वकीलों से झड़प: सड़क पर दिल्ली के पुलिसवाले, कमिश्नर की भी नहीं सुनी, किरण बेदी के सुनाए नारे


दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर पुलिसकर्मियों का हंगामा बढ़ता ही जा रहा है। पुलिस कमिश्नर बाहर आए और काम पर लौटने की अपील की पर पुलिसकर्मी मानने को तैयार नहीं है।




  • दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर कई घंटे से प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मी

  • पुलिसवालों की पिटाई करने वाले वकीलों पर कार्रवाई की मांग

  • पुलिस कमिश्नर ने मनाने की कोशिश की, बोले- यह परीक्षा की घड़ी

  • नहीं माने पुलिसकर्मी, उधर बार काउंसिल ने वकीलों को दी चेतावनी



 

नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर कमिश्नर अमूल्य पटनायक की अपील के बाद भी पुलिसवालों का हंगामा जारी है। घंटों चले हंगामे के बाद दोपहर में पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक सामने आए और पुलिसवालों से काम पर लौटने की अपील की पर उन्हें उल्टा किरण बेदी के नाम वाले नारे सुनने को मिले। पटनायक ने कहा कि यह पुलिस विभाग के लिए परीक्षा की घड़ी है। ऐसे में सभी को कानून-व्यवस्था बनाए रखते हुए अपना फर्ज निभाना चाहिए। इस पर भी पुलिसवाले नहीं माने और नारेबाजी तेज हो गई। इस दौरान किरण बेदी के नारे भी गूंजे। पुलिसवालों ने कहा कि उन्हें किरण बेदी जैसा दमदार अफसर चाहिए जो हमारी बात को बेहतर तरीके से समझे और आगे रख सके। उधर, दिल्ली में वकील भी हड़ताल पर हैं और अब बार काउंसिल ने उन्हें चेतावनी दी है।


पटनायक के कहा, 'पिछले कुछ दिनों से हालात दिल्ली पुलिस के लिए परीक्षा की घड़ी जैसे हैं। वैसे दिल्ली पुलिस हमेशा से चुनौतियों का सामना करती आई है। हम तरह-तरह के हालात को हैंडल करते हैं। पिछले कुछ दिनों में जो घटनाएं हुई हैं, हमारे उत्तरी जिले के अफसरों ने उसे अच्छे तरीके से संभाला। उस दिन जैसे हालात थे, उसके हिसाब से देखें तो उसमें काफी सुधार है।' यह सुनते ही पुलिसवालों ने जोरदार हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस कमिश्नर को अपना संबोधन कुछ सेकेंड के लिए रोकना भी पड़ा।


इस बीच, गृह मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ANI को बताया है कि दिल्ली पुलिस ने 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में हुई हिंसा की पूरी रिपोर्ट MHA को सौंप दी है। हालात पर गृह मंत्रालय की नजर है। दिल्ली के पुलिसकर्मियों ने पीएमओ और गृह मंत्रालय से भी मामले को गंभीरता से लेने का अनुरोध किया है।पटनायक बोले- परीक्षा, अपेक्षा और प्रतीक्षा की घड़ी
पुलिसवालों से अपील करते हुए पटनायक ने कहा कि इस स्थिति को हम परीक्षा की तरह मानें और हमें कानून संभालने की जो जिम्मेदारी दी गई है, उसे ध्यान में रखें। हमारे लिए अपेक्षा की भी घड़ी है। सरकार और जनता की तरफ से हमसे काफी उम्मीदें की जाती हैं और क्योंकि हम कानून के रखवाले हैं। अब तक जैसे हम कानून व्यवस्था को बनाए रखे हुए हैं, वैसे आगे भी रखें। परीक्षा, अपेक्षा के बाद हमारे लिए प्रतीक्षा की भी घड़ी है। कोर्ट के आदेश पर जांच टीम गठित हुई है। हमें उस पर विश्वास रखना चाहिए और फैसला आने की प्रतीक्षा करनी चाहिए।


कमिश्नर की अपील, काम पर लौटें पुलिसकर्मी
उन्होंने आगे कहा, 'शनिवार को जो कुछ हुआ, उस पर हमारे अफसरों ने पूरी जिम्मेदारी से अपनी ड्यूटी की है। आपसे मेरी विनती है कि आप अपने ड्यूटी पॉइट्स पर वापस जाएं। आपको जानना चाहिए कि इस स्थिति में भी हमारे कई जवान ड्यूटी पर हैं। दिल्ली पुलिस को देशभर में एक श्रेष्ठ पुलिसबल माना जाता है। आपके मन में जो आशंकाएं हैं, उसे दूर करने के लिए हम पूरी कोशिश और कार्रवाई करेंगे।' हालांकि पुलिस कमिश्वनर की अपील के बाद भी हंगामा थमा नहीं है। पुलिसवाले जोरदार तरीके से 'वी वॉन्ट जस्टिस' के नारे लगा रहे हैं।

बार काउंसिल की वकीलों को चेतावनी
उधर, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने वकीलों को चेतावनी दी है कि यदि कोई भी वकील हिंसक घटनाओं या तोड़फोड़ में शामिल पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। काउंसिल ने हिंसा में शामिल वकीलों के नाम मंगाए हैं और उन्हें आज ही हड़ताल वापस लेने के लिए कहा है। काउंसिल ने कहा है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो वह मामले से खुद को पूरी तरह अलग कर लेगी और किसी जांच का भी हिस्सा नहीं बनेगी।
(प्राची यादव के इनपुट के साथ)


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