शी चिनफिंग की सुरक्षा: 30000 3D तस्वीरें, ड्रोन्स, 10 हजार पुलिसकर्मियों पर थी जिम्मेदारी



  • महाबलीपुरम में पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के लिए सुरक्षा के बेहद पुख्ता इंतजाम किए गए थे। 10000 पुलिसकर्मियों को सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी। ड्रोन्स कैमरों के जरिए एक-एक इंच पर सुरक्षा टीम की नजर थी।चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ममल्लापुरम (महाबलीपुरम) दौरे के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। सुरक्षा इंतजाम इस स्तर के थे कि पुलिस के पास राष्ट्रपति के होटल से चेन्नै एयरपोर्ट तक के हर जर्रे-जर्रे की 3D विजुअल जानकारी थी। यहां तक कि रास्ते में आनेवाले चट्टानों की भी पूरी जानकारी सुरक्षा टीम के पास थी। अन्ना यूनिवर्सिटी के द्वारा डिजायन किए गए 4 ड्रोन्स के जरिए 50 किमी. के रास्ते की निगरानी के इंतजाम किए गए।एक वरिष्ठ अधिकारी ने सुरक्षा इंतजाम के बारे में कहा, 'फिक्स्ड विंग ड्रोन्स के जरिए 3 सेमी. तक के रेजॉलूशन पर हमारी नजर थी जबकि गूगल स्ट्रीट व्यू मैप का रेजॉलूशन 60 सेमी. तक होता है।' सुरक्षा के लिए इलाके की छोटी से छोटी डिटेल पर नजर रखी गई थी। इसे स्पष्ट करते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ड्रोन्स के जरिए सुरक्षा का अर्थ है कि ऐसी कोई भी चीज जो 3 सेमी. के दायरे में आती है वह भी ड्रोन्स कैमरे के जरिए हमारी जद में है। सुरक्षा की मुस्तैदी इससे समझी जा सकती है कि एक कार के अंदर मौजूद हर छोटी से छोटी चीजों की भी तस्वीर सुरक्षा बलों के पास थी।पढ़ें: मोदी-चिनफिंग में ढाई घंटे डिनर पर चर्चा, आतंकवाद पर चर्चापुलिस कंट्रोल रूम को मिल रहे थे लाइव विजुएलएरियल सर्विलांस के साथ ही 6 और क्वॉडकॉप्टर ड्रोन्स भी सुरक्षा के लिए लगे हुए थे जिनके जरिए विजुअल्स की लाइव फीड पुलिस कंट्रोल रूम के पास थी। तमिलनाडु की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) पुलिस कंट्रोल रूम सेंट्रल का नेतृत्व कर रही थी। अन्ना यूनिवर्सिटी के रिसर्च करनेवाले छात्रों को यह ट्रेनिंग देने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, छात्रों को भी आखिरी मौके तक नहीं पता था कि यह सारा इंतजाम चीनी राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए किया जा रहा है।शी चिनफिंग के साथ PM की मंदिर में मुलाकात100 मीटर ऊंचाई से 10 दिनों तक ली गई तस्वीरें30000 से अधिक 14 मेगापिक्सल की हाई रेजॉलूशन तस्वीरें 10 दिनों तक लगातार 100 मीटर की ऊंचाई से खींची गई। एक बैकेंड टीम ने इन सबको जोड़कर ऑर्थो मैप या डिजिटल सरफेस मैप तैयार किया। बाद में इन तस्वीरों को 3D विजुअल में कन्वर्ट किया गया और इन्हें मोबाइल ऐप में फीड किया गया, जिसका प्रयोग सिर्फ सिक्यॉरिटी टीम ही कर सकती थी।शी चिनफिंग की सुरक्षा: 30000 3D तस्वीरें, ड्रोन्स, 10 हजार पुलिसकर्मियों पर थी जिम्मेदारीमहाबलीपुरम में पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के लिए सुरक्षा के बेहद पुख्ता इंतजाम किए गए थे। 10000 पुलिसकर्मियों को सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी। ड्रोन्स कैमरों के जरिए एक-एक इंच पर सुरक्षा टीम की नजर थी।टाइम्स न्यूज नेटवर्क | चीन के राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए 4 ड्रोन्स अन्ना यूनिवर्सिटी के छात्रों ने डिजायन कियाशी और PM मोदी की सुरक्षा की जिम्मेदारी 10000 पुलिसकर्मियों पर थी10 दिनों तक लगातार 30000 तस्वीरों के जरिए चप्पे-चप्पे की सुरक्षा सुनिश्चित की गईएरियल सर्विलांस के साथ 6 और क्वॉडकॉप्टर ड्रोन्स भी सुरक्षा के लिए लगाए गए थेराम चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ममल्लापुरम (महाबलीपुरम) दौरे के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। सुरक्षा इंतजाम इस स्तर के थे कि पुलिस के पास राष्ट्रपति के होटल से चेन्नै एयरपोर्ट तक के हर जर्रे-जर्रे की 3D विजुअल जानकारी थी। यहां तक कि रास्ते में आनेवाले चट्टानों की भी पूरी जानकारी सुरक्षा टीम के पास थी। अन्ना यूनिवर्सिटी के द्वारा डिजायन किए गए 4 ड्रोन्स के जरिए 50 किमी. के रास्ते की निगरानी के इंतजाम किए गए।सुई से भी बारीक चीजों पर थी सुरक्षा बलों सभी कॉमेंट्स देखैंअपना कॉमेंट लिखेंएक वरिष्ठ अधिकारी ने सुरक्षा इंतजाम के बारे में कहा, 'फिक्स्ड विंग ड्रोन्स के जरिए 3 सेमी. तक के रेजॉलूशन पर हमारी नजर थी जबकि गूगल स्ट्रीट व्यू मैप का रेजॉलूशन 60 सेमी. तक होता है।' सुरक्षा के लिए इलाके की छोटी से छोटी डिटेल पर नजर रखी गई थी। इसे स्पष्ट करते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ड्रोन्स के जरिए सुरक्षा का अर्थ है कि ऐसी कोई भी चीज जो 3 सेमी. के दायरे में आती है वह भी ड्रोन्स कैमरे के जरिए हमारी जद में है। सुरक्षा की मुस्तैदी इससे समझी जा सकती है कि एक कार के अंदर मौजूद हर छोटी से छोटी चीजों की भी तस्वीर सुरक्षा बलों के पास थी।पढ़ें: मोदी-चिनफिंग में ढाई घंटे डिनर पर चर्चा, आतंकवाद पर चर्चापुलिस कंट्रोल रूम को मिल रहे थे लाइव विजुएलएरियल सर्विलांस के साथ ही 6 और क्वॉडकॉप्टर ड्रोन्स भी सुरक्षा के लिए लगे हुए थे जिनके जरिए विजुअल्स की लाइव फीड पुलिस कंट्रोल रूम के पास थी। तमिलनाडु की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) पुलिस कंट्रोल रूम सेंट्रल का नेतृत्व कर रही थी। अन्ना यूनिवर्सिटी के रिसर्च करनेवाले छात्रों को यह ट्रेनिंग देने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, छात्रों को भी आखिरी मौके तक नहीं पता था कि यह सारा इंतजाम चीनी राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए किया जा रहा है।शी चिनफिंग के साथ PM की मंदिर में मुलाकाततमिलनाडु के महाबलीपुरम के प्राचीन मंदिरों का भ्रमण PM मोदी ने चीन के राष्ट्रपति के साथ किया। इस दौरान दोनों ही देशों के शीर्ष नेताओं का बहुत सहज और हटकर अंदाज देखने को मिला।पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद चीन के राष्ट्रपति की अगवानी की। दोनों नेताओं ने ऐतिहासिक महत्व के स्मारकों का भ्रमण किया। इस दौरान पीएम और शी लगातार बात करते नजर आए। तस्वीर: शोर मंदिर के प्रांगण में PM और शीशी चिनफिंग के साथ शोर मंदिर का भ्रमण करने के दौरान पीएम मोदी ने खुद चीनी राष्ट्रपति को मंदिर के ऐतिहासिक महत्व और स्थापत्य के बारे में जानकारी दी। इस दौरान शी भी PM को काफी ध्यान से सुनते नजर आए।पीएम मोदी और शी चिनफिंग ने कृष्णा बटरबॉल का भ्रमण किया। करीब 250 टन वजनी यह प्राकृतिक चट्टान पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। इस चट्टान के बारे में कहा जाता है कि 1200 साल से यह एक ही स्थान पर है। ढलान पर होने के बाद भी यह भारी भरकम चट्टान सदियों से एक ही जगह जमी है।जहां अर्जुन ने की तपस्या, वह जगह भी देखा चीन मंदिरों को दिखाते हुए पीएम मोदी और शी चिनफिंग अर्जुन की तपस्यास्थली पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति के बीच काफी अच्छी बॉन्डिंग देखने को मिली। पीएम मोदी इस ऐतिहासिक स्थल के बारे में शी को कुछ बताते हुए भी नजर आए।मंदिरों के भ्रमण के लिए पीएम मोदी ने तमिलनाडु का पारंपरिक वेष्टि और अंगवस्त्रम चुना। चीन के राष्ट्रपति भी अनौपचारिक मुलाकात में कैजुअल पैंट और सफेद शर्ट में पहुंचे। बाद में शाम ढलने के बाद चीनी राष्ट्रपति ने एक जैकेट भी पहना।100 मीटर ऊंचाई से 10 दिनों तक ली गई तस्वीरें30000 से अधिक 14 मेगापिक्सल की हाई रेजॉलूशन तस्वीरें 10 दिनों तक लगातार 100 मीटर की ऊंचाई से खींची गई। एक बैकेंड टीम ने इन सबको जोड़कर ऑर्थो मैप या डिजिटल सरफेस मैप तैयार किया। बाद में इन तस्वीरों को 3D विजुअल में कन्वर्ट किया गया और इन्हें मोबाइल ऐप में फीड किया गया, जिसका प्रयोग सिर्फ सिक्यॉरिटी टीम ही कर सकती थी।पढ़ें : महाबलीपुरम में चीन के राष्ट्रपति से तमिल परिधान में मिले मोदी, समझें इसके मायने10000 पुलिसकर्मियों को सौंपी गई थी सुरक्षा की जिम्मेदारीसेंटर फॉर एयरोस्पेस रिसर्च के के सेंथिल कुमार ने कहा कि इससे पुलिसकर्मियों को सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील स्थानों की पहचान करने में मदद मिली। उन जगहों पर खास तौर पर पुलिस ने व्यक्तिगत स्तर पर सुरक्षा का मुआयना किया। एक सूत्र ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों की नियुक्ति स्टेशन के टेरेस पर पूरे रास्ते में की गई। इसके साथ ही मेट्रो रेल स्टेशनों पर अतिरिक्त सुरक्षा का इंतजाम था। 4 डीजीपी रैंक के अधिकारी, 16 एसपी रैंक और 10000 सुरक्षाकर्मियों को महत्वपूर्ण दौरे की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया।


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