पर्यटकों से जल्द से जल्द घाटी से लौटने को कहा गया था। तब आतंकी खतरे को कारण बताया गया था।जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बीते सोमवार को घाटी में गृह विभाग की ओर से जारी ट्रैवल अडवाइजरी को हटाने का निर्देश दिया था। 2 अगस्त को राज्य प्रशासन ने एक सिक्यॉरिटी अडवाइजरी जारी कर घाटी में आतंकी खतरे के मद्देनजर अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को जितना जल्दी संभव हो सके, कश्मीर छोड़ने की सलाह दी थी। यह अडवाइजरी 5 अगस्त को आर्टिकल 370 को निष्प्रभावी करने और जम्मू-कश्मीर का 2 केंद्रशासित प्रदेशों के रूप में पुनर्गठन की घोषणा से ठीक पहले जारी की गई थी।होटल कारोबारियों ने उठाए सवाल
उधर, जम्मू-कश्मीर में घाटी के बड़े होटल व्यवसायियों और पर्यटन से जुड़े समूहों ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक के निर्देशों की आलोचना की। घाटी में अभी भी कई जगहों पर संचार व्यवस्था अब भी ठप है। इसकी वजह से मोबाइल फोन और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में होटल कारोबारियों ने बिना फोन सुविधा के सैलानियों को न्योता देने के निर्देशों पर सवाल उठाए हैं।बिना फोन घाटी में कैसे आएं सैलानी?एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने भी स्वीकार किया कि पर्यटकों के लिए मोबाइल फोन और इंटरनेट जैसी सुविधाएं शुरू किए बिना घाटी में आमंत्रित करना हास्यास्पद है। ट्रैवल एजेंट मोहम्मद अशरफ ने कहा कि कश्मीर में मौजूदा पर्यटन सीजन अभी के लिए खत्म हो गया है और पर्यटकों, घरेलू और विदेशी, जो सर्दियों में घाटी की यात्रा करना पसंद करते हैं, उन्हें बुकिंग शुरू करनी होगी, लेकिन कई जगह पर कम्यूनिकेशन बंद होने की वजह से यह संभव नहीं है।ज्यादातर हिस्सों से हटी पाबंदीसोमवार को ही गवर्नर हाउस में हुई हाई लेवल मीटिंग में घाटी में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के दौरान बताया गया कि पिछले 6 हफ्तों में घाटी के ज्यादातर इलाकों से पाबंदियां हटा ली गई हैं। इस बीच जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से बुधवार को घाटी में कॉलेज खोलने के प्रयास नाकाम रहे क्योंकि छात्र कक्षाओं में नहीं पहुंचे। जम्मू-कश्मीर से पांच अगस्त को विशेष दर्जा वापस लिए जाने के फैसले को गुरुवार को 67 दिन हो गए।एक बार फिर खुले कॉलेज लेकिन नहीं पहुंचे छात्रकश्मीर के मंडल आयुक्त बशीर खान ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि कश्मीर में तीन अक्टूबर को स्कूल और नौ अक्टूबर को कॉलेज फिर से खोल दिए जाएंगे। अधिकारियों ने कहा कि कॉलेजों में कर्मचारी तो पहुंचे लेकिन छात्र नहीं। प्रशासन की काफी कोशिशों के बावजूद स्कूलों में भी छात्र नहीं पहुंचे। घाटी के अधिकतर हिस्सों में बंद और संचार सेवाओं पर रोक के चलते सुरक्षा कारणों से परिजन अपने बच्चों को स्कूल या कॉलेज नहीं भेज रहे हैं। पूरी घाटी में लैंडलाइन टेलिफोन सेवाएं बहाल हैं, लेकिन कश्मीर के अधिकतर हिस्सों में मोबाइल टेलिफोन सेवाएं और इंटरनेट सेवाएं पांच अगस्त से निलंबित हैं।
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