इदुक्‍की के जंगल में ऑटो ड्राइवर ने बचाई थी बच्‍ची की जान, फॉरेस्‍ट गार्ड भूत समझकर भाग गए थे


लगभग एक महीने पहले सितंबर में घटी इस घटना के बाद वन विभाग की बड़ी तारीफ हुई थी, जबकि असलियत में फॉरेस्‍ट गार्ड तो बच्‍ची को भूत समझ बैठे थे। पुलिस के अनुसार वन विभाग ने अपनी पूरी फुटेज जारी नहीं की थी।8 सितंबर की रात को एक बच्‍ची केरल के इदुक्‍की क्षेत्र के जंगली इलाके में चलती जीप से सूनसान सड़क पर गिर गई थीइसके बाद खबर आई थी कि चेक पोस्‍ट पर तैनात फॉरेस्‍ट गार्डों की उस पर नजर पड़ी और उन्‍होंने बच्‍ची को बचा लियालेकिन हाल ही में पुलिस ने बताया है कि बच्‍ची को एक ऑटो ड्राइवर ने बचाया था, जंगल विभाग ने पूरी फुटेज जारी नहीं की थीआपको लगभग एक महीने पहले घटी केरल के इदुक्‍की की वह घटना तो याद होगी जब एक साल भर की बच्‍ची रात के अंधेरे में चलती जीप से जंगली इलाके में गिर जाती है। इसके बाद बताया गया कि वहां मौजूद फॉरेस्‍ट गार्डों ने जंगली जानवरों से भरे उस क्षेत्र से बच्‍ची को उठा लिया था जिससे वह सकुशल अपने पैरंट्स की गोद में पहुंच पाई। लेकिन अब इस कहानी में ट्विस्‍ट आया है। एक ऑटो ड्राइवर ने दावा किया है कि बच्‍ची को दरअसल उसने बचाया था, फॉरेस्‍ट गार्ड तो बच्‍ची को भूत समझकर डर गए थे और भाग खड़े हुए थे।पुलिस को घटना की ताजा सीसीटीवी फुटेज मिली है जिसके अनुसार एक साल की बच्‍ची रोहिता रेंगती हुई सड़क पार करके चेक पोस्‍ट के पास पहुंचती है। लेकिन इसके बाद जो कुछ दिखने में आया उससे वन विभाग का झूठ पकड़ा गया। इससे यह भी पता चला कि 8 सितंबर को घटी इस घटना के बाद वायरल हुआ विडियो अधूरा था जिसके आधार पर वन विभाग अपनी पीठ थपथपा रहा था।पढ़ें: इदुक्‍की: तो ऐसे जंगली जानवरों से बची थी हाइवे पर गिरी बच्‍ची, फॉरेस्‍ट गार्ड ने बचाई जानगार्ड भूत समझकर भाग खड़े हुए थेअसल में हुआ यह था कि इदमालाक्‍कुडी आदिवासी गांव के रहने वाले गार्डों ने जब रात के अंधेरे में बिना कपड़ों और घुटे हुए सिर वाली नन्‍ही रोहिता को देखा तो वे उसे 'भूत' समझकर भाग खड़े हुए। लेकिन संयोग से कनकराज (60) नाम का ऑटो ड्राइवर वहां से गुजरा और उसने बच्‍ची को गोद में उठाकर फॉरेस्‍ट गार्ड को सौंप दिया।गायब थे सीसीटीवी फुटेज के हिस्‍सेकनकराज नयामक्‍कड़ टी एस्‍टेट के रहने वाले हैं और उन्‍होंने हाल ही में मन्‍नार पुलिस को अपना बयान दिया है। एक वरिष्‍ठ पुलिस अधिकारी का कहना था, 'पहले जो हमें सीसीटीवी फुटेज मिली थी उसके कुछ हिस्‍से गायब थे। वन विभाग ने फुटेज का वह हिस्‍सा जारी नहीं किया था। असली विडियो से साफ हे कि ऑटो वाले ने बच्‍चे को सड़क से उठाकर वन विभाग के कर्मचारियों के हवाले किया था। ऑटो ड्राइवर ने अपना बयान दिया है और उसी के आधार पर हम मामले की जांच कर रहे हैं।'पलानी मंदिर से दर्शन कर लौट रहा था परिवारगौरतलब है कि यह घटना तब हुई जब यह जीप इदुक्‍की के मन्‍नार क्षेत्र में जंगली इलाके से गुजर रही थी। उस समय रात के लगभग 9:30 बजे थे। बच्‍ची रोहिता अपनी मां सत्‍यभामा की गोद में सो रही थी। घटना के समय सत्‍यभामा की भी आंख लग गई थी। यह पूरा परिवार तमिलनाडु के पलानी मंदिर में दर्शन करके लौट रहा था। घटनास्‍थल से करीब 40 किलोमीटर दूर मुलारीकुडी में अपने घर पहुंचकर परिवारवालों को पता चला कि बच्‍ची रोहिता गायब है। इसके बाद उन्‍होंने फौरन वेल्‍लाथूवल पुलिस को इसकी जानकारी दी थी।


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