दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में भीषण बवाल, पुलिस फायरिंग से भड़के वकीलों ने की आगजनी, मीडियाकर्मियों से भी मारपीट


तीस हजारी कोर्ट परिसर में दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच झड़प की खबर है। बताया जा रहा है पार्किंग विवाद को लेकर हंगामा हुआ है। पुलिस की जिप्सी फूंक दी गई है तो फायरिंग भी हुई है।




  • पार्किंग विवाद के बाद भिड़े दोनों पक्ष, कवरेज के लिए पहुंचे कुछ पत्रकारों की भी पीटा गया

  • मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि कैदियों की एक गाड़ी को भी आग के हवाले किया गया

  • वकीलों ने कोर्ट के गेट पर ताला लगा दिया है। किसी को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है।



नई दिल्ली
तीस हजारी कोर्ट परिसर में दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच हिंसक झड़प हो गई है। बताया जा रहा है पार्किंग विवाद को लेकर हंगामा हुआ है। पुलिस की कुछ गाड़ियों को फूंक दिया गया है। पुलिसकर्मियों और कवरेज के लिए पहुंचे कुछ पत्रकारों की पीटा गया है। झड़प में कई वकील भी घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वकीलों ने फायरिंग का आरोप लगाया है, लेकिन पुलिस इससे इनकार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, हंगामे का फायदा उठाकर एक कैदी भी फरार हो गया है।


पुलिस और वकीलों के बीच इस झगड़े के बाद परिसर में तनाव फैल गया है। कुछ पुलिस अधिकारियों पर भी हमला किया गया। वकीलों का आरोप है कि पुलिस ने एक वकील को बुरी तरह पीटा और फायरिंग की इसके बाद बात बिगड़ी। मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि कैदियों की एक गाड़ी को भी आग के हवाले कर दिया गया है। आग बुझाने के लिए मौके पर दमकल की गाड़ियां पहुंचीं । मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल को भेजा गया।


दोनों पक्षों को शांत कराने की कोशिश की जा रही है। वकीलों ने कोर्ट के गेट पर ताला लगा दिया। किसी को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। पुलिस की एक और टीम कोर्ट परिसर में दाखिल हुई है। बड़ी संख्या में मौजूद वकील नारेबाजी कर रहे हैं।


विवाद की शुरुआत दोपहर साढ़े 3 बजे के करीब लॉक अप के बाहर एक पुलिसकर्मी और विजय नाम के एक वकील के बीच कहासुनी से हुई। इसी बीच दिल्ली पुलिस की थर्ड बटैलियन में तैनात एक पुलिसकर्मी ने कथित तौर पर फायरिंग कर दी। इस घटना के बाद तमाम वकील कोर्ट के बाहर इकट्ठे हो गए और ट्रैफिक जाम कर दिया।

'...तो स्थिति हो जाएगी नियंत्रण से बाहर'
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने कहा, ' यह दिल्ली पुलिस की बहुत बर्बर कार्रवाई है। पार्किंग को लेकर मामूली विवाद में पुलिस ने निर्दोष वकीलों पर फायरिंग शुरू कर दी। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। हमने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और सरकार से दोषी पुलिसकर्मियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की है। उन्हें तुरंत सस्पेंड किया जाए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो स्थिति बिगड़ सकती है और सरकार व बार काउंसिल के नियंत्रण से बाहर हो जाएगी।'


दिल्ली बार काउंसिल के चेयरमैन केसी मित्तल ने कहा, 'हम बिना किसी उकसावे के पुलिस की ओर से तीस हजारी कोर्ट में की गई फायरिंग की निंदा करते हैं। एक युवा वकील को लॉकअप में पीटा गया। यह पुलिस की मनमानी है। उन्हें बर्खास्त किया जाए और केस चलाया जाए। हम दिल्ली के वकीलों के साथ खड़े हैं।'


तीस हजारी बार असोसिएशन के पदाधिकारी जय बिस्वाल ने कहा है कि पुलिस की गाड़ी ने एक वकील की गाड़ी में टक्कर मार दी, जब वह कोर्ट परिसर में आ रहा था। इसके बाद पुलिसकर्मी और वकील के बीच बहस होने लगी। बिस्वाल ने आरोप लगया कि पुलिसकर्मी ने वकील को घसीटा था।


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