सट्टा बाजार अमूमन चुनाव तक सक्रिय रहता है लेकिन महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के एक सप्ताह बाद भी सटोरियों की अभी दिलचस्पी खत्म नहीं हुई है। सटोरियों को लगता है कि यदि कोई भी सरकार बन भी गई तो भी वह चंद महीनों से ज्यादा टिकेगी नहीं।
- महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बावजूद सरकार गठन पर सस्पेंस
- शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को मिला था बहुमत, 50-50 फॉर्म्युले पर अटकी बात
- मुंबई सट्टा बाजार में एक साल के अंदर फिर विधानसभा चुनाव का लग रहा है भाव
- सटोरियों का अनुमान, कोई भी सरकार बनी तो चंद महीनों से ज्यादा नहीं टिक पाएगी
मुंबई
सट्टा बाजार अमूमन चुनाव तक सक्रिय रहता है लेकिन महाराष्ट्र में चुनाव के रिजल्ट के एक सप्ताह बाद भी सटोरियों की अभी दिलचस्पी खत्म नहीं हुई है। एक विश्वस्त सूत्र ने एनबीटी को बताया कि मुंबई के सट्टा बाजार में इस बात के भाव लगने शुरू हो गए हैं कि महाराष्ट्र में एक साल में फिर विधानसभा चुनाव होंगे। इस सूत्र के अनुसार, शुक्रवार को महाराष्ट्र में स्थाई सरकार का भाव सिर्फ 20 रुपये था।
इस सूत्र का कहना है कि महाराष्ट्र में इन दिनों जिस तरह का माहौल है, सटोरियों को लगता है कि यदि कोई भी सरकार बन भी गई तो भी वह चंद महीनों से ज्यादा टिकेगी नहीं। इसलिए संभावना है कि साल 2020 में राज्य में फिर चुनाव होगा। दूसरी ओर, राज्य में राजनीतिक घटनाक्रम पर नौकरशाहों की भी दिलचस्पी बढ़ गई है। उन्होंने अपना खुफिया नेटवर्क फैला दिया है।
यह भी पढ़ें: BJP पर शिवसेना भड़की, 'राष्ट्रपति जेब में हैं क्या'
मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय बर्वे को अगस्त में तीन महीने का सेवा विस्तार मिला था, जो इस 30 नवंबर को खत्म हो रहा है। तब ऐसा माना गया था और अब भी माना जा रहा है कि यदि बीजेपी का मुख्यमंत्री रहा और गृह मंत्रालय भी बीजेपी के पास रहा, तो बर्वे को अभी तीन माह का विस्तार और मिल सकता है। दूसरे राजनीतिक समीकरण में उन्हें दूसरा एक्सटेंशन मिल पाएगा या नहीं, यह वक्त ही बताएगा।
यह भी पढ़ें: चाहें तो अपने दम पर बना सकते हैं सरकार, शिवसेना का ही बनेगा सीएम: संजय राउत
एक अधिकारी के अनुसार, यदि महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की जगह दूसरा कोई मुख्यमंत्री आया, तो हो सकता है कि प्रवीण परदेसी की जगह बीएमसी में कोई दूसरा कमिश्नर आए। इस अधिकारी का कहना है कि हर सरकार कुछ खास पदों पर अपने कुछ खास अधिकारी लाती ही है, इसमें कोई खास बात नहीं। इसीलिए आने वाले दिन सिर्फ सरकार के स्तर पर ही नहीं, नौकरशाहों के स्तर पर भी काफी उथल-पुथल भरे होंगे।
Comments
Post a Comment