शिवसेना अड़ी तो उसके बिना भी सरकार का गठन कर सकती है बीजेपी, 2014 के फॉर्म्युले पर करेगी काम


शिवसेना ने बीजेपी से 50-50 फॉर्म्युले पर अमल करते हुए 2.5 साल के लिए सीएम पद को लेकर लिखकर देने को कहा है तो दूसरी तरफ बीजेपी अब उसके बगैर ही सरकार गठन के विकल्पों पर विचार कर रही है। बीजेपी के सूत्रों ने कहा कि हमारे लिए शिवसेना की मांग को मानना मुश्किल होगा।महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने भले ही बहुमत हासिल कर लिया है, लेकिन दोनों के बीच की खींचतान ने एक अनिश्चितता की स्थिति पैदा कर दी है। एक तरफ शिवसेना ने बीजेपी से 50-50 फॉर्म्युले पर अमल करते हुए 2.5 साल के लिए सीएम पद को लेकर लिखकर देने को कहा है तो दूसरी तरफ बीजेपी अब उसके बगैर ही सरकार गठन के विकल्पों पर विचार कर रही है। 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है। बीजेपी के पास 105 विधायक हैं तो शिवसेना के 56 हैं, जबकि एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। इसके अलावा 13 निर्दलीय विधायक हैं। ऐसे में बीजेपी के पास यदि 13 निर्दलीय विधायकों के समर्थन के अलावा एनसीपी का समर्थन आ जाता है तो फिर वह शिवसेना के बगैर भी सरकार का गठन कर सकती है।सीएम पद को लेकर शिवसेना की जिद के चलते बीजेपी अकेले ही सरकार गठन के लिए दावा पेश कर सकती है2014 की तरह ही सरकार गठन के बाद सदन में बहुमत साबित करने की रणनीति अपना सकती है बीजेपीबीजेपी के सूत्रों ने कहा कि 105 सीटें जीतने के बाद भी शिवसेना से सीएम पद समझौता मुमकिन नहीं हैचुनाव के पहले से ही सीएम पद अपने पास रखने की बात करती आई बीजेपी ने कहा है कि बुधवार को वह अपने विधायक दल के नेता का चुनाव करेगी। इसके बाद सरकार गठन के लिए दावा पेश किया जाएगा, भले ही शिवसेना साथ आए या फिर नहीं। शनिवार को पार्टी के नए चुने 56 विधायकों संग मीटिंग के बाद उद्धव ठाकरे ने मीडिया से कहा कि वह बीजेपी से 50-50 फॉर्म्युले पर लिखित आश्वासन चाहते हैं। इसमें कैबिनेट पोर्टफोलियो का एक समान बंटवारा भी शामिल है।पढ़ें, उद्धव अड़े, फडणवीस बोले- हम देंगे स्थिर सरकारबीजेपी के सूत्रों ने कहा कि चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने और 105 सीटें हासिल करने के बाद भी हमारे लिए इस तरह से शिवसेना की मांग को मानना मुश्किल होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक यदि शिवसेना बीजेपी के सीएम को लेकर राजी नहीं होती है तो फिर देवेंद्र फडणवीस अल्पमत की सरकार का गठन कर सकते हैं, जैसा कि उन्होंने 2014 में किया था। भले ही तब उन्होंने अल्पमत की सरकार का गठन किया था, लेकिन शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने उन्हें बिना शर्त समर्थन दे दिया था।शिवसेना को CM पद न देने पर अड़ी बीजेपी2014 में बीजेपी और शिवसेना ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। तब बीजेपी को 122 और शिवसेना को 63 सीटें हासिल हुई थीं। बीजेपी के एक सीनियर लीडर ने कहा, 'सीएम का पद शिवसेना को देने का कोई सवाल ही नहीं उठता। हम नहीं मानते कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ विधानसभा चुनाव के बाद सीएम के पद को साझा करने को लेकर कोई करार हुआ होगा।'यह भी पढ़ें, महाराष्ट्र: 176 MLA दागी, 140 पर गंभीर आरोपठाकरे बोले, उम्मीद है विकल्पों पर विचार नहीं करना पड़ेगादूसरी तरफ मातोश्री से उद्धव ठाकरे ने बीजेपी से दूसरे विकल्पों पर विचार करने की बात कही है। शिवसेना के विधायक प्रताप सरनायक ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि पार्टी को दूसरे विकल्पों पर विचार के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। ठाकरे ने विधायकों से मीटिंग में कहा कि चुनाव बाद समझौते पर फैसला होने तक हम बीजेपी को राज्यपाल के पास जाकर दावा नहीं ठोकने देंगे। सूबे में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 8 नवंबर को समाप्त होना है।13 निर्दलीय विधायकों ने BJP को दिया समर्थनबीजेपी सूत्रों का कहना है कि एक बार सीएम पद पर फडणवीस बैठ गए तो फिर उन्हें बहुमत साबित करने के लिए कुछ दिनों का वक्त मिलेगा। करीब 13 निर्दलीय विधायकों के समर्थन का बीजेपी दावा कर रही है, जो बीजेपी और शिवसेना के बागी हैं। गुरुवार को नतीजे आने के बाद ही कई निर्दलीय विधायकों ने सरकार को समर्थन करने की बात कही थी। यहां तक कि कई लोगों ने देवेंद्र फडणनीस को इस संबंध में लिखित आश्वासन भी दिया है। बीजेपी का मानना है कि यदि फडणवीस सीएम बनते हैं तो फिर आसानी से बहुमत हासिल कर लिया जाएगा।


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