पलूशन: प्रकाश जावड़ेकर का अरविंद केजरीवाल पर तंज, विज्ञापन पर खर्च 1500 करोड़ किसानों को देते


प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि केजरीवाल प्रदूषण के मामले पर ब्लेम गेम (दूसरे पर आरोप) की राजनीति अपना रहे हैं। जावड़ेकर ने यह भी कहा कि केजरीवाल ने जितना पैसा विज्ञापनों पर खर्च किया उतना पैसा पंजाब और हरियाणा के किसानों को दे देना था।



  • बढ़ते पलूशन पर पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को घेरा

  • जावड़ेकर बोले कि दिल्ली सरकार को विज्ञापन पर पैसा खर्च करने की जगह उसे किसानों को देना चाहिए था

  • पंजाब-हरियाणा में जलती पराली प्रदूषण की बड़ी वजह, केजरीवाल उसका ही करते हैं जिक्र

  • राजधानी में जहरीली होती हवा पर राजनीति तेज हो गई है। दिल्ली में प्रदूषण के लिए हरियाणा-पंजाब को जिम्मेदार ठहरा रहे दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल पर केंद्रीय पर्यावण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने तंज कसा है। जावड़ेकर ने कहा कि केजरीवाल प्रदूषण के मामले पर ब्लेम गेम (दूसरे पर आरोप) की राजनीति अपना रहे हैं। जावड़ेकर ने यह भी कहा कि केजरीवाल ने जितना पैसा विज्ञापनों पर खर्च किया उतना पैसा पंजाब और हरियाणा के किसानों को दे देना चाहिए था।

  • विज्ञापन पर खर्च 1500 करोड़ किसानों को देते'
    जावड़ेकर शनिवार को भारत के 50वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में पहुंचे थे। वहां उनसे दिल्ली के प्रदूषण पर भी सवाल पूछे गए। इसके जवाब में पर्यावरण मंत्री ने कहा, 'मेरे हिसाब से यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीएम पलूशन का समाधान निकालने की जगह ब्लेम गेम कर रहे हैं।' जावड़ेकर ने आगे कहा, 'विज्ञापनों पर 1500 करोड़ रुपये खर्च करने की जगह दिल्ली सरकार को यह पैसे पंजाब और हरियाणा के किसानों को देने चाहिए थे, यह ज्यादा फायदे का काम होता।'

    दिल्ली से भी जहरीली हरियाणा के शहर की हवा

    जावड़ेकर ने अपने ट्वीट नें कहा कि एक-दूसरे पर आरोप लगाने से प्रदूषण की समस्या खत्म नहीं होगी। उन्होंने दिल्ली सरकार को सलाह दी कि वह विज्ञापनों पर खर्च करने के स्थान पर प्रदूषण रोकने के लिए कुछ उपयोगी मशीनों की खरीदारी करे। बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। हवा इतनी जहरीली है कि प्रदूषण का स्तर 500 के पार पहुंच गया है। यह बेहद खतरनाक स्तर है।

  • दिल्ली में हो रहे प्रदूषण के पीछे पंजाब और हरियाणा में जल रही पराली एक बड़ी वजह है। दिल्ली की हवा में घुले जहर का 46 प्रतिशत पराली की वजह से है। बीते 24 घंटों में पराली जलाने के 3178 मामले सामने आए हैं, जो इस सीजन में सबसे ज्यादा है। शुक्रवार को प्रदूषण में पराली का हिस्सा 46 पर्सेंट रहा, गुरुवार रात को यह 44 पर्सेंट तक पहुंच गया था।

  • अरविंद केजरीवाल हमेशा से पराली को ही दिल्ली में प्रदूषण की मुख्य वजह बताते रहे हैं। शुक्रवार को उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके की हरियाणा और पंजाब की सरकार को पराली जलाने को बंद करवाने की समयसीमा बताने को भी कहा है।

  • हवाओं की वजह से कुछ कम हुआ प्रदूषण
    राजधानी दिल्ली और एनसीआर में शनिवार दोपहर तक प्रदूषण कुछ हद तक कम हुआ। हालांकि अभी भी यह बेहद खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। प्रदूषण में मामूली कमी हवाओं की स्पीड बढ़ने की वजह से आई है। धूल से होनेवाले प्रदूषण को रोकने के लिए पानी से छिड़काव भी किया जा रहा है।

    NCR में हेल्थ इमर्जेंसी, सांस लेने में भी मुश्किल
    लागू है हेल्थ इमर्जेंसी
    आसमान पर छाई दमघोंटू धुंध की वजह से दिल्ली में हेल्थ इमर्जेंसी घोषित करनी पड़ी। दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों की 5 नवंबर तक छुट्टी घोषित कर दी है। आपात स्थिति को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने तुरंत टास्क फोर्स की बैठक बुलाई। टास्क फोर्स की सिफारिश पर प्रदूषण कंट्रोल अथॉरिटी ईपीसीए ने दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्यों पर 5 नवंबर तक पूरी तरह रोक लगा दी। ठंड का मौसम खत्म होने तक आतिशबाजी भी बैन कर दी, इसका मतलब लोग छठ, क्रिसमस, न्यू इयर आदि पर पटाखे नहीं फोड़ सकेंगे। अन्य प्रतिबंधों को भी 5 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है।


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