ऐतिहासिक लम्हे को देखने के लिए दुष्यंत के पिता और पूर्व सांसद अजय चौटाला विधानसभा की वीआईपी गैलरी में मौजूद थे। शिक्षक भर्ती घोटाले में जेल की सजा काट रहे अजय इन दिनों फर्लो पर बाहर हैं। दुष्यंत जींद जिले की उचाना कलां सीट से, जबकि उनकी मां नैना चौटाला चरखी-दादरी जिले की बाढ़ड़ा सीट से जीती हैं।
- हरियाणा विधानसभा में बना इतिहास, मां-बेटे ने ली विधायक की शपथ
- जेजेपी की एमएलए नैना चौटाला और उनके पुत्र दुष्यंत चौटाला ने ली शपथ
- हरियाणा विधानसभा के इतिहास में पहली बार मां-बेटे ने एक साथ ली शपथ
- दुष्यंत के पिता अजय चौटाला भी थे मौजूद, मां नैना ने बताया भावुक लम्हा
चंडीगढ़
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बाद जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) की हर ओर चर्चा है। बीजेपी ने जेजेपी के समर्थन से राज्य में सरकार बनाई है। वहीं, सोमवार को एक बार फिर जेजेपी नेता नैना चौटाला और उनके डेप्युटी सीएम बेटे दुष्यंत चौटाला सुर्खियों में छा गए। दरअसल मां-बेटे ने हरियाणा विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेते ही इतिहास रच दिया। ऐसा पहली बार है कि हरियाणा विधानसभा में किसी मां और बेटे ने विधायक की शपथ ली है।
अजय चौटाला वीआईपी गैलरी में मौजूद थे
इस ऐतिहासिक लम्हे को देखने के लिए दुष्यंत के पिता और पूर्व सांसद अजय चौटाला विधानसभा की वीआईपी गैलरी में मौजूद थे। शिक्षक भर्ती घोटाले में जेल की सजा काट रहे अजय इन दिनों फर्लो पर बाहर हैं। डेप्युटी सीएम दुष्यंत चौटाला जींद जिले की उचाना कलां सीट से विधायक हैं। वहीं, उनकी मां नैना चौटाला चरखी-दादरी जिले की बाढ़ड़ा सीट से निर्वाचित हुई हैं।
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नैना ने कहा- डेप्युटी सीएम बेटे पर गर्व
नैना लगातार दूसरी बार विधायक बनी हैं। शपथ लेने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए नैना ने इसे भावुक लम्हा बताया। इसके साथ ही जेजेपी एमएलए ने कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि उनका बेटा 31 साल की उम्र में राज्य का डेप्युटी सीएम बना है। इससे पहले पूर्व सीएम भजनलाल की पत्नी जसमा देवी और उनके बेटे चंद्रमोहन और कुलदीप बिश्नोई विधायक रह चुके हैं, लेकिन साथ-साथ विधायक बनने का संयोग कभी नहीं बना।
दुष्यंत चौटाला ने संभाला कार्यभार
इस बीच दुष्यंत चौटाला ने बतौर डेप्युटी सीएम अपना कार्यभार संभाल लिया। मीडिया से बात करते हुए दुष्यंत ने कहा कि कि सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है। प्राइवेट और सरकारी नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण के लिए विधानसभा में जल्द ही विशेष विधेयक लाया जाएगा।
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11 महीने में जेजेपी का कमाल
11 महीने पहले दिग्गज चौटाला परिवार से टूटकर बनी जेजेपी की कमान युवा दुष्यंत चौटाला के हाथों में आई थी। उनकी पीठ पर पिता व पूर्व सांसद अजय चौटाला का हाथ था तो निवर्तमान विधायक मां नैना चौटाला और भाई दिग्विजय चौटाला भी थे। आईएनएलडी छोड़कर आए 4 विधायक भी साथ खड़े हुए तो देखते-देखते जेजेपी का संगठन खड़ा होता चला गया। कुछ समय के लिए आम आदमी पार्टी से लेकर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) भी साथ आए लेकिन, साथ छूट गया।
जींद उपचुनाव से जेजेपी का बढ़ा ग्राफ
इस बीच जेजेपी जींद विधानसभा उपचुनाव में उतरी। उसे आम आदमी पार्टी का समर्थन मिला। विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले हुए इस चुनाव में पहली बार बीजेपी ने जींद की धरती पर कमल खिलाकर इतिहास रचा लेकिन, दूसरा इतिहास जेजेपी ने दूसरे नंबर पर आकर रचा। इसके बाद जेजेपी और आप की राहें अलग हो गईं। बाद में जेजेपी को बीएसपी का साथ मिला जो ज्यादा दिन नहीं चला और आखिर में जेजेपी अपने दम पर सभी 90 सीटों पर उतरी। जब बीजेपी और कांग्रेस के बीच आमने-सामने की लड़ाई की बात पक्की मान ली गई थी उस वक्त जेजेपी ने कुछ सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला बनाकर सियासी विश्लेषकों को हैरान कर दिया।
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