जेएनयू के स्टूडेंट्स जहां फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं मानव संसाधन मंत्री यूनिवर्सिटी परिसर में ही मौजूद हैं और उन्होंने स्टूडेंट्स से मुलाकात कर उन्हें समस्या हल करने का भरोसा दिया है
- जेएनयू के स्टूडेंट्स जहां फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, HRD मंत्री यूनिवर्सिटी परिसर में ही मौजूद हैं
- रमेश पोखरियाल ने जेएनयूएसयू प्रेजिडेंट से मुलाकात कर उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा
- ये स्टूडेंट्स विभिन्न मांगों को लेकर सुबह से ही सड़क पर उतर आए हैं, प्रदर्शन दीक्षांत समारोह वाले दिन हो रहा है
नई दिल्ली
हॉस्टल फीस में वृद्धि के खिलाफ जेएनयू के स्टूडेंट्स ने सोमवार को यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और सड़क पर उतर आए। सैंकड़ों स्टूडेंट्स जब जेएनयू परिसर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं तब मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक यूनिवर्सिटी के एआईसीटीई ऑडिटोरियम में मौजूद हैं। उन्होंने स्टूडेंट्स से बात भी की है और उन्होंने भरोसा दिलाया है कि उनकी समस्या का जल्द हल निकाला जाएगा।
दरअसल, वह उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के साथ जेएनयू के तीसरे दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने के लिए एआईसीटीई पहुंचे थे। नायडू ने प्रदर्शन के तेज होने से पहले ही परिसर छोड़ दिया, जबकि निशंक को घंटों अंदर रहना पड़ा। एचआरडी मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'वह परिसर के अंदर हैं। लेकिन स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने जेएनयूएसयू के अध्यक्ष से बात की है और उन्हें भरोसा दिलाया है कि उनकी मांग पर विचार किया जाएगा।' इस प्रदर्शन के कारण उन्हें दीक्षांत समारोह के बाद शास्त्री भवन में आयोजित होने जा रहे दो कार्यक्रमों को रद्द करना पड़ा।
JNU में फीस बढ़ोतरी पर छात्रों का हंगामा, पुलिस से हुई झड़प
इसलिए सड़कों पर स्टूडेंट्स
सैंकड़ों स्टूडेंट्स एआईसीटीई मुख्यालय के बाहर होस्टल फीस में वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में एबीवीपी, आईसा, एआईएसएफ और एसएफआई समेत सभी छात्र संगठन हिस्सा ले रहे हैं। छात्रों का कहना है कि उन्हें बिना सस्ती एजुकेशन के उन्हें दीक्षांत समारोह मंजूर नहीं है। प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स दरअसल तीन मांगें कर रहे हैं। पहली मांग है कि उनकी फीस में बढ़ोतरी के फैसले को वापस लिया जाए। दूसरी मांग है कि हॉस्टल में कर्फ्यू टाइमिंग के नियम को बदला जाए और तीसरी मांग है कि ड्रेस कोड का नियम लागू न किया जाए।
हॉस्टल फीस बढ़ोतरी का मामला यूनिवर्सिटी में काफी आगे जा चुका है और अब तक कोई हल नहीं निकला है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों और पुलिस के बीच तीखी झड़पें और धक्का-मुक्की भी देखने को मिली। कई मौकों पर स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को छात्रों भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वॉटर कैनन का इस्तेमाल भी करना पड़ा।
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