शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि इस हालात के लिए शिवसेना जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा, 'शिवसेना के साथ जो बातें बीजेपी ने तय की थी, उसे मान नहीं रही है तो कौन सा रिश्ता बचता है। ऐसे रिश्ते अब केवल औपचारिकता मात्र हैं।'
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर एक बार फिर से सियासी हलचल बढ़ गई है। नई दिल्ली स्थित सोनिया गांधी के आवास पर कांग्रेस वर्किंग कमिटी की अहम बैठक खत्म हो गई है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमने आगे की चर्चा के लिए महाराष्ट्र के नेताओं को दिल्ली बुलाया है, 4 बजे फिर से बैठक होगी। सूत्रों के मुताबिक, 39 कांग्रेसी विधायकों ने खत लिखकर सोनिया गांधी से कहा है कि वह शिवसेना को समर्थन देने को तैयार हैं। इधर, एनसीपी की कोर कमिटी की भी मीटिंग खत्म हो गई है और पार्टी नेता नवाब मलिक ने कहा है कि कांग्रेस के निर्णय के बाद ही एनसीपी सरकार बनाने पर अपना फैसला लेगी। वैकल्पिक सरकार बनाना हमारी जिम्मेदारी है, जो फैसला होगा, वह कांग्रेस के साथ मिलकर होगा।
- केंद्र सरकार में अरविंद सावंत के पद से इस्तीफा देने के बाद शिवसेना ने कहा कि बीजेपी के साथ रिश्ते अब केवल औपचारिकता मात्र
- शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि बीजेपी ने अहंकार दिखाया, 50-50 का फॉर्म्यूला पहले तय हो गया था लेकिन बीजेपी पीछे हटी
- उधर, शरद पवार ने ऐलान किया है कि कांग्रेस के साथ बातचीत के बाद ही वह शिवसेना के साथ सरकार बनाने पर कोई फैसला लेगी
- इस बीच शिवसेना भी बैठक कर रही हैं, वहीं राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से सरकार बनाने का न्योता इनकार कर चुकी बीजेपी में भी हलचल जारी है। कार्यकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर बीजेपी की बैठक चल रही है। जयपुर से कांग्रेस विधायक मुंबई के लिए रवाना हो रहे हैं। चर्चा यह भी है कि शिवसेना को सरकार बनाने के लिए समर्थन के बदले एनसीपी डेप्युटी सीएम और कांग्रेस स्पीकर पद मांग सकती है। डेप्युटी सीएम के लिए एनसीपी के अजीत पवार और स्पीकर पद के लिए कांग्रेस के यशोमति ठाकुर के नामों की चर्चा है।
'बीजेपी संग अब शिवसेना का रिश्ता औपचारिकता मात्र'
इससे पहले केंद्र की मोदी सरकार में शिवसेना के कोटे से मंत्री अरविंद सावंत के पद से इस्तीफा देने के बाद शिवसेना ने कहा है कि बीजेपी के साथ उसके रिश्ते अब केवल औपचारिकता मात्र हैं। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत सोमवार को कहा कि बीजेपी ने अहंकार दिखाया है। 50-50 का फॉर्म्यूला पहले तय हो गया था, लेकिन बीजेपी पीछे हट गई। उन्होंने कहा कि बीजेपी के साथ अब शिवसेना का रिश्ता औपचारिकता मात्र है।
शरद पवार के बयान से बढ़ा सस्पेंस
उधर, एनसीपी के चीफ शरद पवार ने ऐलान किया है कि कांग्रेस के साथ बातचीत के बाद ही वह शिवसेना के साथ सरकार बनाने पर कोई फैसला लेगी। ऐसे में पवार के बयान से एक बार महाराष्ट्र का सियासी सस्पेंस बढ़ गया है।
संजय राउत ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'बीजेपी ने अहंकार दिखाया है। बीजेपी ने रविवार को राज्यपाल के साथ मिलकर कहा है कि हम राज्य में सरकार नहीं बनाएंगे, क्योंकि शिवसेना समर्थन नहीं दे रही है। यह बीजेपी का अहंकार है। यह महाराष्ट्र की जनता का अपमान है। शिवसेना की बात बीजेपी नहीं मानेगी।' उन्होंने कहा कि 50-50 का फॉर्म्यूला पहले तय हो गया था लेकिन बीजेपी पीछे हट गई। बीजेपी शिवसेना को दोष न दे।
'BJP पीडीपी के साथ सरकार बना सकती है तो...'
उन्होंने यह भी कहा कि अगर बीजेपी पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में सरकार बना सकती है तो शिवसेना महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के साथ क्यों नहीं?' बीजेपी का यह अहंकार कि वह विपक्ष में बैठ लेगी, लेकिन मुख्यमंत्री पद साझा नहीं करेगी। इसी अहंकार के कारण मौजूदा स्थिति उत्पन्न हुई है...अगर बीजेपी अपना वादा पूरा करने को तैयार नहीं है, तो गठबंधन में रहने का कोई मतलब नहीं है।'
राउत ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से राज्य के हित में साथ आने की अपील की। कांग्रेस, एनसीपी को मतभेद भूल कर महाराष्ट्र के हित में एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम के साथ आना चाहिए। राउत ने कहा, 'शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस महाराष्ट्र के हित की रक्षा पर सहमत हैं।'
'हालात के लिए शिवसेना जिम्मेदार नहीं है'
शिवसेना नेता ने कहा कि इस हालात के लिए शिवसेना जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा, 'शिवसेना के साथ जो बातें बीजेपी ने तय की थी, उसे मान नहीं रही है तो कौन सा रिश्ता बचता है। ऐसे रिश्ते अब केवल औपचारिकता मात्र हैं।' बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर शिवसेना और बीजेपी के रिश्तों में आई दरार अब दिल्ली तक पहुंच गई है। सोमवार को मोदी सरकार में शिवसेना के कोटे से मंत्री अरविंद सावंत ने पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। सावंत ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। - शिवसेना को सरकार बनाने के लिए आमंत्रण देने के राज्यपाल के फैसले पर संजय राउत ने कहा, 'यदि राज्यपाल ने हमें और ज्यादा समय दिया होता तो अच्छा होता। बीजेपी को 72 घंटे दिए गए थे लेकिन हमें कम समय दिया गया है। यह बीजेपी की रणनीति है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए।' बता दें कि राज्यपाल ने शिवसेना को सरकार बनाने के लिए औपचारिक सूचना देने हेतु आज शाम तक का समय दिया है।
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर शिवसेना और एनसीपी के बीच गठजोड़ की अटकलें तेज हैं, इस बीच राज्य में सियासी घमासान चरम पर पहुंच चुका है। आइए जानते हैं राज्य में अभी क्या चल रहा है...
* शिवसेना ने फिर दिखाए तेवर, बीजेपी पर बोला हमला
* एनसीपी ने बनाया सस्पेंस, पवार बोले-कांग्रेस से बात कर फैसला
* कांग्रेस में भी चल रहा है मंथन, अशोक चव्हाण बोले- राष्ट्रपति शासन नहीं चाहते
* बीजेपी की अब आगे की तैयारी, पार्टी करेगी बैठक
एनसीपी अभी नहीं खोल रही अपने पत्ते
इस बीच शिवसेना के साथ सरकार बनाने पर एनसीपी अभी अपने पत्ते नहीं खोल रही है। एनसीपी नेता शरद पवार ने अरविंद सावंत के इस्तीफे पर कहा है कि उन्हें इस्तीफा देने के बारे में किसी से कोई सूचना नहीं मिली है। उन्होंने कहा, 'आज हमारी कांग्रेस के साथ बातचीत होनी है। जो कुछ भी फैसला लिया जाएगा, उसे कांग्रेस पार्टी के साथ बातचीत के बाद लिया जाएगा।'
पढ़ें-BJP और शिवसेना में दरार, मंत्री सावंत का इस्तीफा
एनसीपी ने शिवसेना के सामने रखी थी शर्त
शिवसेना के इस नए दांव को महाराष्ट्र में एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के कदम के तौर पर भी देखा जा रहा है। बता दें कि एनसीपी ने महाराष्ट्र में गठबंधन से पहले शिवसेना के सामने एनडीए से अलग होने की शर्त रखी थी। अब सवाल यह है कि केंद्र में मोदी की टीम से अलग होने के बाद क्या शिवसेना एनडीए से भी ब्रेकअप का ऐलान करेगी?
अरविंद सावंत दक्षिणी मुंबई से सांसद हैं और केंद्र में शिवसेना के कोटे से मंत्री हैं। उन्हें बाहरी उद्योग मंत्रालय दिया गया था, लेकिन अब उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया है। सावंत ने ट्वीट किया, 'शिवसेना का पक्ष सत्य के साथ है। ऐसे खराब माहौल में दिल्ली की सरकार में बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं।'
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