यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, मंदिरों पर कानून क्यों नहीं?


यह मामला बुलंदशहर के करीब 300 वर्ष पुराने श्री सर्वमंगला देवी बेला भवानी मंदिर के प्रबंधन से जुड़ा है। मंदिर में स्थानीय ही नहीं दूरदराज से लोग दर्शन के लिए आते हैं।बुलंदशहर के एक मंदिर के मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाईयोगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को लगाई फटकारकोर्ट ने कहा, मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए कानून क्यों नहीं?नई दिल्लीसुप्रीम कोर्ट ने बुलंदशहर स्थित सर्वमंगला बेला भवानी मंदिर मामले में यूपी सरकार को फटकार लगाई है। मंगलवार को SC ने यूपी सरकार से कहा कि राज्य में मंदिरों और धार्मिक संस्थाओं को नियंत्रित करने के लिए कोई कानून क्यों नहीं है? कोर्ट ने निर्देश दिया कि यूपी सरकार इस संबंध में कानून बनाने पर विचार करे, जिसके तहत सरकार गलत प्रबंधन के आरोपों पर मंदिर व धार्मिक संस्था का मैनेजमेंट अपने अधिकार क्षेत्र में ले सके।टॉप कॉमेंटकोर्ट को बड़ा दर्द हुआ केवल मंदिर ही क्यू आतंकी नापाक मस्जिद और गुरुद्वारा नापाक चर्च भी है उसका नाम क्यू नेही लिया ????? सरकार कोई कोर्ट का ग़ुलाम नेही है जो आदेश देगाRAJA ANERJEEसभी कॉमेंट्स देखैंअपना कॉमेंट लिखेंसुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब केंद्र सरकार का कानून है और अन्य राज्यों ने भी अपने यहां मंदिरों का प्रबंधन करने के लिए मंदिर बोर्ड बनाए हैं तो यूपी के पास उचित कानून क्यों नहीं है? SC ने आगे कहा कि यूपी सरकार 6 सप्ताह में जवाब दे कि वह इस संबंध में कानून ला रहे हैं। आपको बता दें कि पिछले सप्ताह यूपी के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित हुए थे। पिछली सुनवाई में SC ने कहा था कि यूपी में जंगलराज चल रहा है, यहां कोई कानून नहीं है।यह मामला बुलंदशहर के करीब 300 वर्ष पुराने श्री सर्वमंगला देवी बेला भवानी मंदिर के प्रबंधन से जुड़ा है। मंदिर में स्थानीय ही नहीं दूरदराज से लोग दर्शन के लिए आते हैं।पिछली सुनवाई में कोर्ट ने यूपी सरकार के वकील से पूछा था कि राज्य में कोई ट्रस्ट या सहायतार्थ ट्रस्ट क्या है? क्या वहां मंदिर और सहायतार्थ चंदे को लेकर कानून है? इस पर वकील ने कहा कि इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। इस पर पीठ ने नाराजगी जताई थी।
आपको बता दें कि विजय प्रताप सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें मंदिर के चढ़ावे को वहां काम करने वाले पंडों को दे दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट में इसी मामले की सुनवाई चल रही है।


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