राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब कारसेवकपुरम के पास स्थित कार्यशाला में मंदिर के पत्थर, बीम के पत्थर, छज्जे, पिलर तराशने का काम फिर शुरू करने की तैयारी होने लगी है।
अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद रामनगरी में मंदिर निर्माण की तैयारियां तेज हो गई हैं। दो मंजिल के प्रस्तावित राम मंदिर की रूपरेखा पहले से तैयार हो चुकी है। पहली मंजिल का काम तकरीबन पूरा बताया जा रहा है। अयोध्या में कारसेवकपुरम के पास मौजूद कार्यशाला में प्रस्तावित मंदिर के लिए पत्थरों को तराशने का काम कुछ अरसे से बंद है। यहां का काम देख रहे गुजरात के आर्किटेक्ट अन्नू भाई सोमपुरा को फैसले तक इंतजार करने को कहा गया था। अब जब मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है तो इस कार्यशाला में जल्द औजारों की आवाज फिर गूंजेगी।
- सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन राम जन्मभूमि न्यास को सौंपने का दिया था आदेश
- कोर्ट के इस फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है
- कारसेवकपुरम के पास मौजूद कार्यशाला में जल्द ही औजारों की आवाज गूंजेगी
- अभी 106 पिलर, छतें, नींव के पत्थर और उसके ऊपर लगने वाले पत्थर तैयार हैं
- अन्नू भाई ने अहमदाबाद से फोन पर बताया कि 212 पिलर पर बनने वाले राम मंदिर के लिए अभी और पत्थर तराशे जाने हैं। माना जा रहा है कि 20 लाख घनफुट पत्थरों की जरूरत और होगी। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के मॉडल के मुताबिक, मंदिर बनने में 4-5 साल लगेंगे। पुराने पत्थरों को साफ करने से नए पत्थर तराशने तक, काफी काम बचा है। वह बताते हैं कि भूतल का काम पूरा है। ऊपर की मंजिल के लिए काम करना होगा। वीएचपी के संगठन मंत्री त्रिलोकीनाथ पांडेय कहते हैं कि पत्थर भरतपुर की खदान से आने हैं। इशारा मिलते ही लाट आएगी और तराशने का काम फिर शुरू होगा।
राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब कारसेवकपुरम के पास स्थित कार्यशाला में मंदिर के पत्थर, बीम के पत्थर, छज्जे, पिलर तराशने का काम फिर शुरू करने की तैयारी होने लगी है। अयोध्या की कार्यशाला का काम देख रहे अन्नू भाई सोमपुरा के दामाद रजनीकांत यहां काम कर रहे थे, लेकिन उनके निधन के बाद काम पूरी तरह ठप हो गया है। अन्नू भाई भी वापस अहमदाबाद चले गए हैं। एनबीटी से फोन पर हुई बातचीत में अन्नू कहते हैं कि पहली मंजिल का काम पूरा है। 106 पिलर, छतें, नींव के पत्थर और उसके ऊपर लगने वाले पत्थर तैयार हैं। पत्थरों को तराशे जाने का काम काफी पहले से चल रहा था। लिहाजा तराशे गए तमाम पत्थरों पर काई जम गई है। अब इन्हें साफ करना होगा। इसके अलावा ऊपर की मंजिल के लिए भी काम करना होगा।- पांच हिस्सों में होगा प्रस्तावित राम मंदिर
अन्नू बताते हैं कि मंदिर को पांच हिस्सों में बांटकर तैयार किया जाएगा। पहला हिस्सा मंदिर का अग्रभाग होगा। फिर इसके दरवाजे होंगे, जिसे प्रस्तावित मॉडल में सिंहद्वार कहा गया है। इसके बाद दो मंडप होंगे। बाहर से भीतर की तरफ दाखिल होते हुए पहला नृत्य मंडप होगा, जबकि दूसरा रंगमंडप होगा। इसके बाद गर्भगृह होगा। त्रिलोकीनाथ पांडेय के मुताबिक नीचे रामलला विराजमान होंगे जबकि ऊपर की मंजिल पर राम दरबार होगा। कार्यशाला में लगे शिलापट के मुताबिक, पहली मंजिल की ऊंचाई 18 फुट होगी जबकि दूसरी मंजिल की ऊंचाई 15 फीट 9 इंच होगी। इसके ऊपर 16 फुट 3 इंच की पेटी होगी और उसके ऊपर 65 फुट 3 इंच के आकार का शिखर होगा। शिलालेख में यह भी लिखा है कि परिक्रमा मार्ग बनेगा, जिसमें पहला चबूतरा 8 फुट ऊंचा और 10 फुट चौड़ा होगा। मंदिर में एक और चबूतरा होगा, जो 4 फुट 9 इंच का होगा और इसके ऊपर पिलर लगेंगे। - मंदिर के हर तल पर 106 पिलर
अन्नू भाई सोमपुरा के सहयोगी हनुमान यादव के मुताबिक, दोनों तल के पिलरों की संख्या और आकार बराबर रखे गए हैं। दोनों तल पर 106-106 पिलर होंगे। हर पिलर की ऊंचाई 14 फुट छह इंच रखी गई है। वह बताते हैं कि पिलर में चारों दिशा में अलग-अलग मूर्तियां भी लगेंगी। जब एक पिलर तैयार हो जाएगा तो उसमें 16 मूर्तियां दिखाई देंगी। हर मूर्ति को मंदिर बनते समय ही तराशा जाएगा, क्योंकि लगाते समय टूट सकती हैं।
संघ के 100वें स्थापना दिवस पर मंदिर की मंशा
त्रिलोकीनाथ पांडेय कहते हैं कि हमारी दिली इच्छा यही है कि 1925 में स्थापित संघ 2025 में सौ साल का हो जाएगा। हम चाहते हैं कि जब हम 100वां स्थापना दिवस मना रहे हों तो रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हों। सरकार की मंशा साफ है और उनकी नीयत भी। लिहाजा किसी भी तरह की रुकावट आने की आशंका भी नहीं है। - मंदिर निर्माण के लिए 10 करोड़ देगा महावीर ट्रस्ट
पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव किशोर कुणाल ने राम मंदिर के लिए 10 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि हर साल दो करोड़ रुपये 5 साल तक दिए जाएंगे। वहीं, राम मंदिर से सटे अमावा मंदिर में श्रद्धालुओं के भोजन की व्यवस्था भी शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि अभी प्रशासनिक बंदिशों के कारण केवल दिन में ही भोजन करवाया जा रहा है। आने वाले समय में रात में भी भोजन परोसा जाएगा। वहीं, निखिल तीर्थ समिति के सचिव किशोर कुणाल ने बताया कि 5 वर्ष पूर्व अमावा मंदिर के शिखर पर बाल रूप रामलला की प्रतिष्ठा का संकल्प लिया गया था। इसके लिए आधार रूपी सिंहासन बनाकर टफेन ग्लास की पारदर्शी दीवार भी खड़ी कर दी गई है, जल्द वहां रामलला विराजेंगे।
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