शिवसेना नेता संजय राउत ने प्रसिद्ध कवि दुष्यंत कुमार की कविता साझा करते हुए एक बार फिर कहा कि सीएम तो शिवसेना का ही होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह हंगामा नहीं है बल्कि महाराष्ट्र की सूरत और राजनीति बदलने की लड़ाई है।
- संजय राउत ने प्रसिद्ध कवि दुष्यंत कुमार की कविता साझा करते हुए एक बार फिर कहा कि सीएम तो शिवसेना का ही होगा
- दुष्यंत कुमार की कविता ट्वीट की- सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए
- राउत बोले- महाराष्ट्र की सूरत और राजनीति का चेहरा बदल रही है, यह हंगामा नहीं बल्कि न्याय और अधिकारों की लड़ाई है
मुंबई
महाराष्ट्र में नई सरकार की तस्वीर अभी भी साफ नहीं हो पाई है। शिवसेना नेता संजय राउत ने प्रसिद्ध कवि दुष्यंत कुमार की कविता साझा करते हुए एक बार फिर कहा कि सीएम तो शिवसेना का ही होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह हंगामा नहीं है बल्कि महाराष्ट्र की सूरत और राजनीति बदलने की लड़ाई है। संजय राउत ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दुष्यंत कुमार की कविता भी पोस्ट की है। संजय राउत के इस ट्वीट को लोग महाराष्ट्र के वर्तमान राजनीतिक हालातों से जोड़कर देख रहे हैं।
संजय राउत ने ट्विटर पर एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें दुष्यंत कुमार की कविता लिखी हुई है- 'सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए। मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही, हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।' वहीं मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री सिर्फ शिवसेना का होगा। महाराष्ट्र की सूरत और राजनीति का चेहरा बदल रही है, आप देखिएगा। आप जिसे हंगामा कहते हैं, वह हंगामा नहीं बल्कि न्याय और अधिकारों की लड़ाई है। जीत हमारी होगी।'
मातोश्री के बाहर लगे आदित्य ठाकरे के पोस्टर
इससे पहले मुंबई में ठाकरे आवास मातोश्री के बाहर एक बार फिर आदित्य ठाकरे को सीएम बनाने वाले पोस्टर नजर आए। पोस्टर में आदित्य ठाकरे की तस्वीर के साथ मराठी में लिखा है, 'मेरा विधायक मेरा मुख्यमंत्री।' यह पोस्टर कथित रूप से शिवसेना पार्षद हाजी हलीम खान ने लगवाए हैं।
कांग्रेस-शिवसेना-एनसीपी की बनेगी सरकार?
उधर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मुलाकात के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में नई तस्वीर सामने आने की संभावनाएं जताई जाने लगी हैं। एनसीपी के एक नेता ने बताया कि पार्टी शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार का हिस्सा बनने की इच्छुक है। इसके लिए वह स्पीकर पद पर अपना नेता चाहती है। पार्टी चाहती है कि कांग्रेस इस गठबंधन को बाहर से समर्थन दे।
बीजेपी का शिवसेना को मनाने का फॉर्म्युला
नेता ने आगे बताया कि यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन बन पाता है अथवा नहीं। इससे पहले चर्चा थी कि बीजेपी-शिवसेना के साथ अपनी डील को कायम रखने के लिए एक-दो मंत्रालय की और कुर्बानी दे सकती है लेकिन सीएम पद, गृह और शहरी विकास मंत्रालय सेना को नहीं देगी।
Comments
Post a Comment