महाराष्ट्र में चुनाव नतीजों के लगभग 10 दिन बीतने के बाद भी अभी तक सरकार बनाने को लेकर सूरत साफ नहीं हुई है। इस बीच आज दिल्ली में शरद पवार की मुलाकात कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से तय है। राजनीतिक गतिरोध के बीच इस मुलाकात को बहुत खास माना जा रहा है।
- आज दिल्ली में शरद पवार मिलेंगे सोनिया गांधी, फडणवीस और शाह की भी मुलाकात
- महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक गतिरोध के बीच सोनिया-पवार की बैठक को माना जा रहा अहम
- बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए पवार और सोनिया की मुलाकात के बाद हो सकता है बड़ा फैसला
- महाराष्ट्र में चुनाव नतीजों के 10 दिन के बाद भी सरकार बनाने को लेकर पहल नहीं हुई है
श्रुति गणपति, नई दिल्ली
महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर जारी गतिरोध के बीच नए समीकरणों को लेकर राज्य में हलचल शुरू है। राजनीतिक गतिरोध के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करनेवाले हैं। पवार-सोनिया की यह मुलाकात शिवसेना और दूसरी बीजेपी-विरोधी पार्टियों के लिए एक अवसर की तरह है। विधानसभा चुनाव नतीजों के 10 दिन बाद भी अभी तक किसी पार्टी ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है। शिवसेना लगातार बीजेपी पर मुख्यमंत्री पद के लिए दबाव बना रही है और साथ ही मंत्रालय में भी बराबर का हिस्सा मांग रही है।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने पर गतिरोध जारी
पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए एक वैकल्पिक व्यव्स्था की सुगबुगाहट भी है। इसके तहत शिवसेना को कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन देने की खबरें हैं। चुनाव नतीजों के बाद से हीअपनी पार्टी के मुख्यमंत्री की मांग पर बीजेपी और शिवसेना के नेता अड़े हुए हैं। हालांकि, अभी तक प्रदेश में सरकार बनाने की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है।
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आज फडणवीस भी शाह से करेंगे मुलाकात
इस बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सोमवार को दिल्ली पहुंच रहे हैं और यहां गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक का औपचारिक उद्देश्य राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) के तहत मिलनेवाली सहायता पर चर्चा है। राज्य में हुई वर्षा और बाढ़ जैसे हालात के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है और उनकी सहायता के लिए यह बैठक की जा रही है।
पवार-सोनिया की बैठक में गठबंधन पर चर्चा
कांग्रेस और एनसीपी की बैठक को लेकर कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा कि मुलाकात में राजनीतिक विमर्श होगा। उन्होंने कहा, 'पवार साहब और कांग्रेस प्रेजिडेंट सोनिया गांधी गठबंधन को लेकर दोनों ही पार्टियों के कुछ मुद्दों पर चर्चा करेंगे।' रविवार को मुंबई में एनसीपी के नेताओं ने एक मीटिंग की और राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की।
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शिवसेना की तरफ से समर्थन की औपचारिक अपील नहीं
एनसीपी के एक वरिष्ठ नेता ने शिवसेना को समर्थन देने की अटकलों पर खुलकर कुछ नहीं कहा, लेकिन एनसीपी के महत्वपूर्ण रोल होने का दावा जरूर किया। वरिष्ठ नेता ने कहा, 'अभी तक हमें शिवसेना की ओर से समर्थन के लिए कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है। हमारी 54 सीटें हैं और इतना तय है कि अगर गतिरोध खत्म नहीं हुआ तो सरकार बनाने में हमारी अहम भूमिका होगी।'
सरकार बनाने के लिए शिवसेना की राह बहुत मुश्किल
शिवसेना भले ही सीएम पद की मांग पर अड़ी हो, लेकिन सरकार बनाने के लिए उनके पास पर्याप्त संख्या बल नहीं है। एनसीपी के समर्थन के बाद भी उन्हें बहुमत का आंकड़ा छूने के लिए कांग्रेस के सहयोग की जरूरत होगी। कांग्रेस के विधायक नितिन राउत ने शिवसेना को समर्थन देने के सवाल पर कहा, 'अगर विचारधारा की बात की जाए तो हमारे आदर्श अलग-अलग हैं। हमें शिवसेना की ओर से कोई औपचारिक आमंत्रण भी नहीं मिला है और कोई दल कांग्रेस को हल्के में नहीं ले सकता। मैंने निजी तौर पर पार्टी नेतृत्व को शिवसेना को समर्थन देने पर अपने विचारों से अवगत करा दिया है।'
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