यूपी उपचुनाव: क्‍या आजम खान के किले पर लहराएगा बीजेपी का झंडा?


इन उपचुनावों में सबसे अधिक चर्चित सीट रामपुर की है। यहां से सांसद आजम खान की पत्‍नी तंजीन फातिमा समाजवादी पार्टी की प्रत्‍याशी हैं। यहां बीजेपी के सामने मुश्किल यह आ सकती है कि रामपुर में करीब 65 फीसदी आबादी मुस्लिम है।यूपी में 21 अक्‍टूबर को हुए उपचुनाव में 11 सीटों पर मतदान हुआ इनमें तीन सीटें रामपुर, गंगोह और इगलास अहम हैंरामपुर से आजम खान की पत्‍नी तंजीन फातिमा एसपी प्रत्‍याशी हैं यहां से अभी तक कोई गैरमुस्लिम कैंडिडेट नहीं जीता हैअगर बीजेपी हारती है तो आजम खान का कद बढ़ना तय है, एसपी संदेश देगी कि जनता ने सरकार के खिलाफ वोट दियाशादाब रिजवी, मेरठउत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटें कौन जीतेगा, इस पर से गुरुवार को पर्दा उठ जाएगा। इनमें पश्चिमी यूपी की तीन सीटें रामपुर, गंगोह और इगलास अहम हैं। इन परिणामों से साबित होगा कि क्‍या बीजेपी एसपी के वरिष्‍ठ नेता आजम खान के गढ़ रामपुर को ध्‍वस्‍त कर पाएगी? इसी के साथ यह भी पता चलेगा कि क्‍या गैर-बीजेपी दल बीजेपी के कब्‍जे वाली गंगोह और इगलास सीट पर फिर से कमल खिलने से रोकने में कामयाब हो पाएंगे या नहीं।इन उपचुनावों में सबसे अधिक चर्चित सीट रामपुर की है। यहां से सांसद आजम खान की पत्‍नी तंजीन फातिमा समाजवादी पार्टी की प्रत्‍याशी हैं। यहां बीजेपी के सामने मुश्किल यह आ सकती है कि रामपुर में करीब 65 फीसदी आबादी मुस्लिम है। इस सीट से कभी कोई गैर-मुस्लिम कैंडिडेट नहीं जीता है।पढ़ें: रामपुर उपचुनाव: आजम खान के घर के पास पकड़े गए फर्जी बूथ एजेंटतीन तलाक को मिलेगा श्रेयलेकिन अगर इस बार बीजेपी को यहां जीत हासिल होती है तो पार्टी इसे हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की नई मिसाल के तौर पर पेश कर सकती है। इसके लिए तीन तलाक बिल, सबका साथ, स‍ब‍का विकास, सबका विश्‍वास नारे को श्रेय दिया जाएगा। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता और रामपुर के संगठन प्रभारी डॉक्टर चंद्रमोहन का कहना है कि रामपुर में इस बार इतिहास लिखा जाएगा, परिणाम चौंकाने वाले होंगे।बीजेपी हारी तो बढ़ेगा आजम का कदलेकिन अगर बीजेपी हारती है तो ऐसी स्थिति में आजम खान का कद बढ़ना तय है। समाजवादी पार्टी संदेश देगी कि जनता सच के साथ है और जनता ने सरकार और प्रशासन की गलत कार्रवाई के खिलाफ वोट दिया है।गंगोह सीट पर दो साल में चार बार चुनावसहारनपुर की गंगोह विधानसभा सीट को बीजेपी लकी मानती हैं। साल 2014, 2017, 2019 के चुनावों में पार्टी ने सहारनपुर को काफी अहमियत दी। फिलहाल गंगोह सीट बीजेपी के पास है। इस सीट पर दो साल में चार बार वोटिंग हो चुकी। गगोह सीट कैराना लोकसभा सीट का हिस्सा है। 2017 में विधानसभा में बीजेपी के प्रदीप चौधरी जीते थे। 2018 के लोकसभा उपचुनाव में एसपी-आरएलडी उम्मीदवार तबस्सुम हसन जीती थीं। 2019 में कैराना लोकसभा सीट से गंगोह विधायक प्रदीप चौधरी बीजेपी से सांसद बने थे, अब चौथी बार उपचुनाव में फिर वोटिंग हुई।रिजर्व सीट इगलास पर बीएसपी की पैनी नजरइगलास सीट बीजेपी के पास है उपचुनाव में एसपी ने आरएलडी को समर्थन दिया था। कांग्रेस, बीएसपी और बीजेपी मैदान में हैं। हालांकि दलितों की राजनीति करने वाली बीएसपी रिजर्व सीटों पर कमजोर साबित रहती है और बीजेपी मजबूत। आरएलडी के लिए मजबूत इस सीट पर उनके कैंडिडेट का नामांकन खारिज हो गया था। वहां बीजेपी, बीएसपी और कांग्रेस में जंग है।


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