सलमान खान ने नया जीवन दिया, बॉलिवुड मुझे काम दे: पूजा डडवाल


सलमान खान की फिल्म 'वीरगति' की हिरोइन पूजा डडवाल पूरी ठीक होकर मुंबई वापस आ गई हैं, वह एक बार फिर से ऐक्टिंग में वापसी करना चाहती हैं और इसके लिए काम की तलाश कर रही हैं।


बॉलिवुड अभिनेता सलमान खान की फिल्म 'वीरगति' की हिरोइन पूजा डडवाल बॉलिवुड में काम की तलाश कर रही हैं। बीते साल मार्च में पूजा टीबी की बीमारी की वजह से मुंबई के शिवड़ी अस्पताल में 6 महीने तक भर्ती रहीं, इस दौरान पूजा की आर्थिक स्थति भी ठीक नहीं थी, तब सलमान खान ने उनके इलाज का पूरा खर्चा उठाया था। पूजा एक बार फिर से बॉलिवुड में लौटना चाहती हैं। आज भले पूजा अपनी बीमारी से लड़कर ठीक हो चुकी हैं, लेकिन आर्थिक तंगी ऐसी है कि बस जैसे-तैसे गुजारा कर रही हैं। पूजा वर्सोवा गांव के चॉल में 5 हजार रेंट देकर रह रही हैं और उनके पास न तो खाने-पीने की व्यवस्था है, न पहनने को ढंग के कपड़े। अब वह किसी की मदद की मोहताज नहीं बल्कि काम कर अपना जीवन चलाना चाहती हैं और इसीलिए बॉलिवुड से वह काम की भीख मांग रही हैं।

फिर से बॉलिवुड में ऐक्टिंग करना चाहती हूं
इस समय मैं पूरी तरह ठीक हो गई हूं, लेकिन अब मुझे काम की तलाश हैं। मैं एक बार फिर से बॉलिवुड में ऐक्टिंग करना चाहती हूं। मैंने फिल्म इंडस्ट्री 2 दशक पहले छोड़ दी थी, लेकिन अब वापसी करना चाहती हूं। टीवी, फिल्म या डिजिटल मीडिया से जुड़ा कोई भी काम, जो मेरे लायक होगा, वह करूंगी।


कंघी करती तो गुच्छे में बाल झड़ते थे
अपने बीमारी के दिनों को याद कर पूजा की आंखें भर आती हैं, वह खुद को संभालते हुए कहती हैं, 'जब मुझे टीबी की बीमारी हुई तो पता नहीं चला, मैं गोवा में रहती थी, एक कसीनो में रह रही थी। मेरे साथ काम करने वाले लोग कहते जरूर थे कि मेरी हालत दिन ब दिन बहुत खराब हो रही है। मेरे पास पैसे नहीं थे, मेरी बीमारी की वजह से परिवार मुझसे दूर हो गया था, परिवार की ओर से किसी तरह की कोई मदद नहीं मिल रही थी, इसलिए इलाज और अस्पताल से दूर थी। मुझे खून की उल्टियां होती थीं, मेरे बाल तेजी से झड़ रहे थे, कंघी करती तो गुच्छे में बाल झड़ते थे, सारे बाल न झड़ जाएं इस डर से मैंने बालों में कंघी लगाना छोड़ दिया था।'


मेरा वजन 52 किलो से 26 किलो का हो गया था
मेरा वजन 52 किलो से 26 किलो का हो गया था, समझ नहीं आ रहा था मुझे क्या बीमारी हुई है। एक दिन जब खून की बहुत उल्टियां हुईं तो मैंने मुंबई में अपने डायरेक्टर दोस्त राजेंद्र सिंह को कॉल किया और अपनी हालत के बारे में बताया। मेरे पास मुंबई जाने के लिए भी पैसे नहीं थे। राजेंद्रजी ने मेरे लिए मुंबई की टिकट बुक की और अपने घर बुलाया। मेरी हालत देखकर वह चौंक गए, सिर्फ हड्डियों का ढांचा रह गई थी, राजेन्द्रजी ने मुझे शिवड़ी के टीबी अस्पताल में भर्ती करवा कर मेरा इलाज शुरू किया। जब मेरे बीमारी और आर्थिक तंगी की खबर नवभारतटाइम्स डॉट कॉम में छपी तो सलमान खान तक बात पहुंची और उन्होंने मेरा बहुत अच्छी तरह इलाज करवाया।

सलमान की टीम मुझे प्राइवेट अस्पताल में एडमिट करना चाहती थी
सलमान खान की टीम ने करीब 6 महीने तक अस्पताल में मेरा पूरा ध्यान रखा। एक बॉय को 24 घंटे के लिए मेरे पास ड्यूटी में लगा दिया था। मेरे इलाज के खर्चे के अलावा सरकारी अस्पताल के जनरल वार्ड में परदा लगाकर मेरा स्पेस अलग किया। अस्पताल का बेड और गद्दा हटवाकर मेरे सुविधा के अनुसार नया बेड लगवाया। मेरे खाने-पीने का पूरा ध्यान रखा। पहले उनकी टीम मुझे एक प्राइवेट अस्पताल में एडमिट करना चाहती थी, लेकिन मैंने सुना था कि टीबी का सबसे अच्छा इलाज सिर्फ उसी अस्पताल में होता है, इस वजह से मैने खुद को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने से इनकार कर दिया था।

सलमान ने मेरे इलाज में लाखों रुपए लगा दिए
कई महीनों के इलाज के बाद भी जब मेरी सेहत में खास फर्क नहीं दिखाई दिया तो सलमान खान की टीम ने खाने-पीने में ज्यादा जोर दिया, अलग-अलग तरह के कई प्रोटीन्स के डिब्बे भेजे और मेरे लिए बीइंग ह्यूमन के इतने सारे कपड़े भेजे, जिन्हें मैं आज भी पहन रही हूं। 6 महीने बाद जब अस्पताल से डिस्चार्ज हुई तो गोवा चली गई, वहां भी मेरे रहने खाने का कोई बंदोबस्त नहीं था, तब भी बीइंग ह्यूमन की टीम ने पहले मुझे एक रिसॉर्ट में ठहराया और बाद में एक रेंटल घर अरेंज करके दिया। सलमान की टीम लाखों रुपए खर्च कर, घर में खाने-पीने और जीवन-यापन का सारा सामान खरीद कर दिया।

2 दिन में 9 लोगों को मरते देखा, मृत्यू शैय्या पर जिंदा लाश की तरह थी
जब मैं अस्पताल में थी तो 2 दिन में 9 लोगों को मरते देखा, जब भी किसी के मरने की खबर आती तो लगता कि अब मेरा नंबर है। सच कहूं तो मैं जिंदा लाश थी, मृत्यु शैय्या पर थी। सलमान खान ने मुझे नया जीवन दे दिया है। अब मेरा यह जीवन उनके नाम है, अब मैं अच्छी तरह जीना चाहती हूं और ऐक्टिंग का काम भी करना चाहती हूं।

सलमान से मिलकर, उनके पैर छूना चाहती हूं
काम करके मुझे एक अपना घर खरीदना है और उस घर के मंदिर में भगवान की तस्वीर नहीं बल्कि सलमान की तस्वीर लगाकर पूजा करूंगी। मेरे लिए तो वही मेरा भगवान है, जिसने जीवन दिया। बीमारी से तुरंत ठीक होने के बाद मैं सेहत सुधार कर सलमान से मिलना चाहती थी। अब मुझे सलमान से मिलकर उन्हें धन्यवाद कहना है, उनके पैर छूने हैं। आज की दुनिया में बहुत काम लोग हैं, जो लोगों की मदद करते हैं। जब मेरा परिवार और मेरे माता-पिता ने मुझे यह सोचकर खुद से दूर कर दिया कि मेरी बीमारी कहीं उनके लिए खतरा न बन जाए, तब सलमान ने मेरी मदद कर मुझे यह जीवन दिया है।

मुझे लगता है काम के मामले में भी सलमान खान ही मेरी मदद कर सकते हैं
अब मैं काम की तलाश कर रही हूं और इसके लिए अपने समय के लोगों से मिल रही हूं। लोग मुझे मिलने के लिए बुला भी रहे हैं, लेकिन काम अभी तक कुछ भी नहीं मिला है। मुझे लगता है काम के मामले में भी सलमान खान ही मेरी मदद कर सकते हैं। मैं बार-बार उनसे मदद नहीं मांगना चाहती, लेकिन मेरे लिए तो अब वही भगवान हैं। सलमान अगर यह इंटरव्यू पढ़ रहे हैं तो उनसे कहना चाहती हूं कि मुझे आपसे मिलना है, थैंक यू कहना है।


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