मध्य प्रदेश: आकाशीय बिजली की चपेट में आकर पिछले 2 महीने में 150 की मौत


मौसम विशेषज्ञों ने इसके पीछे भीषण गर्मी और रेकॉर्ड बारिश आंशिक या पूरी तरह से जिम्मेदार बताया है। मॉनसून में तपती हुई जमीन के बारिश से संपर्क में आने से हीट ट्रांसफर हुई और आधे घंटे से तीन घंटे के बीच बिजली गिरने की घटनाएं हुईं।इस साल अगस्त-सितंबर में आकाशीय बिजली गिरने से पूरे देश में सबसे अधिक मौत मध्य प्रदेश में हुई हैमौसम विशेषज्ञों ने इसके पीछे भीषण गर्मी और रेकॉर्ड बारिश आंशिक या पूरी तरह से जिम्मेदार बतायामध्य प्रदेश में अगस्त सितंबर के महीने में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 150 लोगों की मौत हो गईइस साल अगस्त-सितंबर में आकाशीय बिजली गिरने से पूरे देश में सबसे अधिक मौत मध्य प्रदेश में हुई है। इन दो महीनों में करीब 150 लोग आकाशीय बिजली की चपेट में हुई। मध्य प्रदेश में पिछले दो महीनों में बिजली गिरने की 6.25 लाख रेकॉर्ड घटनाएं हुईं। इसके बाद नंबर आता है यूपी का जहां बिजली गिरने की 2.96 लाख घटनाएं हो चुकी हैं।मध्य प्रदेश में 1 अप्रैल से 1 जुलाई के बीच बिजली गिरने से 102 लोगों की मौत हो चुकी है यानी 6 महीने में कुल 250 लोग बिजली की चपेट में आ चुके हैं। मौसम विशेषज्ञों ने इसके पीछे भीषण गर्मी और रेकॉर्ड बारिश आंशिक या पूरी तरह से जिम्मेदार बताया है। एक मौसम विशेषज्ञ ने बताया, 'भीषण गर्मी की वजह से जमीन ज्यादा गर्म हो गई। मॉनसून में तपती हुई जमीन के बारिश से संपर्क में आने से हीट ट्रांसफर हुई और आधे घंटे से तीन घंटे के बीच बिजली गिरने की घटनाएं हुईं।'एमपी ने झेली भीषण गर्मी और बारिशमध्य प्रदेश ने इस बार न सिर्फ भीषण गर्मी की मार झेली जिसमें अधिकतर समय तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार रहा, बल्कि यहां औसतन 43 फीसदी अधिक बारिश भी हुई। अप्रैल से जुलाई के बीच मध्य प्रदेश 4.81 लाख बिजली गिरने की घटनाओं के मामले में पांचवें नंबर पर था लेकिन अगले दो महीने में यह आंकड़ा बढ़कर 6.24 लाख हो गया।


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