कुलगाम हत्याकांडः कश्मीरी दुकानदार ने कहा- 'भाग जाओ यहां से' और बच गई जिंदगी


कुलगाम में मारे गए 6 मजदूरों के साथी बशीरुल सरकार गुरुवार को कोलकाता के एक अस्पताल से डिस्चार्ज होकर अपने घर पहुंच गए। मंगलवार को हुए आतंकी हमले में अकेले बचे बशीरुल साथियों की मौत से सदमे में चले गए थे


पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के रहने वाले बशीरुल सरकार गुरुवार को अस्पताल से डिस्चार्ज होकर अपने घर पहुंच गए। मंगलवार को कुलगाम में हुए एक आतंकी हमले में उनके 6 साथियों की मौत हो गई थी। घटना के वक्त सरकार कुछ सामान खरीदने घर से बाहर गए थे। उन्होंने बताया कि एक कश्मीरी दुकानदार की वजह से उस दिन उनकी जान बच पाई।


दुकानदार के चार शब्दों ने बचाई जिंदगी
कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती सरकार ने बताया कि घटना वाली रात वह चावल खरीदने के लिए बाहर गए थे। जब वह वापस अपने घर लौटे तो उन्हें पड़ोस के एक दुकानदार ने तुरंत भागने के लिए कहा। सरकार ने बताया कि 'तुम यहां से भागो' वह चार शब्द थे जिसकी वजह से उनकी जिंदगी बच गई। उन्होंने कहा कि जैसे ही दुकानदार ने उनसे ऐसा कहा, वह तेजी से भागने लगे। इस दौरान उन्होंने जब गोलियों की आवाज सुनी तब उन्हें पता चला कि उन्हें भागने के लिए क्यों कहा गया है।

घटना के बाद सदमे में थे सरकार
मंगलवार को कुलगाम में हुई हिंसा में सरकार के 6 साथी मार दिए गए। वहीं इस घटना के बाद सरकार भी सदमे में चले गए। उन्हें कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया कि सरकार को सोने में दिक्कत होती है। वह सोते-सोते अचानकर डरकर जाग जाते हैं। इसके अलावा डॉक्टरों ने उन्हें अकेले में रोते हुए भी देखा है। उन्होंने बताया कि सरकार को अभी पूरी तरह से ठीक होने तक अस्पताल में रहना चाहिए लेकिन वह लगातार घर जाने की जिद कर रहे थे।

दुकानदार को धन्यवाद कहना चाहते हैं सरकार
फिलहाल, डॉक्टरों ने सरकार को घर जाने की इजाजत दे दी है। साथ ही यह भी कहा है कि वह जब जरूरत हो अस्पताल आ सकते हैं। सरकार अपने परिवार के बीच पहुंच तो गए हैं लेकिन उन्हें इस बात का मलाल है कि वह उस कश्मीरी दुकानदार को शुक्रिया नहीं कह पाए, जिसकी वजह से उनकी जान बची। उन्होंने बताया, 'मैं उनका नाम तक नहीं जानता। अगर सबकुछ सामान्य हो जाता है तो सबसे पहले मैं उन्हें (दुकानदार को) धन्यवाद कहना चाहूंगा।'


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