स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण राष्ट्रगान के समय बैठी रहीं जर्मन चांसलर, समझें क्या कहता है नियम


जर्मन चांसलर भारत दौरे पर हैं। आज उनका राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक स्वागत किया गया। यहां दोनों देशों के राष्ट्रगान के समय वह बैठी रहीं। हालांकि उन्होंने इसके लिए अनुमति मांगी थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया।


भारत आईं जर्मन चांसलर ऐंगेला मर्केल राष्ट्रपति भवन में आज स्वागत समारोह के दौरान दोनों देशों का राष्ट्रगान बजते समय बैठी रहीं। दरअसल, चांसलर की स्वास्थ्य संबंधी समस्या के चलते जर्मनी ने भारत से इसका अनुरोध किया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया। समझा जाता है कि राष्ट्रगान के समय मर्केल को बैठने की अनुमति देने के लिए भारत के राष्ट्रगान से संबंधित व्यवस्था के प्रावधानों का सहारा लिया गया। आपको बता दें कि जर्मन चांसलर मर्केल को बिना सहायता के ज्यादा देर खड़े होने में कठिनाई होती है। हाल में उन्हें देश और विदेश में ऐसे स्वागत समारोहों के दौरान बैठे हुए देखा गया जिनमें खड़े होने की आम तौर पर जरूरत होती है।


आइए समझते हैं कि भारत में राष्ट्रगान बजने के दौरान खड़े होने के नियम क्या कहते हैं। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए गृह मंत्रालय ने मई 2017 में अपने एक पत्र में स्पष्ट कहा था कि निम्नलिखित व्यक्तियों की श्रेणियों को भारत के राष्ट्रगान के समय खड़े होने से छूट दी गई है।


फिल्म में राष्ट्रगान तो खड़े होना अनिवार्य नहीं
गृह मंत्रालय की एक नियमावली के मुताबिक जब भी राष्ट्रगान गाया या बजाया जा रहा तो लोग खड़े रहेंगे। हालांकि जब किसी न्यूजरील या डॉक्युमेंट्री में फिल्म के हिस्से में कहीं राष्ट्रगान बजता है तो ऑडियंस से खड़े होने की उम्मीद नहीं की जाती है क्योंकि खड़े होने से फिल्म के प्रदर्शन में खलल पड़ेगी और इससे राष्ट्रगान के प्रति सम्मान के बजाय भ्रम और अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है।


सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सिनेमाघरों में फिल्म दिखाए जाने से पहले राष्ट्रगान बजाने की अनिवार्यता खत्म हो गई है। अब फिल्म से पहले राष्ट्रगान बजाना या न बजाना सिनेमाघरों के मालिकों की मर्जी पर निर्भर है। हालांकि गौर करने वाली बात यह है कि कोर्ट ने दोनों ही दशाओं में स्पष्ट कहा है कि राष्ट्रगान के दौरान खड़े होने से दिव्यांगों को छूट मिलती रहेगी।

कुछ और नियम भी जानिए
- राष्ट्रगान जब गाया या बजाया जा रहा हो तो हमेशा सावधान की मुद्रा में खड़े रहें।
- राष्ट्रगान का उच्चारण सही हो तथा इसे 52 सेकंड की अवधि में ही गाया जाए। संक्षिप्त वर्जन 20 सेकंड में गाया जा सकता है।
- राष्ट्रगान जब गाया जा रहा हो तब किसी भी व्यक्ति को परेशान नहीं करना चाहिए। उस समय शोरगुल या दूसरे गाने तथा संगीत की आवाज नहीं होनी चाहिए।
- शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रगान होने के बाद दिन की शुरुआत करनी चाहिए।
- राष्ट्रगान के लिए अशोभनीय शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।


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