करतारपुर कॉरिडोर उद्घाटन के लिए पाकिस्तान ने नवजोत सिंह सिद्धू को भेजा न्योता


पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर के लिए पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को न्योता भेजा है। हालांकि अभी तक सिद्धू की तरफ से इस संबंध में कोई अधिकारिक जानकारी नहीं आई है।पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर के लिए पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को न्योता भेजा है। हालांकि अभी तक सिद्धू की तरफ से इस संबंध में कोई अधिकारिक जानकारी नहीं आई है। बता दें कि कुछ दिन पहले पाकिस्तान ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को भी न्योता दिया था, जिसे उन्होंने नामंजूर कर दिया था। पूर्व पीएम ने कहा था कि वह विशेष अतिथि की तरह नहीं, बल्कि एक सामान्य श्रद्धालु की तौर पर शामिल होंगे।पाकिस्तान ने पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को भेजा न्योतापाकिस्तान के एक सांसद ने कहा कि पाक पीएम की तरफ से उन्होंने सिद्धू को फोन भी किया हैपाकिस्तान ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को भी न्योता भेजा था, जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया थापाकिस्तान के पीएम इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने सिद्धू को करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन में शामिल होने का न्योता देने का फैसला किया है। पाकिस्तान के सांसद फैसल जावेद ने पीएम इमरान के आदेश के बाद सिद्धू से टेलीफोन पर बात की और उन्हें 9 नवंबर को होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया।बता दें कि भारत की तरफ पीएम नरेंद्र मोदी 8 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान पीएम गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक में एक सार्वजनिक सभा को भी संबोधित कर सकते हैं। प्रधानमंत्री कॉरिडोर और यात्री टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी करतारपुर साहिब का दौरा करने वाले पहले 'जत्थे' को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे या नहीं, अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। श्रद्धालुओं के इस पहले जत्थे का पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी हिस्सा होंगे। सरकारी सूत्रों का यह भी कहना है, यह संबोधन कॉरिडोर से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर आयोजित किया जाएगा। हालांकि, कार्यक्रम डेरा बाबा नानक में ही होगा।गौरतलब है कि पाक पीएम इमरान खान ने सिद्धू को अपने शपथ ग्रहण समारोह के लिए भी न्योता भेजा था, जिसे उन्होंने स्वीकार भी किया था। इस दौरान पाकिस्तान के सेना प्रमुख बाजवा और सिद्धू की एक-दूसरे के गले लगने की तस्वीर भी वायरल हुई थी। देश भर में इसे लेकर काफी विरोध भी हुआ था। यहां तक कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसे लेकर सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद कैप्टन और सिद्धू के रिश्तों में खटास बढ़ती चली गई थी।


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