फेसबुक पर दिखते रहेंगे राजनीतिक विज्ञापन, ट्विटर ने लगाया है बैन


माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने जहां अपने प्लैटफॉर्म पर दिखाए जाने वाले राजनीतिक विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है, वहीं फेसबुक ने कहा है कि वह ऐसा नहीं करेगा। फेसबुक का कहना है कि ये विज्ञापन उम्मीदवारों और जागरूक समूहों के लिए 'आवाज' का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। फेसबुक का कहना है कि यह निर्णय सभी को प्लैटफॉर्म पर स्पेस देने और पारदर्शिता के लिए लिया गया है और इसका सीधे रेवन्यू से संबंध नहीं है। उन्होंने बाकी प्लैटफॉर्म्स का उदाहरण देकर भी इसे सही साबित किया।

फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने इन्वेस्टर्स कॉल में कहा, 'एक लोकतंत्र में, मुझे नहीं लगता कि निजी कंपनियों की ओर से राजनेताओं या समाचारों को सेंसर करना सही है। हालांकि, मैंने माना है कि क्या हमें इन विज्ञापनों को पहले बीत चुके घटनाक्रम से जुड़ा नहीं होना चाहिए और मैं ऐसा करना जारी रखूंगा। विचार करने के बाद संतुलन के लिए मैंने सोचा है कि हमें इसे जारी रखना चाहिए।' जकरबर्ग ने गूगल, यूट्यूब, केबल नेटवर्क और राष्ट्रीय प्रसारकों का हवाला दिया जो अपने प्लेटफार्मों पर ऐसे विज्ञापन चलाते हैं।


रेवन्यू पैदा करना मकसद नहीं


राजनीतिक विज्ञापन को विशेष रूप से उम्मीदवारों और वकालत समूहों के लिए जरूरी आवाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए, जकरबर्ग ने जोर देकर कहा कि कंपनी का यह रुख रेवन्यू पैदा करने के उद्देश्य से नहीं है। उन्होंने कहा, 'मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, एक व्यावसायिक दृष्टिकोण से, यह विवाद हमारे व्यापार के बहुत छोटे प्रतिशत पर असर डालता है, जो राजनीतिक विज्ञापन से जुड़ा है। मेरा मानना है कि बेहतर दृष्टिकोण पारदर्शिता बढ़ाने के लिए काम करना है। फेसबुक पर विज्ञापन पहले से कहीं अधिक पारदर्शी हैं।'


भारत सरकार की चेतावनी


फेसबुक, जिसकी ऐप्स फैमिली के दुनिया भर में लगभग 2.8 बिलियन यूजर्स हैं, ने सितंबर 2019 वाली तिमाही में रेवन्यू के तौर पर 17.6 बिलियन डॉलर कमाए। फेसबुक यूजर्स डेटा लीक से जुड़ी घटनाओं के बाद कानूनविदों और रेग्युलेटर्स की भारी जांच के दायरे में है, और इस प्लैटफॉर्म का उपयोग अमेरिका में 2016 के चुनावों के दौरान गलत सूचना फैलाने भी हो चुका है। चुनाव के दौरान भारत सरकार ने भी सोशल प्लैटफॉर्म्स द्वारा गलत तरीकों की मदद से देश की चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने का कोई प्रयास करने की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी।


ट्विटर ने बैन किए विज्ञापनजकरबर्ग की यह टिप्पणी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ट्विटर ने दुनिया भर में सभी तरह के पॉलिटिकल ऐडवर्टाइजिंग पर रोक लगा दी है। ट्विटर के सीईओ जैक पैट्रिक डॉर्सी ने खुद ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है। साथ ही उन्होंने राजनीतिक विज्ञापनों पर रोक लगाने के कुछ कारण भी बताए हैं। जैक अपने ने ट्वीट में कहा, 'हमने वैश्विक स्तर पर ट्विटर पर सभी राजनीतिक विज्ञापनों को रोकने का निर्णय लिया है। हमारा मानना है कि राजनीतिक संदेश पहुंचना चाहिए, खरीदा नहीं जाना चाहिए। क्यों? कुछ कारण...' यह पॉलिसी 22 नवंबर से लागू होगी।


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