जस्टिस सुधीर अग्रवाल ने रचा इतिहास, सबसे ज्यादा मामलों में फैसला सुनाने वाले एशिया के पहले न्यायमूर्ति


जस्टिस सुधीर अग्रवाल 31 अक्टूबर तक एक लाख 30 हजार 418 मुकदमों में फैसला दे चुके हैं। जस्टिस अग्रवाल अयोध्या विवाद पर फैसला देने वाली इलाहाबाद हाई कोर्ट की पीठ में भी शामिल थे।




  • जस्टिस अग्रवाल सबसे ज्यादा मुकदमों में फैसला देने वाले भारत के नहीं बल्कि पूरे एशिया के पहले न्यायमूर्ति बने हैं

  • इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस सुधीर अग्रवाल 31 अक्टूबर तक एक लाख 30 हजार 418 मुकदमों में फैसला दे चुके हैं

  • जस्टिस अग्रवाल अयोध्या विवाद पर फैसला देने वाली इलाहाबाद हाई कोर्ट की पीठ में भी शामिल थे, कई महत्वपूर्ण फैसले दिए



 

प्रयागराज
इलाहाबाद हाई कोर्ट के सीनियर जस्टिस सुधीर अग्रवाल ने नया कीर्तिमान हासिल किया है। जस्टिस अग्रवाल सबसे ज्यादा मुकदमों में फैसला देने वाले भारत के नहीं बल्कि पूरे एशिया के पहले न्यायमूर्ति बने हैं। जस्टिस अग्रवाल 31 अक्टूबर तक एक लाख 30 हजार 418 मुकदमों में फैसला दे चुके हैं। जस्टिस अग्रवाल अयोध्या विवाद पर फैसला देने वाली इलाहाबाद हाई कोर्ट की पीठ में भी शामिल थे।


 

इससे पहले पिछले साल जस्टिस अग्रवाल एक लाख 12 हजार मुकदमों पर फैसला सुनाने वाले देश के पहले जज बने थे। न्यायमूर्ति अग्रवाल पांच अक्टूबर 2005 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए थे। उनका कार्यकाल 23 अप्रैल 2020 तक है। 10 अगस्त 2007 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के स्थाई जज पद की ली थी शपथ, 24 अप्रैल 1958 को यूपी के शिकोहाबाद में जन्मे न्यायमूर्ति अग्रवाल अपने सख्त फैसलों के लिए जाने जाते हैं।

जस्टिस अग्रवाल अयोध्या में रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला देकर चर्चा में आए थे। अयोध्या बाबरी मस्जिद विवाद के अलावा उन्होंने शंकराचार्य बद्रिकाश्रम पीठ विवाद, सरकारी स्कूलों में वीआईपी के बच्चों के पढ़ने के मामले जैसे कई मामलों में महत्वपूर्ण फैसला दिया है।


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