महाराष्ट्र चुनाव में छोटी पार्टियों, निर्दलीयों को मिले बीजेपी के लगभग बराबर वोट


महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में छोटी पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों को मिले वोटों से सभी हैरान हैं। 2014 में जहां इन्हें 14% वोट मिले थे, वहीं इस बार यह आंकड़ा 24% पर पहुंच गया जबकि बीजेपी को 25.7% वोट मिले हैं।महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। इनमें से एक है 2014 के मुकाबले इस बार छोटी पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों का वोट प्रतिशत। 2014 के चुनाव में जहां छोटी पार्टियों और उम्मीदवारों ने 14% वोट हासिल किए थे, वहीं इस बार यह आंकड़ा 23% पर पहुंच गया। दिलचस्प बात यह है कि इन्हें मिले वोट बीजेपी से कुछ ही कम रह गए जिसे 25.7% वोट मिले हैं।महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में इस बार कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैंइनमें से एक है 2014 के मुकाबले इस बार छोटी पार्टियों और निर्दलीयों का वोट प्रतिशत2014 के चुनाव में छोटी राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारों ने 14% वोट हासिल किए थेवहीं इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में यह आंकड़ा 23 फीसदी पर पहुंच गयामाना जा रहा है कि बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंधन से नाराज होकर बागी बने नेताओं के निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ने के चलते ऐसा ट्रेंड देखने को मिला है। बीजेपी ने कांग्रेस-एनसीपी से आए नेताओं को टिकट दे दिए जिससे पार्टी के अंदर चाह रखने वाले नेता नाराज हो गए। करीब 50 ऐसे बागी नेता चुनाव मैदान में निर्दलीय के तौर पर उतरे और पार्टी के वोटों में सेंध लगा दी। 2014 में 7 निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव में जीत हासिल की थी जबकि इस बार यह संख्या 13 है। इनमें से 5 बागी नेता हैं।राजनीतिक विश्लेषक अभय देशपांडे का मानना है कि लोग दूसरे विकल्पों को तलाशने के लिए भी छोटी पार्टियों को वोट दे रहे हैं। उन्होंने कहा, 'अन्य के वोटों में इजाफे से संकेत मिलता है कि लोग बड़ी पार्टियों के अलावा विकल्प तलाश रहे हैं। किसी बागी के खिलाफ पड़ा वोट भी प्रतिष्ठित पार्टियों के खिलाफ गया वोट होता है।2014 में चार राष्ट्रीय पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था जिससे वोटरों के पास ज्यादा चॉइस थी। इस बार वोटरों को लगा होगा कि उनके पास विकल्प कम हैं, इसलिए उन्होंने छोटी पार्टियों और निर्दलीयों को वोट दिया।चुनाव में जीत हासिल करने वाली छोटी पार्टियों में हितेंद्र ठाकुर की बहुजन विकास आघाड़ी (3 सीटें), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (2 सीटें), पीजेंट्स ऐंड वर्कर्स पार्टी (1 सीट), समाजवादी पार्टी (2 सीटें), विनय कोरे की जन सुराज्य पक्ष (1 सीट), स्वाभिमानी पक्ष (1 सीट), प्रहार जनशक्ति पक्ष (2 सीटें), सीपीआई-एम (1 सीट) और क्रांतिकारी शेटकरी पक्ष (1) शामिल हैं।यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र: पिछली सीटें बचाने में अव्वल रही BJPछोटी पार्टियों का जोरप्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाड़ी को भले ही कोई सीट न मिली हो लेकिन उसे अच्छा वोट शेयर मिला है। वह करीब 10 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही जिनमें से 9 पर बीजेपी-सेना को जीत मिली है। इससे कांग्रेस-एनसीपी के वोटों में भी सेंध लगी है। उत्तर महाराष्ट्र की धुले सिटी में वोटरों ने छोटी पार्टियों को तरजीह दी है। यहां टॉप तीन कैंडिडेट छोटी पार्टियों के ही रहे। इस सीट पर AIMIM के फारूक अनवर शाह को जीत मिली जबकि निर्दलीय राजूबाबा कदमबंदे दूसरे और लोक संग्राम पार्टी के अनिल गोटे तीसरे स्थान पर रहे। शिवसेना के कैंडिडेट को चौथा स्थान मिला।


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