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शाकिब अल हसन पर दो साल का बैन- क्या हैं आरोप, नियम और सजा का प्रावधान
शाकिब अल हसन पर आईसीसी ने दो साल का बैन लगा दिया है। इसमें एक साल का बैन सस्पेंडेड है। अगर वह नियमों के अनुसार चलते हैं तो वह 29 अक्टूबर 2020 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कर सकते हैं।अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन पर किसी भी तरह के क्रिकेट से दो साल का बैन लगा दिया है। आईसीसी की ऐंटी-करप्शन कोड के आरोपों को स्वीकार करने के बाद इसमें से एक साल के बैन को सस्पेंड कर दिया गया है। आईसीसी ने शाकिब पर आर्टिकल 2.4.4 के तहत बैन लगाया है।जनवरी 2018 में ट्राई सीरीज और आईपीएल के दौरान सटोरिए ने संपर्क साधने की कोशिश की•जनवरी 2018 में ही ट्राई सीरीज के दौरान दूसरी बार सटोरिए ने संपर्क साधने की कोशिश की
•अप्रैल 2018 में सनराइजर्स बनाम हैदराबाद आईपीएल मैच से पहले किया संपर्कक्या कहता है आईसीसी का नियम
किसी भी तरह के संपर्क की जानकारी एसीयू को नहीं देने का अपराध एसीयू के कोड 2.4.4 के अंतर्गत आता है। शाकिब ने इसी नियम का उल्लंघन तीन बार किया। नियमानुसार किसी भी तरह के संपर्क की जानकारी एसीयू को तुरंत नहीं देने से मामले की छानबीन पर असर पड़ता है। इस अपराध के लिए कम से कम छह महीने और ज्यादा से ज्यादा पांच साल के बैन की सजा तय की गई है।क्या है आईसीसी का कोड ऑफ कंडक्ट 2.4.4आईसीसी के कोड ऑफ कंडक्ट के नियम 2.4.4 के तहत किसी भी खिलाड़ी को भ्रष्ट आचरण में संलिप्त होने या आईसीसी को भ्रष्टाचार रोधी नियमों का उल्लंघन करने का न्योता मिलने पर बिना किसी देरी एंटी करप्शन यूनिट से संपर्क करना चाहिए। इसमें यह भी कहा गया कि खिलाड़ी द्वारा कभी भी किसी भी तरह की देरी स्वीकार नहीं की जाएगी। खिलाड़ी को हर हाल में उस मैच, जिसके लिए उसे भ्रष्ट आचरण में शामिल होने को कहा गया है, से पहले ही इसकी जानकारी एंटी करप्शन यूनिट को देनी ही होगी।कितनी सजा का प्रावधान?
इसमें कम से कम छह महीने और अधिकतम पांच साल का बैन लगाया जा सकता है।एक साल का सस्पेंडेड बैन क्या है?
एक संदिग्ध भारतीय सटोरिए द्वारा आईपीएल समेत तीन बार पेशकश किए जाने की जानकारी नहीं देने पर बांग्लादेश के कप्तान और स्टार ऑलराउंडर शाकिब अल हसन पर इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने दो साल का बैन लगा दिया है। अब वह तीन नवंबर से शुरू हो रहे भारत दौरे पर नहीं आ सकेंगे। शाकिब पर एक साल का पूर्ण बैन और 12 महीने की अवधि का निलंबित बैन लगाया गया है। यह तब लागू होगा अगर शाकिब आईसीसी की भ्रष्टाचार निरोधक संहिता का पालन करते हैं और नियमित रूप से ऐंटीकरप्शन एजुकेशन और/अथवा रिहैब कार्यक्रमों का हिस्सा बनते हैं। अगर आईसीसी उनके रवैये से संतुष्ट रहती है तो वह 29 अक्टूबर 2020 से इंटरनैशनल क्रिकेट में वापसी कर सकते हैं।आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट (एसीयू) ने जनवरी और अगस्त में शाकिब से बात की थी। उन्होंने संदिग्ध दीपक अग्रवाल द्वारा उनसे संपर्क किए जाने की जानकारी आईसीसी को नहीं दी थी। आईसीसी की एसीयू इस व्यक्ति को जानती है और उस पर क्रिकेट में भ्रष्टाचार में लिप्त होने का संदेह है। आईसीसी ने कहा कि अग्रवाल ने तीन अलग-अलग मौकों पर शाकिब से टीम स्ट्रैटिजी और कॉम्बिनेशन के बारे में जानकारी देने को कहा था। उनमें से एक बार 26 अप्रैल 2018 को संपर्क किया गया जब शाकिब की आईपीएल टीम सनराइजर्स हैदराबाद को किंग्स इलेवन पंजाब से खेलना था। हैदराबाद ने 13 रन से जीत दर्ज की थी।आईसीसी ने कहा, '26 अप्रैल 2018 के कई मैसेज में डिलीट किए गए मैसेज भी हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि डिलीट किए गए ये मैसेज भीतरी जानकारी देने के अग्रवाल के अनुरोध के थे।' अग्रवाल ने बांग्लादेश प्रीमियर लीग के दौरान भी उनसे संपर्क किया था जब शाकिब 2017 में ढाका डाइनामाइट्स के लिए खेल रहे थे। इसके बाद जनवरी 2018 में श्रीलंका और जिंबाब्वे के साथ ट्राई सीरीज के दौरान उनसे संपर्क किया गया। आईसीसी ने कहा कि अग्रवाल, शाकिब से मिलना चाहते थे लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। बातचीत के बाद उन्हें अहसास हुआ कि अग्रवाल सटोरिया है। शाकिब पांच साल के अधिकतम प्रतिबंध से बच गए हैं लेकिन उन्हें इस फैसले के खिलाफ अपील का अधिकार नहीं होगा क्योंकि उन्होंने सजा स्वीकार कर ली है।बांग्लादेश क्रिकेट के लिए यह बहुत बड़ा झटका है। लंबे समय से बांग्लादेशी क्रिकेट टीम की रीढ़ रहे शाकिब भारत दौरे से बाहर होने के अलावा अगले साल इंडियन प्रीमियर लीग और ऑस्ट्रेलिया में 18 अक्टूबर से 15 नवंबर 2020 तक होने वाले टी20 वर्ल्ड कप में भी नहीं खेल सकेंगे। आईसीसी के निर्देशों पर उन्हें टीम के अभ्यास से भी दूर रखा गया। भारत के खिलाफ सीरीज में तीन टी20 और दो टेस्ट खेले जाने हैं। शाकिब ने सभी आरोपों सहित अपनी सजा स्वीकार ली है।
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