कमलेश तिवारी मर्डर: इंसाफ की आस, सीएम आवास में योगी आदित्यनाथ से मिले घरवाले


पुलिस ने एक कार ड्राइवर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। CCTV फुटेज में कातिलों के पीछे चल रही महिला शहनाज से भी पुलिस ने की पूछताछ। महाराष्ट्र के नागपुर से 6वें संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है। यूपी पुलिस इस केस को सुलझाने का दावा कर चुकी है।हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी मर्डर के मामले में इंसाफ की आस लेकर उनके परिजन रविवार को राजधानी लखनऊ स्थित सीएम आवास में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले। इस मामले में अब तक पुलिस ने 6 लोगों को पकड़ा है और उनसे पूछताछ की जा रही है। यूपी एटीएस आरोपियों से पूछताछ में जुटी है। महाराष्ट्र और गुजरात एटीएस भी इस मामले से जुड़े संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। सीसीटीवी फुटेज में कातिलों के पीछे चल रही महिला शहनाज से भी यूपी पुलिस ने पूछताछ की है। उधर, कमलेश तिवारी के बेटे ने एनआईए जांच की मांग की है।हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी के मर्डर के मामले में अब तक 5 लोगों को पकड़ा जा चुका हैमहाराष्ट्र और गुजरात एटीएस भी इस मामले से जुड़े संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारीसीसीटीवी फुटेज में कातिलों के पीछे चल रही महिला शहनाज से भी यूपी पुलिस ने पूछताछ कीयूपी डीजीपी ओपी सिंह नेप्रेस कॉन्फ्रेंस कर महज 24 घंटे में मामले को सुलझाने का दावा किया हैयूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महज 24 घंटे में मामले को सुलझाने का दावा किया है। डीजीपी ने बताया, 'गुजरात और महाराष्ट्र एटीएस के साथ हम लगातार संपर्क में हैं। हमारी टीम ने उस महिला से भी पूछताछ की है, जो सीसीटीवी फुटेज में आरोपियों के पीछे दिखी थी। हत्या से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।'वहीं, कमलेश तिवारी के बेटे सत्यम का कहना है कि उन्हें यूपी प्रशासन पर भरोसा नहीं है और मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी से कराई जानी चाहिए। हिंदू महासभा के पूर्व अध्यक्ष रहे कमलेश तिवारी ने कुछ महीनों पहले ही हिंदू समाज पार्टी के नाम से राजनीतिक दल का गठन किया था।कमलेश तिवारी: नागपुर से संदिग्ध हिरासत में, पूछताछ जारीभड़काऊ भाषण के कारण हत्याहिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के पीछे रंजिश की यूपी पुलिस की थिअरी गलत साबित हुई। गुजरात एटीएस ने हत्या में शामिल तीन साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार कर खुलासा किया है कि वर्ष 2015 में कमलेश तिवारी द्वारा दिए गए भड़काऊ बयान के कारण कट्टरपंथी युवकों ने उनकी हत्या की है। वहीं, हत्या में शामिल अशफाक, मोइनुद्दीन पठान उर्फ फरीदी व एक अन्य फरार है। इसके अलावा गुजरात एटीएस ने तीन अन्य को भी हिरासत में लिया था, जिन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। छोड़े गए युवकों में से एक सूरत निवासी गौरव तिवारी है। गौरव ने कुछ दिन पहले कमलेश तिवारी को फोन करके उसके संगठन से जुड़ने की इच्छा जताई थी।अल-हिंद का कनेक्शन नहींडीजीपी ओपी सिंह का कहना है सोशल मीडिया पर कमलेश तिवारी की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले तथाकथित संगठन अल-हिंद का वारदात से अब तक कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है। गुजरात में पकड़े गए आईएसआईएस के दो संदिग्धों उबेद अहमद मिर्जा और मोहम्मद कासिम स्टिंबरवाला का भी वारदात से कोई कनेक्शन साबित नहीं हुआ है। हत्या के पीछे किसी तरह का आतंकी कनेक्शन स्टैबलिश नहीं हुआ है।सीएम योगी के आने पर अड़े थे परिजनमहमूदाबाद में शनिवार को करीब 10 घंटे की जद्दोजहद के कमलेश तिवारी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। नाराज परिवार को मनाने के लिए मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम व आईजी एसके भगत ने नौ सूत्रीय समझौता पत्र पर दस्तखत किए।ये हैं परिवार की मांगें1-कमलेश के बड़े बेटे को नौकरी2-परिवार को लखनऊ में आवास3-घटना के बाद परिवारीजनों और अन्य लोगों पर लाठीचार्ज की न्यायिक जांच4-हत्या की एनआईए से जांच5-घटना के बाद हिरासत में लिए गए हिंदूवादी कार्यकर्ताओं की तुरंत रिहाई6-24 घंटे में परिवार को सुरक्षा और शस्त्र लाइसेंस


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