कौन हैं जस्टिस एस ए बोबडे जो बनेंगे SC के अगले मुख्य न्यायाधीश, किन फैसलों में निभाई है महत्वपूर्ण भूमिका

जस्टिस बोबडे SC के अगले चीफ जस्टिस होंगे. उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसलों में अहम भूमिका निभाई है. आइए जानते हैं उनके बारे में सबकुछ..






शरद अरविंद बोबडे सुप्राीम कोर्ट के अगले चीफ जस्टिस होंगे. अगले महीने 17 तारीख को मौजूदा मुख्य न्यायाधीश रंजन गगोई रिटायर हो रहे हैं. रंजन गगोई के रिटायर होने के अगले दिन यानी  18 नवंबर को बोबडे देश के नए मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ग्रहण करेंगे. बता दें कि इसी महीने रंजन गगोई ने बोबडे को अगला मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने की सिफारिश की थी जिसपर अब राष्ट्रपति कोविंद ने मंजूरी दे दी है.


शरद अरविंद बोबडे का जन्म नागपुर में हुआ था. जस्टिस शरद अरविंद ने नागपुर विश्वविद्यालय से बी.ए. और एल.एल.बी डिग्री ली है. 1978 में जस्टिस बोबडे ने बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र को ज्वाइन किया था. इसके बाद लगातार वह बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में वकालत करते रहे. शरद अरविंद बोबडे अपर न्यायाधीश के रूप में 29 मार्च, 2000 को बॉम्बे हाई कोर्ट की खंडपीठ का हिस्सा बने. उन्होंने 16 अक्टूबर, 2012 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. 12 अप्रैल, 2013 को जस्टिस बोबडे सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बने थे. अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले के लिए गठित सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यों की पीठ में जस्टिस बोबडे भी हैं. जस्टिस एस. ए. बोबड़े 23 अप्रैल, 2021 को रिटायर होंगे.




इन महत्वपूर्ण फैसलों में शामिल रहे हैं अरविंद बोबडे


1-शरद अरविंद बोबडे बतौर न्यायाधीश कई बड़े फैसलों में शामिल रहे हैं. इनमें से आधार को लेकर सुनाया गया फैसला सबसे महत्वपूर्ण है. आधार कार्ड को लेकर जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस चेलमेश्वर और जस्टिस नागप्पन की बेंच ने फैसला सुनाया था.


2-इसके अलावा मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में जिस पीठ ने सुनवाई की उसमें भी शरद अरविंद बोबडे शामिल थे. बोबडे के अलावा इस पीठ में एन वी रमन और इंदिरा बनर्जी शामिल थे.


3-पिछले चालीस दिनों से चल रहे अयोध्या मामले पर जो संविधान की पीठ सुनवाई कर रही थी उसमें भी अरविंद बोबडे शामिल थे. अरविंद बोबडे के अलावा अयोध्या मामले पर जो पीठ में शामिल हैं वह चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस नज़ीर हैं.





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