कांग्रेस के 'न्‍याय' पर बोले अभिजीत बनर्जी, कहा-बीजेपी मांगती तो उसे भी देते यूबीआई के आंकड़े


नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय मूल के अर्थशास्‍त्री अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी एस्तेय डिफ्लो ने कहा क‍ि हम मानते हैं कि अच्‍छी नीतियों को राजनीतिक पूर्वाग्रह से बाहर रखा जाना चाहिए।अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय मूल के अर्थशास्‍त्री अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी एस्तेय डिफ्लो ने कहा है कि कांग्रेस के अलावा अगर बीजेपी ने भी उनसे यूनिवर्सल बेसिक इनकम के लिए आंकड़े मांगे होते तो वे उन्‍हें भी यह दे देते। कांग्रेस की 'न्‍याय' योजना के सूत्रधार रहे अभिजीत और एस्‍तेय ने कहा कि हम मानते हैं कि अच्‍छी नीतियों को राजनीतिक पूर्वाग्रह से बाहर रखा जाना चाहिए।यूनिवर्सल बेसिक इनकम के आंकड़ों पर नोबेले विजेता अभिजीत बनर्जी का बयानबनर्जी ने कहा- अगर बीजेपी ने मांगे होते तो उन्हें भी दे देते यूबीआई के कड़ेकांग्रेस की न्याय योजना के सूत्रधार थे अभिजीत और उनकी पत्नी एस्तेय डिफ्लोअभिजीत बोले- तिहाड़ जेल में भिंडी खाने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी थीअभिजीत बनर्जी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कांग्रेस पार्टी का सलाहकार बनने पर वह रक्षात्‍मक महसूस नहीं कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा, 'लोग किस तरह से चीजों को घुमाते हैं, इसे आप नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। मैं यह सोचते हुए अपना जीवन नहीं बिताना चाहता हूं कि मेरे कदमों को लोग क्‍या-क्‍या रूप दे देते हैं। कांग्रेस ने मुझसे बहुत वाजिब सवाल किया- गारंटेड इनकम को लागू करने पर कितना खर्च आएगा? अगर बीजेपी ने भी ये भी यही आंकड़े मांगे होते तो हम उन्‍हें यह भी दे देते।'पढ़ें: पकौड़ा बेचना भी रोजगार? यह बोले नोबेल विजेताबनर्जी ने कहा, 'मैं पूर्ण रूप से इस बात में विश्‍वास करता हूं कि अच्‍छी नीतियों को राजनीतिक पूर्वाग्रह से दूर रखा जाना चाहिए। हम एक अच्‍छे ब्रोकर की भूमिका निभाना चाहते हैं और यही हमारी पहचान है। हम नहीं चाहते हैं कि राजनीतिक पूर्वाग्रह चीजों को करने में आड़े आएं।' उधर, एस्तेय डिफ्लो ने बताया कि हम लोग गुजरात, हरियाणा, पंजाब और तमिलनाडु सरकार के साथ काम कर रहे हैं। यहां लगभग सभी दलों की सरकार है। उन्‍होंने कहा, 'हम अपने काम में वैचारिक लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं। हम अपने काम को प्‍लंबर के काम के रूप में देखते हैं। जब सरकार गरीबों की मदद करना चाहती है तो इसमें हम उसकी मदद और समाधान दे सकते हैं।'तिहाड़ में भिंडी के लिए भिड़ गए थे अभिजीतअभिजीत ने बताया कि छात्रों के एक प्रदर्शन के दौरान उन्‍हें 10 दिन तिहाड़ जेल में रहना पड़ा था। अभिजीत ने बताया कि तिहाड़ में उन्‍हें भिंडी खाने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी थी। उन्‍होंने बताया जेल के नियमों के मुताबिक अगर आपने बीए किया है तो आपको भिंडी खाने को मिलेगी अन्‍यथा आपको नहीं मिलेगी। जेल में मैंने सोचा कि 10 दिन तक बिना भिंडी के भी रहा जा सकता है लेकिन मेरे साथ बंद अन्‍य लोगों ने इसके लिए लड़ाई शुरू कर दी और मैं भी उसमें जुट गया। अभिजीत का संघर्ष रंग लाया और उन्‍हें खाने के लिए तिहाड़ में भिंडी दी गई।पाक कला में माहिर हैं अभिजीत बनर्जीअभिजीत बनर्जी की पत्‍नी एस्तेय डिफ्लो ने बताया कि उनके पति उनसे ज्‍यादा अच्‍छे कुक हैं। खाना बनाने की उनकी कला की वजह से उनके मित्र उन्‍हें काफी पंसद करते हैं। एस्‍तेय ने कहा कि अच्‍छा कुक होने के साथ-साथ अभिजीत की याददाश्‍त बहुत अच्‍छी है। अभिजीत हमेशा खाने के बारे में ही सोचते रहते हैं। अभिजीत ने भी माना कि वह खाने के बारे में काफी सोचते हैं। उधर, अभिजीत के भाई ने कहा कि वह जल्‍द ही मास्‍टरसेफ प्रतियोगिता जीत सकते हैं।


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