क्‍या मौत का कारण बन सकता है एयर पॉल्‍यूशन?


आप जिस हवा में सांस लेते हैं, वह आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। प्रदूषित वायु में सांस लेने में कठिनाई, एलर्जी या अस्थमा और अन्य फेफड़ों की समस्याएं हो सकती हैं। वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क से हृदय रोग और कैंसर सहित अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है!


नई दिल्‍ली के बीएलके सुपर स्‍पेशिलिटी हॉस्पिटल के सेंटर फॉर चेस्ट एंड रेस्पिरेटरी डिसीज के एचओडी और डॉयरेक्‍टर, डॉक्‍टर संदीप नायर कहते हैं, "वायु प्रदूषण विभिन्न घातक बीमारियों के प्रसार में योगदान दे रहा है जो मृत्यु दर को बढ़ाते हैं, जैसे फेफड़ों के कैंसर सहित फेफड़े के विकार। जब हम सांस लेते हैं, तो हवा में घूमने वाले जहरीले सूक्ष्म कण शरीर में प्रवेश करते हैं, जिससे कैंसर, पार्किंसंस रोग, दिल का दौरा, सांस की तकलीफ, खांसी, आंखों में जलन और एलर्जी आदि विभिन्न खतरनाक बीमारियां पैदा होती हैं।" 


वायु प्रदूषण, प्रमुख जोखिम कारकों में से एक के रूप में, देश में स्वास्थ्य हानि के लिए जिम्मेदार है। भारत में वायु प्रदूषण का स्तर दुनिया में सबसे अधिक है, जो देश में कुल रोग भार का 10% से अधिक के लिए जिम्मेदार है। देश में प्रदूषण से होने वाली मौतों के साथ शीर्ष देशों में रैंक है, जिसमें 2.51 मिलियन लोग देश में समय से पहले मर रहे हैं, एक लैंसेट रिपोर्ट के अनुसार, हवा, पानी और अन्य प्रकार के प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों के कारण। 1990 में, वायु प्रदूषण सबसे अधिक मौत का तीसरा सबसे बड़ा जोखिम कारक था, जबकि 2016 में आईसीएमआर द्वारा राज्य स्तरीय रोग बोझ (1990-2016) के एक अध्ययन के अनुसार, यह दो नंबर का जोखिम कारक बन गया।


एक अनुमान के अनुसार, वायु प्रदूषण हर साल लगभग 7 मिलियन अकाल मृत्यु का कारण बनता है, मुख्य रूप से स्ट्रोक, हृदय रोग, पुरानी प्रतिरोधी फुफ्फुसीय रोग, फेफड़ों के कैंसर और तीव्र श्वसन संक्रमण से मृत्यु दर के परिणामस्वरूप होता है। वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में रहने से पुन: संक्रमण हो सकता है!


वायु प्रदूषण से बचने के लिए व्‍यक्तिगत रूप से क्‍या कर सकते हैं? 


बढ़ते वायु प्रदूषण में लोग इस बात को लेकर संशय में हैं कि, इससे बचने के लिए कौन से कदम उठाए जाएं। लोग ये नहीं समझ पा रहे हैं कि इससे बचने के लिए मास्‍क का प्रयोग करें, घर में एयर प्‍यूरीफायर लगवाएं या कोई और कदम उठाए जाएं। ऐसी स्थिति में आपको क्‍या करना चाहिए? इस सवाल के जवाब में डॉक्‍टर संदीप नायर कहते हैं "एयर पॉल्‍यूशन से बचने के लिए सबसे पहले अपने घर को प्रदूषण मुक्‍त रखिए, इसके लिए आप अपने घर को धूल रहित बनाएं। सुबह के वक्‍त घर के बाहर न निकलें, अगर प्रदूषण है तो। जिम या इनडोर एक्‍सरसाइज करें। काम पर जाते समय अच्‍छी क्‍वालिटी का मास्‍क प्रयोग करें। घर के आसपास कचरा न जलाएं।" 


एयर प्‍यूरीफायर के सवाल पर डॉक्‍टर सौरभ श्रीवास्‍तव का कहना है कि, घर के अंदर एयर प्‍यूरीफायर लगाना अच्‍छा विकल्‍प हो सकता है, यह एक हद तक ही हवा को साफ करने में मददगार हो सकता है, लेकिन शुद्ध हवा के लिए इसे स्‍थाई विकल्‍प के तौर पर नही देखा जाना चाहिए। क्‍योंकि जब तक बाहर की हवा शुद्ध नही होगी तब तक घर के अंदर शुद्ध वायु की कल्‍पना नही की जा सकती है।


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