मुझे पापा की तरह ऐक्शन फिल्में भाती हैं: करण देओल


यश दीक्षित
उन्होंने 5 साल की उम्र में ही ऐक्टिंग लाइन में जाने का मन बना लिया था। वह खुद पर दबाव महसूस नहीं करते बल्कि अपने काम पर फोकस करना जरूरी मानते हैं। हम बात कर रहे हैं देओल परिवार की तीसरी पीढ़ी यानी की करण देओल की। वह अपने दादाजी (धर्मेंद्र) को शायरियां लिखते देखते थे तो उन्होंने उसे देखकर अपनी जेनरेशन के हिसाब से रैप करना शुरू कर दिया था। करण ने फैमली की फिल्मी परंपरा को आगे बढ़ा दिया है। फिल्म 'पल पल दिल के पास' से करियर की शुरुआत कर चुके करण बीते दिनों लखनऊ आए तो हमने उनसे पहली फिल्म और रियल लाइफ से जुड़े अनुभवों के बारे में जाना।फिल्में देखकर अलग दुनिया में खो जाता था
मुझे बचपन से ही फिल्में देखने का शौक रहा है। पापाजी के पास डीवीडी का बड़ा कलेक्शन है। उसकी सारी फिल्में मैं देख चुका हूं। नतीजा यह रहा कि उस उम्र में मैं दिन-दिनभर टीवी के सामने बैठा रहता था। मैं कल्पना की दुनिया में खो जाता था। कई बार फिल्म देखते-देखते इतना डूब जाता था कि खुद को ही हीरो समझने लगता था। ऐक्टिंग में मेरा इंट्रेस्ट जॉर्ज लूकस की फिल्म 'स्टार वॉर्स' देखने के बाद जागा। मैं उससे काफी प्रभावित हूं। उसके बाद से मेरा ध्यान फिल्म मेकिंग की ओर लगने लगा। मैं 12 साल की उम्र से रैप कर रहा हूं। मुझमें रैप का इंट्रेस्ट दादाजी (धर्मेंद्र) की वजह से डिवेलप हुआ। वो इसलिए क्योंकि दादाजी को शायरियां लिखते देखता था। तभी मेरे दिमाग में खयाल आया कि क्यों न अपनी पीढ़ी के हिसाब से रैप करना शुरू करूं। मेरी तमन्ना पापाजी की 'अर्जुन' और दादाजी की 'चुपके-चुपके' के रीमेक में काम करने की है। मुझे ऐक्शन फिल्में भाती हैं इसलिए चाहता हूं कि मुझे ऐक्शन करने वाले किरदार ही मिलें। दबाव में नहीं करना चाहता काम
मैं किसी तरह के दबाव में काम नहीं करता हूं। केवल अपने काम पर केंद्रित रहता हूं। असल में, मेरा काम ही लोगों की बोलती बंद कर सकता है। मैं अपने पैरंट्स के बिना कुछ भी नहीं हूं। उनके प्रति मैं हमेशा कृतज्ञ हूं। वैसे तो मां-बाप की परवरिश का कर्ज कोई नहीं उतार सकता लेकिन कोशिश की जा सकती है। जितना उन्होंने मेरे लिए किया है, उसकी कीमत अदा करने की हमेशा कोशिश करता हूं। हालांकि, स्टार किड को किसी अन्य की अपेक्षा ज्यादा आलोचना झेलनी पड़ती है। फिर भी लोग मेरे काम से देखेंगे कि मैं स्टार किड वाले टैग से कम बल्कि अपनी मेहनत से ज्यादा नाम बनाऊंगा। नकारात्मकता से बचकर भी कोई नहीं भाग सकता है। सकारात्मकता से चीजों को करने के साथ ही हमें आलोचनाओं का सामना करना भी आना चाहिए। मैं एक शर्मीला लड़का था। इस वजह से मुझे थोड़ी बहुत दिक्कतें हुईं। पहले मैंने कभी कैमरा फेस नहीं किया था लेकिन एक ऐक्टर के रूप में आने के लिए मैंने कई वर्कशॉप की हैं।
ऐक्टर की हर फिल्म हिट नहीं हो सकती
मैं बहुत ही शर्मीला लड़का हूं। इस वजह से मुझे डर था कि मैं ऐक्टिंग कर भी पाऊंगा या नहीं। 5 साल की उम्र से ही मैंने ऐक्टिंग लाइन में जाने का मन बना लिया था। जब मैं 18 साल का हुआ तो इसके लिए मैंने सबसे पहले ममी से बात की थी। उन्होंने कहा कि आपको पता है यह दुनिया किस तरह की और यहां कितना क्रिटिसिज्म है। अगर आप फेस कर सकते हो तो अच्छी बात है। फिर मैंने पापा से बातचीत की। उन्होंने कहा कि आपने मेरे करियर का उतार-चढ़ाव देखा है। मैंने भी यह चीज काफी महसूस की है क्योंकि किसी भी ऐक्टर की हर मूवी हिट नहीं हो सकती। यह उतार-चढ़ाव आपको भी फेस करने होंगे। इसके लिए आप तैयार रहें।  बॉबी चाचा ने दिए डांस टिप्स
मुझे ऐक्टिंग करने के लिए फैमिली से काफी सपॉर्ट मिला। हमारी फैमिली में बॉबी चाचा काफी अच्छा डांस करते हैं। उन्होंने मुझे डांस के बहुत टिप्स दिए हैं। मैंने फिल्म में भी डांस किया है। दादाजी ने मुझे बताया कि जो भी आपको चारों ओर देखने को मिलता है, उसे ऑब्जर्व करते रहो क्योंकि रियल लाइफ में ही आपको कई अच्छे कैरक्टर्स देखने को मिल सकते हैं इसलिए जो कुछ भी है, उससे कुछ न कुछ सीखते रहो।
सेट पर डायरेक्टर की तरह था पापा का व्यवहार
मैंने भी अपनी फिल्म के लिए ऑडिशन दिया है क्योंकि दादाजी मुझे काम करते हुए देखना चाहते थे कि मैं कैसा काम करता हूं। इसके लिए उन्होंने मुझे एक स्क्रिप्ट दी थी। वह मुझसे काफी खुश थे। शूटिंग से पहले हमने स्क्रीन टेस्ट किया था और एक सीक्वेंस शूट किया था। पापा ने उसके बाद मेरी कमियां बताई थीं कि मुझे आगे किन-किन चीजों पर काम करना है। पापा शूटिंग के वक्त बहुत स्ट्रिक्ट रहते थे, जब तक उन्हें परफेक्ट टेक नहीं मिल जाता था। वह हमारा पीछा नहीं छोड़ते थे। पापा सेट पर एक डायरेक्टर की तरह ही बर्ताव करते थे। कई बार कई सीन्स ऐसे भी हुए, जिन्हें हमें अगले दिन शूट करना पड़ा। मैं वेब सीरीज बहुत देखता हूं और उसमें काम करना चाहता हूं। मेरी इच्छा है कि मैं भी दूसरे ऐक्टर्स की तरह वेब सीरीज में दिखाई दूं।


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