करतारपुर: विदेश मंत्रालय बोला- पासपोर्ट जरूरी, समझौते में नहीं हो सकता एकतरफा बदलाव


विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को साफ-साफ कहा कि दोनों देशों के बीच जो मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर दस्तखत हुए थे, उसके मुताबिक पासपोर्ट जरूरी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि समझौते के प्रावधानों में एकतरफा बदलाव नहीं हो सकता।




  • करतारपुर कॉरिडोर से होकर करतारपुर साहिब जाने वाले भारतीयों के लिए जरूरी होगा पासपोर्ट

  • विदेश मंत्रालय ने कहा, समझौते के मुताबिक पासपोर्ट जरूरी, इसमें एकतरफा बदलाव नहीं हो सकता

  • MEA प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, पासपोर्ट को लेकर पाकिस्तान की तरफ से आ रहीं विरोधाभासी रिपोर्टें

  • कुमार ने कहा कि ऐसा लगता है कि पाकिस्तान के विदेश विभाग और अन्य एजेंसियों में इस मुद्दे पर मतभेद हैं



 

नई दिल्ली
करतारपुर साहिब जाने वाले भारतीय श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट जरूरी है या नहीं, इस पर पाकिस्तान की तरफ से विरोधाभासी बयान आ रहे हैं। पाकिस्तानी पीएम इमरान खान जहां पासपोर्ट जरूरी नहीं होने की बात कह रहे थे तो उनकी सेना कह रही है कि पासपोर्ट जरूरी है। भारत ने इस बारे में पाकिस्तान से स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। अब विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को साफ-साफ कहा कि दोनों देशों के बीच जो मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर दस्तखत हुए थे, उसके मुताबिक पासपोर्ट जरूरी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि सबकुछ समझौते के हिसाब से होगा, उसमें एकपक्षीय तरीके से कोई बदलाव नहीं होगा।


कुमार ने कहा, 'पाकिस्तान की तरफ से विरोधाभासी रिपोर्ट्स आ रही हैं। कभी वे कहते हैं कि पासपोर्ट जरूरी है तो कभी कहते हैं कि यह जरूरी नहीं है। हम समझते हैं कि उनके विदेश विभाग और दूसरी एजेंसियों के बीच मतभेद हैं। हमारे पास MoU है और वह बदला नहीं है। उसके मुताबिक पासपोर्ट जरूरी है।'

करतारपुर पर भिंडरावाले: पाक का डर्टी गेम

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'भारत और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि श्रद्धालुओं के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत होगी। मौजूदा समझौते में कोई भी बदलाव एकपक्षीय तरीके से नहीं होगा, इसके लिए दोनों पक्षों की सहमति की जरूरत होगी।' कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को पाकिस्तान जाने के लिए राजनीतिक मंजूरी से जुड़े सवाल को प्रवक्ता ने यह कहकर टाल दिया कि करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन ऐतिहासिक घटना है, इस मौके पर किसी एक व्यक्ति को हाइलाइट करना महत्वपूर्ण नहीं हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तानी साइड में करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन में शिरकत के लिए जाने वाली भारतीय हस्तियों की सूची को पाकिस्तान ने अबतक कन्फर्म नहीं किया है। उन्होंने कहा, 'हम मानकर चल रहे हैं कि हमने पहले जत्थे में जिन नामों को पाकिस्तान के साथ साझा किया है, उसे मंजूरी मिल चुकी है।' कुमार ने यह भी कहा कि भारत ने पाकिस्तान से उद्घाटन समारोह में शामिल होने जा रही भारतीय हस्तियों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है।

बता दें कि पाकिस्तानी मीडिया ने गुरुवार को वहां की सेना के हवाले से बताया कि करतापुर गलियारे के रास्ते करतारपुर साहिब आने वाले भारतीय सिख श्रद्धालुओं को अपने साथ पासपोर्ट लाना होगा। डॉन न्यूज ने 'हम' समाचार चैनल के हवाले से बताया कि पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल गफूर ने बुधवार को कहा कि भारतीय सिख श्रद्धालुओं को करतारपुर गलियारे का प्रयोग करने के लिए पासपोर्ट दिखाना जरूरी होगा। गफूर ने कहा, 'सुरक्षा कारणों से, प्रवेश पासपोर्ट आधारित पहचान पर मिली अनुमति के तहत कानूनी तरीके से दिया जाएगा। सुरक्षा एवं संप्रभुता से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।'

पढ़ें,जिस जिले में करतारपुर गुरुद्वारा वहीं चल रहे हैं आतंकी कैंप

इससे पहले, 1 नवंबर को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने करतापुर गलियारे का निर्माण पूरा होने की ट्विटर पर घोषणा करते हुए कहा था कि उन्होंने दो शर्तों को माफ कर दिया है। इनमें से एक पासपोर्ट से जुड़ी शर्त थी जबकि दूसरी शर्त भारत से करतारपुर तीर्थयात्रा पर आने वाले सिखों द्वारा 10 दिन पहले पंजीकरण कराने से जुड़ी थी। उन्होंने कहा था कि भारत के सिख श्रद्धालुओं को करतारपुर आने के लिए पासपोर्ट की नहीं बल्कि एक वैध पहचान-पत्र की जरूरत होगी। इसके अलावा उद्घाटन समारोह के लिए आने वाले और 12 नवंबर को सिख गुरु की 550वीं जयंती के मौके पर आने वाले श्रद्धालुओं से 20 डॉलर का सेवा शुल्क भी नहीं वसूला जाएगा।


Comments