पांच टेस्ट मैदान: क्या है विराट कोहली का फॉर्म्युला, छोटे शहरों को आपत्ति क्यों


मोहाली, अहमदाबाद, कानपुर, हैदराबाद और नागपुर को देश के पारंपरिक टेस्ट सेंटर में गिना जाता है, जहां पिछले कुछ साल में बड़े मैच भी आयोजित किए गए। साल 2016 के बाद से रांची, धर्मशाला, विशाखापत्तनम, राजकोट और पुणे टेस्ट मैचों की मेजबानी कर रहे हैं और वहां की सुविधाएं भी टॉप क्लास हैं।विराट कोहली का मानना है कि भविष्य में होने वाली घरेलू सीरीज के लिए बीसीआई को पांच टेस्ट स्थलों का चयन करना चाहिएइंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में शीर्ष टीमों के दौरे पर चुनिंदा टेस्ट स्थलों पर ही होते हैं मुकाबले, दर्शकों की भी नहीं होती कमीअनुराग ठाकुर के अध्यक्ष रहते बीसीसीआई ने बदली थी नीति, तथाकथित छोटे स्थलों को भी टेस्ट की मेजबानी मिली2016 के बाद से रांची, धर्मशाला, विशाखापत्तनम, राजकोट और पुणे टेस्ट मैचों की मेजबानी कर रहे हैंदेश में टेस्ट मैच कराने को लेकर भारतीय कप्तान विराट कोहली ने एक फॉर्म्युला सुझाया है पर सभी इससे सहमत नहीं हैं। दरअसल, कप्तान कोहली का मानना है कि भविष्य में होने वाली घरेलू सीरीज के लिए बीसीसीआई को पांच टेस्ट मैदानों को चुनना चाहिए जैसा कि इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में शीर्ष टीमों के दौरे पर होता है। हालांकि कोहली के ऐसा कहने पर छोटे शहरों में मौजूद टेस्ट मैदानों की तरफ से आपत्ति जताई गई है। बीसीसीआई की कोशिश है कि क्रिकेट को पूरे भारत में दिखाया जाए। साल 2000 की शुरुआत से, जब बीसीसीआई के अध्यक्ष जगमोहन डालमिया थे, बोर्ड ने 10 टेस्ट सेंटर पॉलिसी की शुरुआत की थी। बाद में यह नीति अनुराग ठाकुर के समय में बदली और तब तथाकथित छोटे मैदानों को भी टेस्ट की मेजबानी मिली।साल 2016 के बाद से रांची, धर्मशाला, विशाखापत्तनम, राजकोट और पुणे टेस्ट मैचों की मेजबानी कर रहे हैं और वहां की सुविधाएं भी टॉप क्लास हैं। मोहाली, अहमदाबाद, कानपुर, हैदराबाद और नागपुर को देश के पारंपरिक टेस्ट सेंटर में गिना जाता है, जहां पिछले कुछ साल में बड़े मैच भी आयोजित किए गए।टॉप कॉमेंटविराट कोहली का पांच टेस्ट मैदान का सुझाव ठीक ही लग रहा है और इसे और कई क्रिकेट खेलने बाले देश पहले से ही अपना रहे हैं|Ashwani Kumarसभी कॉमेंट्स देखैंअपना कॉमेंट लिखेंपढ़ें, रेकॉर्डवीर विराट, जीत के साथ बने 'टॉप कप्तान'बीसीसीआई के पूर्व सचिव सौराष्ट्र के निरंजन शाह ने कहा कि भारत जैसे बड़े देश में यह व्यावहारिक नहीं लगता। शाह ने कहा, 'टेस्ट को आप देश के 5 शहरों तक कैसे सीमित कर सकते हो? हमारे और भी बहुत शहर हैं जहां इस खेल को लेकर काफी जुनून है। यह जरूरी है कि टेस्ट को केवल 5 मैदानों तक सीमित नहीं रखा जाए।'उधर, पंजाब क्रिकेट असोसिएशन के कोषाध्यक्ष आरपी सिंगला ने कहा कि यह सच्चाई है कि टेस्ट मैचों को देखने के लिए कम लोग आते हैं। उन्होंने कहा, 'टेस्ट के लिए लोग कहां हैं? साल भर में काफी क्रिकेट खेला जा रहा है और फैंस के बीच भी इसे लेकर परेशानी होती होगी। मोहाली एक बड़ा टेस्ट मैदान है। जो भी स्थल टेस्ट मैच आयोजित करते हैं, उन्हें दर्शक भी मिलने चाहिए।'बड़ौदा क्रिकेट असोसिएशन के पूर्व अधिकारी ने कहा कि देश में डे-नाइट टेस्ट मैचों के आयोजन की संभावना पर एक बार फिर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि डे-नाइट टेस्ट मैचों से ज्यादा दर्शक स्टेडियम में नजर आ सकते हैं।पढ़ें, विराट कोहली बोले, भारत में सिर्फ 5 टेस्ट स्थल होने चाहिएइससे पहले रांची में टेस्ट के दौरान मैदान में दर्शकों की कमी के बारे में पूछे जाने पर भारतीय कप्तान ने कहा, 'यह अच्छा सवाल है। हम काफी समय से इस बारे में चर्चा कर रहे हैं। मेरा मानना है कि टेस्ट मैचों के पांच स्थल होने चाहिए। अगर आप टेस्ट क्रिकेट को जीवंत और रोचक बनाए रखना चाहते हैं तो मैं इस बात को लेकर पूरी तरह से सहमत हूं कि अधिक से अधिक पांच टेस्ट स्थल होने चाहिए। यह इतने अधिक जगह पर नहीं होना चाहिए जहां कम लोग मैच देखने पहुंचते हैं या नहीं आते हैं।'कौन से 5 शहर रहेंगे आगेकोहली के इस सुझाव पर बीसीसीआई के निर्वाचित अध्यक्ष सौरभ गांगुली विचार कर सकते हैं। उन्होंने कहा, 'ऐसा होने से भारत दौरे पर आने वाली टीमों को भी फायदा होगा जिन्हें पता होगा कि उन्हें इन्हीं पांच जगहों में से कहीं टेस्ट खेलना होगा।' कोहली ने यह नहीं बताया कि वे कौन से पांच टेस्ट स्थल होने चाहिए लेकिन माना जा रहा है कि वह चाहते हैं कि मुंबई, कोलकाता, चेन्नै, दिल्ली और बेंगलुरु पांच मुख्य टेस्ट स्थल रहें।आपको बता दें कि बड़ी टीमों के दौरे के लिए ऑस्ट्रेलिया में मेलबर्न, सिडनी, पर्थ, ब्रिसबेन और एडिलेड पांच टेस्ट स्थल हैं। इसी तरह बड़ी टेस्ट सीरीज (एशेज / भारत) के लिए इंग्लैंड में लॉर्ड्स, ओवल, ट्रेंट ब्रिज, ओल्ड ट्रैफर्ड, एजबेस्टन, साउथैम्प्टन और हेडिंग्ले मुख्य टेस्ट स्थल हैं।


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