मप्र स्थापना दिवस / इनके एक आदेश पर स्कूलों में पढ़ाया जाने लगा था ग से गणेश की जगह ग से गधा



  • मध्यप्रदेश के गठन से पहले स्कूलों में हिंदी वर्णमाला के अक्षर देवी देवताओं के नाम से पढ़ाए जाते थे

  • प्रदेश के गठन के बाद डॉ. शंकर दयाल शर्मा को शिक्षामंत्री बनाया गया, इनके कार्यकाल में हुआ था ये बदलाव



भोपाल। मध्यप्रदेश के गठन के बाद डॉ. शंकर दयाल शर्मा को शिक्षामंत्री बनाया गया। इसके बाद 1968 में मुख्यमंत्री द्वारका प्रसाद मिश्र ने अपने मंत्रीमंडल में उद्योग मंत्री बनाया। डॉ. शंकर दयाल शर्मा के शिक्षामंत्री के कार्यकाल में ही प्रदेश के स्कूलों में ग से गणेश की जगह गधा पढ़ाया जाने लगा। इससे पहले नवाबी शासन काल में भोपाल रियासत सहित विंध्य और ग्वालियर रियासत में भी ग से गणेश पढ़ाया जाता था। हिंदी वर्णमाला के अन्य अक्षर भी हिंदु देवी देवताओं के नाम से पढ़ाए जाते थे।



स्कूलों में पहली कक्षा के छात्र-छात्राओं को ग से गणेश की जगह गधा पढ़ाए जाने के निर्णय का जमकर विरोध भी हुआ था। बताया जाता है कि उस समय डॉ. शंकर दयाल शर्मा के शिक्षा के क्षेत्र में किए गए इस बदलाव से उनकी ही पार्टी के कई नेता खुश नहीं थे। इस निर्णय की गूंज दिल्ली तक पहुंच गई तो डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने धर्म निरपेक्षता का तर्क देकर सबकी बोलती बंद कर दी।


सदन में हिंग्लिश में बोले डॉ.शर्मा


डॉ. शर्मा काफी विद्वान थे। अंग्रेजी के अच्छे ज्ञाता थे। यहां तक की उस समय अपना हर आदेश अंग्रेजी भाषा में जारी करते थे। विधानसभा में हिंदी भाषी सदस्यों से पूछे गए प्रश्न का उत्तर भी अंग्रेजी में ही देते थे। डॉ. शर्मा अंग्रेजी धाराप्रवाह में और जल्दी-जल्दी बोलते थे, कई सदस्यों को तो समझ ही नहीं आती थी। उनके इस अंग्रेजी प्रेम से विधानसभा में कई सदस्य नाखुश थे। एक बार जब डॉ. शर्मा विधायक द्वारा हिन्दी में पूछे गए प्रश्न का उत्तर अंग्रेजी में दे रहे थे तो सदस्यों ने विरोध किया, इस पर डॉ. शर्मा ने हिंग्लश में उत्तर देना शुरू कर दिया।


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