जोरों पर अगले बजट की तैयारी, इनकम टैक्स पर नहीं आ रही कोई खुशखबरी!


टाइम्स ऑफ इंडिया को सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि सरकार पर फिस्कल डेफिसिट का बहुत बड़ा बोझ है। इसके अलावा ग्रोथ रेट लगातार घट रहा है और निवेशकों से जितनी उम्मीद की जा रही है कि उतना निवेश अभी तक नहीं हो पाया है।सितंबर महीने में कॉर्पोरेट टैक्स रेट में कटौती के बाद उम्मीद की जा रही है कि इनकम टैक्स रेट में भी राहत दी जाएगीसरकार के सामने घटता हुआ ग्रोथ रेट और फिस्कल डेफिसिट की गहरी हो रही खाई दो प्रमुख चुनौतियां हैंसरकार का कहना है कि अमेरिका, चीन और ब्रिटेन जैसे देशों में इनकम टैक्स रेट बहुत ज्यादा हैंभारत में अभी सुपर रिच लोगों के लिए इनकम टैक्स रेट 42 फीसदी के करीब हैसिद्धार्थ और राजीव देशपांडेबजट की तैयारी अभी से शुरू हो चुकी है। सरकार के सामने अर्थव्यवस्था में सुस्ती, ग्रोथ रेट का घटना जैसी तमाम चुनौतियां हैं। जनता को उम्मीद है कि सरकार इनकम टैक्स रेट में बदलाव करेगी, लेकिन टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक इस बजट में इनकम टैक्स रेट में कटौती की कोई संभावना नहीं है।विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस बारे में फिलहाल बिल्कुल नहीं सोच रही है। फिस्कल डेफिसिट की खाई को सरकार कम करना चाहती है, ऐसे में इनकम टैक्स रेट कट की संभावना दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। दूसरी तरफ, अलग-अलग मंत्रालयों के अधिकारियों का कहना है कि चीन, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में इनकम टैक्स रेट यहां के मुकाबले ज्यादा हैं।कॉर्पोरेट टैक्स रेट कट के बाद उम्मीद जगी
दरअसल, सितंबर महीने में सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स रेट कट का ऐलान किया था। अब नई कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स घटाकर 15 फीसदी कर दिया है। सरकार के इसी फैसले के बाद से संभावना जताई जाने लगी थी कि इनकम टैक्स रेट में भी कटौती की जाएगी। वर्तमान में सुपर रिच लोगों को कुल 42 फीसदी तक इनकम टैक्स देना पड़ रहा है।जो लोग इनकम टैक्स रेट कट के पक्ष में हैं उनका कहना है कि अन्य देशों में अगर ज्यादा टैक्स लगता है तो सरकार सोशल सिक्यॉरिटी मुहैया कराती है। वहां सरकारी अस्पताल और स्कूल अच्छी हालत में हैं और इस मद में होने वाले खर्च का बोझ बहुत कम है। लेकिन, भारत में सोशल सिक्यॉरिटी को लेकर अभी तक बहुत कुछ नहीं किया गया है। अमेरिका और ब्रिटेन में 90 फीसदी से ज्यादा छात्र सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं, जबकि हेल्थकेयर पर उनका खर्च मात्र 10-15 फीसदी तक है। ऐसी तमाम सुविधाएं सरकारी और मुफ्त हैं। इन मामलों में भारत अभी बहुत पीछे है।5 लाख तक इनकम पर टैक्स में छूट जारी रह सकती है
हालांकि, इस बात की संभावना है कि फरवरी में पेश होने वाले बजट में सरकार 5 लाख तक की इनकम पर टैक्स में मिल रही छूट को जारी रखे। इसके अलावा निवेश पर मिलने वाली छूट से लोगों को 6.5 लाख रुपये तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। वर्तमान सरकार सोशल सिक्यॉरिटी की दिशा में धीरे-धीरे कदम बढ़ा रही है। पेंशन स्कीम और प्रविडेंट फंड में निवेश पर टैक्स से राहत मिलती है।


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