महाराष्ट्र में कौन सा दल, कैसे बनाएगा सरकार: समझिए 4 संभावनाएं


महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। बीजेपी सरकार बनाएगी तो कैसे। शिवसेना क्या सरकार बना सकती है? एनसीपी और कांग्रेस का रोल क्या होगा। ऐसे में आइए समझते हैं कि सरकार बनाने को लेकर क्या संभावनाएं हैं।महाराष्ट्र में सत्ता साझा करने को लेकर भले ही शिवसेना के तेवर तल्ख हैं पर बीजेपी को उम्मीद है कि वह सरकार में शामिल होने के लिए राजी हो जाएगी। इसी उम्मीद के साथ देवेंद्र फडणवीस गुरुवार या शुक्रवार को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। हालांकि अगर बीजेपी की सहयोगी शिवसेना महत्वपूर्ण मंत्रालयों और सीएम पोस्ट को लेकर अपने रुख नरम नहीं करती तो बीजेपी या किसी अन्य दल के पास सरकार बनाने के लिए क्या विकल्प बचेंगे, आइए समझते हैं।फडणवीस 31 अक्‍टूबर या 1 नवंबर को मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैंबीजेपी को उम्मीद, आखिर में सरकार में शामिल हो जाएगी शिवसेनाआज महाराष्ट्र में बीजेपी विधायक दल का नेता फडणवीस को चुना जा सकता हैबीजेपी राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा भी पेश कर सकती हैसबसे ज्यादा संभावनाएं इसी विकल्प की बन रही हैं। माना जा रहा है कि सरकार बनाने को लेकर बीजेपी और शिवसेना में खींचतान दरअसल दबाव बनाकर अपनी भूमिका को मजबूत करने की है। पहली बार शिवसेना ने कम सीटों पर चुनाव लड़ा है और बीजेपी को 2014 की तुलना में कम सीटें मिलीं, इस पर शिवसेना को एक मौका दिख रहा है। मंगलवार को बीजेपी और शिवसेना के नेताओं के बीच सरकार बनाने की रूपरेखा तय करने के लिए मीटिंग होने वाली थी लेकिन शिवसेना ने इसे रद्द कर दिया। हालांकि पहले भी देखा गया है कि शिवसेना के मुखपत्र सामना में पीएम मोदी पर निशाना साधा जाता है फिर भी गठबंधन चल रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले हुई डील को देखते हुए कहा जा सकता है कि मतभेद कुछ समय की बात है, आगे सरकार मिलकर ही बनेगी।बीजेपी को 288 सदस्यीय विधानसभा में 105 सीटें मिली हैं। शिवसेना अगर समर्थन नहीं देती है तो उसे सरकार बनाने के लिए 40 और सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी। बीजेपी सभी 13 निर्दलीयों का समर्थन हासिल कर लेती है, जो काफी मुश्किल काम है तो उसका आंकड़ा 118 तक पहुंच जाएगा। भगवा पार्टी को इसके बाद भी 27 सदस्यों की जरूरत होगी। छोटी पार्टियों के खाते में 16 सीटें हैं जिनमें बीजेपी की विचारधारा के विपरीत AIMIM और सीपीआई (M) पार्टियां हैं। ऐसे में इस बात की संभावना कम ही है कि ओवैसी और येचुरी बीजेपी को समर्थन देना चाहेंगे।सुनने में यह थोड़ा लीक से हटकर लगता है। हालांकि महाराष्ट्र में सरकार बनाने का एक विकल्प यह भी है। शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के पास 54 सीटें और कांग्रेस पार्टी के पास 44 सीटें हैं। अगर दोनों पार्टियां शिवसेना को बाहर से समर्थन देने का फैसला करती हैं तो पहली बार ठाकरे परिवार का सदस्य महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बन सकता है। पहली बार चुनाव जीते युवा नेता आदित्य ठाकरे के दादा को किंगमेकर कहा जाता था।पढ़ें:'सामना' को लेकर राउत का फडणवीस को जवाबबीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए शिवसेना को समर्थन देने के लिए कांग्रेस भी तैयार हो सकती है। कांग्रेस के सांसद हुसैन दलवई ने भी कहा है कि हम शिवसेना को समर्थन के बारे में सोच सकते हैं लेकिन उन्हें पहल करनी होगी। चुनाव से ठीक पहले बैंक घोटाले में पवार का नाम उछाले जाने पर 79 वर्षीय नेता बीजेपी से नाराज जरूर होंगे। ऐसे में वह आदित्य ठाकरे की अगुआई वाली सरकार को बाहर से समर्थन के बारे में सोच सकते हैं और फिर बीजेपी को विपक्ष में बैठना होगा।सीन 4: अल्पमत सरकार चलाए बीजेपी2014 में बीजेपी ने अल्पमत की सरकार चलाई थी। तब कुछ दिनों तक शिवसेना विपक्ष में रही थी और पवार की NCP ने फडणवीस सरकार को ऑक्सिजन दे दिया था। शरद पवार और अजीत पवार के खिलाफ ED के आरोपों के बीच बीजेपी की अल्पमत सरकार को बाहर से समर्थन देने के फैसले से पवार परिवार की मुश्किलें कुछ आसान हो सकती हैं।इनमें से कौन सा विकल्प फाइनल होगा, यह फिलहाल कहा नहीं जा सकता है। हालांकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ कर दिया है कि अगले 5 साल वही सीएम रहेंगे और बीजेपी की अगुआई में सरकार बनेगी


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