सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या पर सुनवाई से सहारा चीफ सुब्रत रॉय को मिल रही राहत!


अयोध्या जमीन विवाद में नियमित सुनवाई से सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत रॉय को राहत मिली है। जमाकर्ताओं के रुपये न लौटाने के मामले से जुड़े अवमानना केस में सुप्रीम कोर्ट ने 28 फरवरी को व्यक्तिगत पेशी के लिए सहारा चीफ को समन भेजा था, लेकिन 8 महीने बाद भी अभी तक उस केस की लिस्टिंग नहीं हुई है।सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या पर नियमित सुनवाई सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय के लिए एक तरह से राहत लेकर आई हैजमाकर्ताओं के पैसों को जमा न करने पर अवमानना केस में कोर्ट ने 28 फरवरी को रॉय को पेश होने को कहा थासीजेआई गोगोई की बेंच पहले राफेल और बाद में अयोध्या पर सुनवाई में व्यस्त, इसलिए अभी तक सहारा केस की लिस्टिंग नहींधनंजय महापात्र, नई दिल्लीअयोध्या जमीन विवाद में नियमित सुनवाई से सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत रॉय को राहत मिली है। दोनों मामलों का एक दूसरे से दूर तलक कोई संबंध नहीं है फिर राहत क्यों? दरअसल जमाकर्ताओं के 25,781 करोड़ रुपये न लौटाने के मामले से जुड़े अवमानना केस में सुप्रीम कोर्ट ने 28 फरवरी को व्यक्तिगत पेशी के लिए सहारा चीफ को समन भेजा था, लेकिन 8 महीने बाद भी अभी तक उस केस की लिस्टिंग नहीं हुई है। इस तरह सुब्रत रॉय को सुप्रीम कोर्ट में व्यक्तिगत पेशी से राहत मिल गई।इस साल 31 जनवरी को सीजेआई रंजन गोगोई और जस्टिस ए. के. सिकरी व जस्टिस संजय किशन कौल ने सुब्रत रॉय को 28 फरवरी को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को कहा था। यह मामला सहारा के 3 करोड़ जमाकर्ताओं के धन को न लौटाने से जुड़ा हुआ है। 31 अगस्त 2012 को सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को जमाकर्ताओं की पूंजी को ब्याज सहित मार्केट रेग्युलेटर सेबी के पास जमा करने का आदेश दिया था।अपने आदेश का पालन न होने पर 14 मार्च 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने सहारा चीफ सुब्रत रॉय और सहारा ग्रुप के 2 अन्य डायरेक्टरों को अवमानना के लिए जेल भेज दिया। रॉय मई 2016 तक जेल में रहे थे। कोर्ट ने उन्हें शर्तों के साथ जमानत दे दी थी।इस साल 31 जनवरी को सेबी के वकील प्रताप वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सहारा ने 25,781 करोड़ रुपये में से 5,781 करोड़ रुपये की किस्त जमा नहीं की है। इसके बाद कोर्ट ने रॉय को 28 फरवरी को उन्हें व्यक्तिगत तौर पर पेश होने का आदेश दिया। बाद में कोर्ट ने 28 फरवरी की सुनवाई रद्द कर दी लेकिन सहारा चीफ को कड़ी फटकार लगाई।इस बीच 6 मार्च को जस्टिस सिकरी रिटायर हो गए, इस वजह से सीजेआई को नई बेंच गठित करनी होगी। सहारा का मामला सूचीबद्ध ही नहीं हुआ। नई बेंच बनती उससे पहले ही सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच राफेल फाइटर जेट की सुनवाई में व्यस्त हो गई जो मार्च से लेकर 10 मई तक चली, जब बेंच ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। गर्मियों की छुट्टी के बाद जब कोर्ट दोबारा खुला तो सीजेआई की अगुआई वाली बेंच अयोध्या मामले की सुनवाई में बिजी हो गई। 17 अक्टूबर तक अयोध्या मामले की सुनवाई चलेगी। बाद में 28 अक्टूबर से 2 नवंबर तक सुप्रीम कोर्ट में दीपावली की छुट्टियां रहेंगी। 17 नवंबर को सीजेआई रंजन गोगोई रिटायर होने वाले हैं और तबतक अगर सहारा का मामला सूचीबद्ध नहीं हुआ तो अगले सीजेआई ही इसके लिए नई बेंच का गठन करेंगे।


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