तमिलनाडु: बोरवेल में गिरा 2 साल का मासूम, बचाने में जुटीं एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत 15 टीमें


दो साल का बी. सुजीत विल्सन शुक्रवार शाम को बोरवेल में गिर गया था, लेकिन अब तक उसे निकाला नहीं जा सका है। फिलहाल विल्सन को बचाने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित 15 प्राइवेट रेस्क्यू टीमें भी जुटी हैं।यदि आप लिफ्ट में हों और एक पल के लिए भी बंद हो जाए तो सोचिए कितनी घबराहट होती है। ऐसे में यह सोचना भी मुश्किल है कि तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले के एक गांव में 70 फुट नीचे बोरवेल में गिरे 2 साल के मासूम पर क्या गुजर रही होगी। दो साल का बी. सुजीत विल्सन शुक्रवार शाम को बोरवेल में गिर गया था, लेकिन अब तक उसे निकाला नहीं जा सका है। फिलहाल विल्सन को बचाने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित 15 प्राइवेट रेस्क्यू टीमें भी जुटी हैं।तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में बोरवेल में गिरे दो साल के सुजीत को बचाने के लिए एनडीआरएफ सहित 15 रेस्क्यू टीम जुटीयह बच्चा शुक्रवार शाम लगभग 5:30 बजे बोरवेल में गिर गया था और 30 फुट की गहराई में जाकर अटक गयाइसके बाद रात में वह और नीचे सरकते हुए 70 फुट की गहराई में जाकर फंस गया, मासूम को बचाने का प्रयास अब भी जारीयह बच्चा शुक्रवार शाम लगभग 5:30 बजे बोरवेल में गिर गया था और 30 फुट की गहराई में जाकर अटक गया। इसके बाद रात में वह और नीचे सरकते हुए लगभग 70 फुट की गहराई में जाकर फंस गया। मासूम को बचाने के प्रयास अब भी जारी हैं, लेकिन अब तक बचाव दल को कामयाबी नहीं मिल पाई है। अब प्रशासन और बचाव दल अब बोरिंग मशीन से बोरवेल के समानांतर में एक और गड्ढा खोद रहा है, जिससे बचाव दल मासूम तक पहुंच पाए। इसके लिए तीन फायरमैन को भेजा जाएगा।सरकार पर बरसे कमल हसनइस बीच ऐक्टर से राजनेता बने कमल हासन ने बोरेवेल में मासूम के गिरने के लिए सीधे तौर पर राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि बोरेवेल को खुला छोड़ देना गंभीर अपराध है और संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों पर जुर्माना लगना चाहिए। वहीं ऐक्टर रजनीकांत ने कहा कि वह पीड़ित परिवार की संवेदना को समझते हैं और मासूम को जल्द से जल्द बाहर निकालने का प्रयास जारी रखना चाहिए।इधर, स्थानीय लोगों का कहना है कि अब कोई चमत्कार ही इस मासूम को बचा सकता है। तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सी. विजया भास्कर ने बताया कि बोरवेल में ऑक्सिजन की आपूर्ति की जा रही है। बच्चे के 70 फुट नीचे फिसल जाने के बाद अधिकारी उसके रोने की आवाज नहीं सुन पा रहे हैं।दमकल विभाग और अन्य बचाव दल भी शुक्रवार शाम से ही बच्चे को बचाने की कोशिश में जुटे हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के कुल 70 सदस्य बचाव कार्य में शामिल हैं। शुरुआत में बच्चे तक पहुंचने के लिए बोरवेल के पास गड्ढा खोदने के लिए मशीनों को काम पर लगाया गया, लेकिन इलाका चट्टानी होने के कारण इसे बीच में ही रोक दिया गया।इसे तोड़ने के प्रयास से कंपन पैदा होती है, जो बोरवेल के अंदर मिट्टी को धकेल सकती है, जिससे बच्चा और अधिक गहराई में पहुंच सकता है। बाद में बचाव दल ने एक विशेष उपकरण 'बोरवेल रोबॉट' का इस्तेमाल किया, लेकिन वह भी सफल नहीं रहा।कई टीमों ने अपनी-अपनी तकनीकों के साथ बच्चे को बचाने की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्य से सभी असफल रहे। इसके अलावा, बच्चे को बचाने के लिए अलग-अलग प्रकार की तकनीकें अपनाई जा रही हैं। शनिवार सुबह करीब 3:30 बजे रस्सी की गांठ, जो 30 फुट पर बच्चे को पकड़े हुए थी, वह निकल गई और बच्चा नीचे गिर गया। इधर, सोशल मीडिया पर भी मासूम सुजीत को बचाने के लिए दुआ मांगी जा रही है।


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