महाबलीपुरम समिट: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'आवाज' बनीं महिला आईएफएस अफसर


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग ने दो द‍िनों तक तमिलनाडु के महाबलीपुरम में अनौपचारिक बातचीत की। इस दौरान एक महिला दोनों नेताओं के साथ साए की तरह से बनी रही। आइए जानते हैं क‍ि कौन यह महिला...पीएम मोदी और शी चिनफिंग ने दो दिनों तक दोनों देशों के बीच संबंधों के बारे में अनौपचारिक बातचीत कीहिंदी भाषा बोलने में सहज महसूस करने वाले पीएम मोदी ने चीनी राष्‍ट्रपति से कई बार अकेले में बातचीत कीमोदी और शी के बीच भाषा की 'दीवार' को भारत की महिला आईएफएस अफसर ने चुटकियों में हल कर दियाआईएफएस प्रियंका सोहानी दो दिनों तक पीएम मोदी के साथ साए की तरह रहीं, उनकी बातों का अनुवाद कियाचेन्‍नैभारत के महाबलीपुरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग ने दो दिनों तक दोनों देशों के बीच संबंधों के बारे में अनौपचारिक बातचीत की। इस पूरे दौरे के दौरान हिंदी भाषा बोलने में सहज महसूस करने वाले पीएम मोदी ने मंदारिन बोलने वाले चीनी राष्‍ट्रपति से कई बार अकेले में बातचीत की। पीएम मोदी और राष्‍ट्रपति शी के बीच भाषा की इस 'दीवार' को भारत की एक महिला आईएफएस अफसर ने चुटकियों में हल कर दिया। यह महिला आईएफएस अफसर हैं प्रियंका सोहानआईएफएस प्रियंका सोहानी दो दिनों तक पीएम मोदी के साथ साए की तरह रहीं। उन्‍होंने पीएम मोदी को राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा मंदारिन में कही गई बातों को हिंदी में अनुवाद किया। इसी तरह से पीएम मोदी की हिंदी में कही गई बात को राष्‍ट्रपति शी के लिए मंदारिन में अनुवाद किया। राष्‍ट्रपति शी ने कई बार प्रधानमंत्री मोदी से भारतीय संस्‍कृति और प्रतीकों के बारे में जानकारी मांगी। इस दौरान सोहानी ने राष्‍ट्रपति शी को इसे समझने में मदद की।प्रियंका सोहानी पीएम मोदी और राष्‍ट्रपति शी के बीच अनौपचारिक किंतु बेहद महत्‍वपूर्ण बातचीत के दौरान भी मौजूद रहीं। बता दें कि वर्ष 2012 बैच की आईएफएस अधिकारी प्रियंका विदेश मंत्रालय के बेस्‍ट ट्रेनी ऑफिसर का गोल्‍ड मेडल जीत चुकी हैं। उन्‍हें बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए तत्‍कालीन विदेश सचिव सुजाता सिंह ने बिमल सान्‍याल पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया था।प्रियंका वर्ष 2016 से चीन में भारतीय दूतावास में तैनात हैं। उनका मानना है कि विदेश नीति का यह दौर काफी व्‍यापक और तेजी से बदल रहा है। इसमें अधिकारियों को कदमताल करने की जरूरत है। उन्‍होंने यूपीएससी परीक्षा में 26 रैंक हासिल की थी। वह महाराष्‍ट्र से यूपीएससी में सफल होने वाले लोगों में तीसरे नंबर पर थीं।इस बातचीत के दौरान मोदी ने कहा कि दोनों देश पिछले 2 हजार सालों के अधिकतर कालखंड में आर्थिक महाशक्ति रहे हैं और फिर दोबारा इस ओर बढ़ रहे हैं। पिछले साल वुहान बैठक का जिक्र कर मोदी ने कहा कि उसकी भावना के अनुरूप मतभेदों को विवाद की वजह नहीं बनने दिया जाएगा। इसके साथ ही एक दूसरे की चिंताओं का ख्याल भी दोनों देश रखेंगे। चीनी राष्ट्रपति भी अपने संबोधन में कहा कि वह अपने स्वागत से अभिभूत थे। उन्होंने कहा कि बैठक में दोनों के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत हुई।


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