निर्वासन में मणिपुर सरकार' मुद्दे पर ऐक्शन में आई सरकार, राजा लेशेम्बा ने भी की निंदा


ब्रिटेन में निर्वासन में मणिपुर सरकार का ऐलान और खुद अलगवाववादी नेता याम्बेन बिरेन द्वारा खुद को सीएम बताए जाने के मुद्दे पर मणिपुर सरकार ऐक्शन मोड में आ गई है।निर्वासन में मणिपुर सरकार' मुद्दे पर मणिपुर के सीएम एन बिरेन सिंह ने कहा- सरकार कर रही कार्रवाईएन बिरेन सिंह ने कहा कि मामले में केस दर्ज करके स्पेशल क्राइम ब्रांच इसकी जांच कर रही हैअलगवाववादी नेता याम्बेन बिरेन ने निर्वासन में सरकार का ऐलान करके खुद को बताया था मणिपुर का सीएमइम्फालब्रिटेन में मणिपुर के दो अलगाववादी नेताओं द्वारा 'निर्वासन में मणिपुर सरकार' की घोषणा के बाद सरकार ऐक्शन में आ गई है। मणिपुर के सीएम एन बिरेन सिंह ने कहा है कि मामले में स्पेशल क्राइम ब्रांच जांच कर रही है और जल्द ही इस केस को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के हवाले कर दिया जाएगा।जानकारी के मुताबिक, मणिपुर के भूतपूर्व राजा लेशेम्बा संजाओबा का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हुए मणिपुर के दो असंतुष्ट नेताओं ने मंगलवार को ब्रिटेन में 'निर्वासन में मणिपुर सरकार' की शुरुआत की घोषणा की। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में याम्बेन बिरेन ने 'मणिपुर स्टेट काउंसिल का मुख्यमंत्री' और नरेंगबाम समरजीत ने 'मणिपुर स्टेट काउंसिल का रक्षा और विदेश मंत्री' होने का दावा किया।इस मामले पर मणिपुर के सीएम एन बिरेन सिंह ने कहा, 'सरकार इसे बहुत गंभीरता से ले रही है और राज्य के खिलाफ युद्ध भड़काने के आरोप में केस भी दर्ज किया गया है। त्वरित जांच के लिए यह केस स्पेशल क्राइम ब्रांच को दे दिया गया है।' सीएम एन बिरेन सिंह ने यह भी कहा कि इस मामले पर जानकारी मिलते ही केस राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को दे दिया जाएगा क्योंकि वे कई देशों से ऑपरेट कर रहे हैं।राजा लेशेम्बा ने कड़े शब्दों में की निंदावहीं, इस मामले में नाम सामने आने के बाद मणिपुर के भूतपूर्व राजा लेशेम्बा संजाओबा ने कहा, 'मैं कड़े से कड़े शब्दों में इसकी निंदा करता हूं। यह बहुत ही हैरानी भरा है कि उन लोगों ने (दो अलगाववादियों ने) मेरा नाम उछाल दिया है। इससे समाज में नकारात्मकता फैलेगी।'प्रेस कॉन्फ्रेंस में याम्बेन बिरने और नरेंगबाम समरजीत ने कहा कि वे 'मणिपुर के महाराजा' की ओर से बोल रहे हैं और औपचारिक तौर पर निर्वासन में 'मणिपुर स्टेट काउंसिल' की सरकार शुरू कर रहे हैं। बिरेन और समरजीत ने इस दौरान दस्तावेज भी पेश किए, जिनमें यह दिखाया गया कि इस साल अगस्त में उन्हें राजनीतिक रूप से ब्रिटेन में शरण मिली है।


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