गुलमोहर का पेड़ कटा तो दो दिन तक वहीं आंसू बहाते रहे पक्षी


मुंबई की आरे कॉलोनी इलाके में दो हजार से ज्यादा पेड़ों को काटने की कवायद के बीच केरल की एक खबर आपको आश्चर्यचकित करेगी। पलक्कड़ रेलवे स्टेशन परिसर में स्थित एक गुलमोहर का पेड़ कटवाने पर रेलवे अफसर और ठेकेदार के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। इस पेड़ पर 100 से ज्यादा प्रवासी पक्षियों के घोंसले थे, जो पेड़ कटने से उजड़ गए।


 

दरअसल, एक अक्तूबर को स्टेशन के पार्किंग के विस्तार के लिए गुलमोहर का वर्षों पुराना विशाल पेड़ काट दिया गया। इसके चलते सौ से ज्यादा घोंसले नष्ट हो गए और अंडे टूटकर जमीन पर बिखर गए। घर छिनने से परेशान प्रवासी पक्षी कटे पेड़ के इर्द-गिर्द बैठे रहे। वे लगातार टूटे घोंसलों में अंडों को तलाशते रहे। 

यह दृश्य देखने के बाद पर्यावरण कार्यकर्ता बोबन मट्टूमंथा ने इसकी सूचना स्थानीय लोगों और वन विभाग को दी। इसके बाद वालयाल रेंज के वन अधिकारी ने रेलवे स्टेशन के अधिकारी और पेड़ काटने वाले ठेकेदार के खिलाफ केस दर्ज कराया। बोबन ने बताया कि रेलवे को पेड़ काटने के लिए वन विभाग की अनुमति लेनी थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। 

नियमानुसार अंडे देने के मौसम में पेड़ नहीं काटा जा सकता। दो दिन से पक्षी, अंडे और घोंसले जमीन पर गिरे थे। बगल में आरपीएफ का ऑफिस है लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया। तीसरे दिन हमें जानकारी मिली तो वन विभाग को सूचना दी, इसके बावजूद वह कार्रवाई नहीं करना चाह रहे थे। हमने उन्हें पक्षियों के कराहने और पीड़ा का वीडियो दिखाया तब जाकर केस दर्ज हुआ। वन विभाग ने कई पक्षियों को घोंसलों से निकालकर दूसरी जगह पहुंचाया।


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