जानें, क्यों ऑफिस रोमांस पर है कंपनियों की तिरछी नजर, डेटिंग डिस्क्लोजर पर जोर


ऑफिस में रोमांस पर कंपनियां हाल के दिनों में बेहद सख्त हुई हैं। खासकर सीनियर और जूनियर कर्मचारियों के बीच रोमांस पर कंपनियां बारीकी से नजर रख रही हैं।




  • हाल के वर्षों में ऑफिस रोमांस के मामलों पर कंपनियों ने दिया है काफी ध्यान

  • खासकर सीनियर और जूनियर कर्मचारियों के बीच रोमांस पर कंपनियों की बारीकी नजर

  • अधिकतर कंपनियों में कर्मचारियों को अपने रिलेशनशिप को एचआर के सामने करना होता है जाहिर

  • अगर मामला मैनेजर और उसके अधीनस्थ कर्मचारी का है तो यह पूरी तरह अनिवार्य



 

केतकी देसाई, नई दिल्ली
ऑफिस में रोमांस न सिर्फ आपके लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है, बल्कि नौकरी भी जा सकती है। पिछले सप्ताह मैक डॉनल्ड्स के सीईओ स्टीव इस्टरब्रुक को नौकरी से इसलिए हाथ धोना पड़ा, क्योंकि वह अपने अधीनस्थ एक कर्मचारी से इश्क फरमा रहे थे, जो कंपनी के कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन था। हालांकि, उन्हें भारी-भरकम सेवरेंस पैकेज देकर कंपनी से विदा कर दिया गया, लेकिन यह सवाल अभी भी कायम है कि क्या ऑफिस में रोमांस का यही हश्र होता है और यह कंपनियों के लिए अच्छा है या बुरा।



भारतीय कंपनियों ने खींच रखी है लकीर
अधिकतर भारतीय कंपनियां ऑफिस में रोमांस पर पूरी तरह रोक नहीं लगातीं, लेकिन इसके लिए एक दायरा जरूर तय कर दिया गया है। प्रीवेंशन ऑफ सेक्शुअल हरासमेंट (PoSH) ट्रेनिंग तथा वर्कशॉप करने वाली कंपनी रेनमेकर के सीईओ एंटनी अलेक्स कहते हैं कि अधिकतर कंपनियों में कर्मचारियों को अपने रिलेशनशिप को एचआर के सामने जाहिर करना होता है। अगर मामला मैनेजर और उसके अधीनस्थ कर्मचारी का है तो यह पूरी तरह अनिवार्य है।

पढ़ें : फ्लिपकार्ट के सीईओ बिन्नी बंसल ने दिया इस्तीफा, यौन दुर्व्यवहार के लगे आरोप

डेटिंग डिस्क्लोजर फॉर्म पर हस्ताक्षर भी
एलेक्स कहते हैं, 'कंपनी में प्रभावशाली पदों पर कायम लोगों को रिलेशनशिप के बारे में कंपनी को जानकारी देनी पड़ती है। यह केवल मैनेजर और उसके अधीन काम करने वाले कर्मचारी के मामले में ही नहीं, बल्कि हायरेरकी में ऊपर रहने पर भी इसका खुलासा करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कुछ अन्य कंपनियों की पॉलिसी है कि कर्मचारियों का भी अगर आपस में रिलेशनशिप है तो इसे जाहिर करना पड़ता है और कुछ लोगों को डेटिंग डिस्क्लोजर फॉर्म्स पर भी साइन करना पड़ता है।'

उद्देश्यों और जजमेंट पर असर की संभावना
केपीएमजी इंडिया में पीपुल, परफॉर्मेंस ऐंड कल्चर के पार्टनर तथा हेड उन्मेश पवार कहते हैं, 'हमारे यहां की पॉलिसी के मुताबिक रिलेशनशिप का खुलासा करना जरूरी है। यह वहां लागू होता है, जहां पर्सनल कॉन्फिल्टिंग रिलेशनशिप है, जिसमें कर्मचारियों के उद्देश्यों और जजमेंट पर असर पड़ने की संभावना होती है।'

पढ़ें : आरोपों से सन्न हूं, मेरे लिए यह कठिन वक्तः बिन्नी बंसल

डेटिंग अलाउंस भी शुरू हुआ
एचआर कंसल्टेंसी इंटरवीव कंसल्टिंग की सीईओ निर्मला मेनन ने कहा कि इस बदलाव की शुरुआत मी टू मूवमेंट के पहले ही शुरू हुई थी, लेकिन इसके बाद यह काफी तेजी से आगे बढ़ा। उन्होंने कहा, 'पहले यह पॉलिसी थी कि अगर आप ऑफिस में ही किसी कर्मी के साथ रिलेशनशिप में हैं या ऑफिस की ही किसी कर्मी के साथ शादी कर ली है तो एक व्यक्ति को कंपनी छोड़नी होती थी।

लेकिन बाद में लोगों को यह महसूस होने लगा कि कपल को काम करने की मंजूरी देना, उन्हें कंपनी में बनाए रखने (रिटेंशन) का एक बढ़िया तरीका हो सकता है। लगभग 12-15 साल पहले कुछ कंपनियों ने डेटिंग अलाउंस भी देना शुरू किया था।' यह वास्तव में एक रकम होती थी, जो डेटिंग पर खर्च करने के लिए दी जाती थी। उन्होंने कहा, 'यह युवा पीढ़ी को आकर्षित करने का एक तरीका था, लेकिन बाद में लगा कि यह कोई बेहतर आइडिया नहीं है।'

पढ़ें : फ्लिपकार्ट विवादः क्या बिन्नी बंसल ने सच में मांगी थी माफी?

सबसे दिक्कत वाला सीनियर, जूनियर में रिलेशनशिप
कंपनियों में पीओएसएच का पालन सुनिश्चित करने को लेकर काम करने वाली एक कंपनी कोहेयर कंसल्टैंट्स की को-फाउंडर देविका सिंह ने कहा कि वरिष्ठ और कनिष्ठ कर्मचारियों के बीच रिलेशनशिप सबसे ज्यादा दिक्कत पैदा करने वाला होता है। जब ताकत की बात आती है तो इससे किसी खास व्यक्ति को तवज्जो देना गैर-पेशेवर फैसले लेने की संभावना बढ़ जाती है।

ब्रेकअप से और जटिल होता है मुद्दा
एक और मुसीबत तब खड़ी हो जाती है, जब कपल के बीच ब्रेकअप होता है। सिंह कहती हैं कि वह आईसीसी के 1,500 मामलों से निपट चुकी हैं, जिनमें से 15-20% मामले ऐसे थे, जिनमें बाद में रिलेशनशिप में दरार आ गई। उन्होंने कहा, 'एक मामला तो ऐसा था, जिसमें एक मैनेजर से उसके अधीनस्थ एक कर्मी गर्भवती हो गई। इसके बाद उस व्यक्ति ने बताया कि वह पहले से शादी-शुदा है। बाद में उस व्यक्ति ने कंपनी के पैसे से होटल में एक कमरा बुक कराया और उस लड़की को तब तक पीटा, जबतक उसका गर्भपात नहीं हो गया।'

डिस्क्लोजर न सिर्फ कंपनी को किसी तरह की जवाबदेही से बचाता है, बल्कि कर्मचारी भी किसी तरह के सवाल-जवाब से दूर रहते हैं।


Comments