राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पीएम मोदी को दिया चीन आने का न्यौता


महाबलीपुरम में राष्ट्रपति शी और पीएम मोदी की अनौपचारिक बातचीत के दौरान उन्होंने मोदी को चीन आने का न्यौता दिया है। पीएम मोदी ने उनका निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। चिनफिंग ने उन्हें तीसरे अनौपचारिक सम्मेलन का आमंत्रण दिया है।ममल्लापुरम में राष्ट्रपति शी और पीएम मोदी के बीच अनौपचारिक सम्मेलन संपन्न हुआराष्ट्रपति शी ने पीएम मोदी को चीन आने का न्योता दिया हैप्रधानमंत्री ने शी का आमंत्रण स्वीकार कर लिया है, शी ने उन्हें तीसरे अनौपचारिक सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया हैराष्ट्रपति शी ने इस तरह के अनौपचारिक सम्मेलन की तारीफ की और कहा कि आपसी समझ बढ़ाने के लिए ये उपयोगी हैंचेन्नैमहाबलीपुरम में प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच अनौपचारिक बातचीत हुई। शी ने पीएम मोदी को अगले साल होने वाले तीसरे अनौपचारिक सम्मेलन का निमंत्रण दिया। प्रधानमंत्री ने उनका आमंत्रण स्वीकार कर लिया है। तमिलनाडु के ममल्लापुरम में हुए सम्मेलन के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि राष्ट्रपति शी ने अनौपचारिक सम्मेलन की प्रशंसा की है।गोखले ने कहा, 'पीएम मोदी और प्रेजिडेंट शी ने सकारात्मक माहौल मेंअनौपचारिक सम्मेलन की तारीफ की और कहा कि इससे बातचीत में आसानी होती है और आपस में समझ बढ़ाने का भी मौका मिलता है।' उन्होंने कहा, 'उन दोनों में आगे भी ऐसी बातचीत के लिए सहमति बनी है। प्रेजिडेंट शी ने पीएम मोदी को चीन दौरे के लिए आमंत्रित किया है। पीएम मोदी ने उनका न्योता स्वीकार कर लिया है।' इस सम्मेलन की तारीख और जगह का फैसला होना अभी बाकी है।बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शुक्रवार की सुबह चेन्नै पहुंचे और ऐतिहासिक तटीय स्थान ममल्लापुरम में पीएम मोदी के साथ कई विषयो पर चर्चा की। उन्होंने व्यापार और अर्थव्यवस्था पर भी चर्चा की है। दूसरे दिन दोनों नेताओं के बीच वन-टु-वन बातचीत हई जो लगभग 1 घंटा चली। प्रतिनिधिमंडल स्तरीय चर्चा के बाद यह सम्मेलन संपन्न हुआ।चेन्नै पहुंचने के बाद राष्ट्रपति शी का स्वागत पारंपरिक अंदाज में किया गया। लोग ढोल और पारंपरिक वेशभूषा में सड़क के किनारे खड़े थे। कलाकारों ने नृत्य और गीतों से उनका स्वागत किया। पिछले साल चीन में अनौपचारिक सम्मेलन 27-28 अप्रैल को वुहान में हुआ था।शी ने कहा, 'पिछले साल जो हमने अनौपचारिक सम्मेलन किया, उसके लिए भी प्रधानमंत्री मोदी ने ही कदम आगे बढ़ाया था। वास्तम में वुहान सम्मेलन से चीन और भारत के संबंध और मजबूत हुए।' उन्होंने कहा, 'अच्छे संबंधों से विकास को गति मिली है। हमारे बीच नीतिगत संचार बढ़ा है। आपस में इस तरह की मुलाकात सांस्कृतिक विकास में भी मदद करती है। यह साबित हो गया है कि हमारे बीच ऐसी अनौपचारिक मुलाकात एक अच्छा कदम है।'


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