यूं एक अफवाह पर तीस हजारी कोर्ट में छिड़ा महाभारत, घंटों चलती रहीं पुलिस और वकीलों में झड़पें


तीस हजारी कोर्ट में महज एक अफवाह ने पुलिस वालों और वकीलों के बीच महाभारत छिड़ गया। अफवाह थी कि पुलिस वालों की गोली से एक वकील की मौत हो गई है। फिर क्या था वकील बिफरे तो पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया।


तीस हजारी कोर्ट में महज एक अफवाह ने पुलिस वालों और वकीलों के बीच महाभारत छिड़ गया। अफवाह थी कि पुलिस वालों की गोली से एक वकील की मौत हो गई है। फिर क्या था वकील बिफरे तो पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया। जनता के मामलों की सुनवाई करने वाली अदालत में उपद्रव की कोई सुनवाई करने वाला न था। हर तरफ बवाल था और अफरातफरी। भारी बवाल में 28 पुलिसवाले और वकील घायल हो गए।

विवाद थमा तो फिर देर शाम को दोनों पक्षों में मीटिंग चलती रही। मामले की जांच क्राइम ब्रांच की एसआईटी को सौंप दी गई है। बवाल की सूचना मिलने पर स्पेशल सीपी, जॉइंट सीपी, डीसीपी और अन्य पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे। दरअसल, गोली लगने से वकील की मौत की अफवाह कोर्ट परिसर में तेजी से फैली। इससे गुस्साए वकीलों ने हंगामा शुरू कर दिया। आरोप है कि उन्होंने कई गाड़ियों में आग लगाने के साथ ही पुलिस अफसरों की भी पिटाई कर दी।



  • अफवाह थी कि पुलिस वालों की गोली से एक वकील की मौत हो गई है। फिर क्या था वकील बिफरे तो पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया

  • विवाद थमा तो फिर देर शाम को दोनों पक्षों में मीटिंग चलती रही। मामले की जांच क्राइम ब्रांच की एसआईटी को सौंप दी गई है

  • बवाल की सूचना मिलने पर स्पेशल सीपी, जॉइंट सीपी, डीसीपी और अन्य पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे


  • विवाद थमा तो फिर देर शाम को दोनों पक्षों में मीटिंग चलती रही। मामले की जांच क्राइम ब्रांच की एसआईटी को सौंप दी गई है। बवाल की सूचना मिलने पर स्पेशल सीपी, जॉइंट सीपी, डीसीपी और अन्य पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे। दरअसल, गोली लगने से वकील की मौत की अफवाह कोर्ट परिसर में तेजी से फैली। इससे गुस्साए वकीलों ने हंगामा शुरू कर दिया। आरोप है कि उन्होंने कई गाड़ियों में आग लगाने के साथ ही पुलिस अफसरों की भी पिटाई कर दी।

  • एक अफसर को बंधक भी बना लिया। कोर्ट केस की तारीख पर आए पुलिस इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर भी भीड़ की चपेट में आ गए। कोर्ट परिसर में जो भी पुलिसवाला दिखा उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर वकीलों ने पीटा। एसएचओ से भी हाथापाई हुई। वकीलों की भीड़ को देख पुलिसवाले भाग खड़े हुए। देर शाम तक गुस्साए वकीलों को शांत कराने की कोशिशें चलती रहीं।

  • तीस हजारी कांड: जांच के लिए SIT गठित, अदालतें सोमवार तक बंद

    वकील लगातार पुलिस कमिश्नर को बुलाने की जिद पर अड़े रहे। वे आरोपी पुलिसकर्मियों की तत्काल गिरफ्तारी और बर्खास्तगी की मांग कर रहे थे। इससे पहले कोर्ट के सभी गेट बंद कर दिए गए। देर शाम तक वकीलों की पुलिस अफसरों के साथ बंद कमरे में मीटिंग चलती रही। पुलिस ने वकीलों को कार्रवाई का भरोसा दिया।

    दिल्ली: वकील-पुलिस में हिंसक झड़प, आगजनी-गोलीबारी

    विडियो बना रहे लोगों के मोबाइल तोड़े

    हंगामे में 12 से अधिक पुलिसकर्मियों और वकीलों के कपड़े और वर्दी फट गई। साथ ही करीब 15 गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। एक पीसीआर वैन भी आग के हवाले कर दी गई। जेल वैन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। हिंसा का विडियो और फोटो बना रहे दर्जनों लोगों के मोबाइल छीनकर तोड़ दिए गए। घटना को कवर कर रहे कई मीडियाकर्मियों के कैमरे भी तोड़े गए और उनसे बदसलूकी करने का भी आरोप है। इस मामले में दिल्ली पुलिस की टीम तहकीकात के लिए वायरल वीडियो व मोबाइल से बनी क्लिप जमा कर रही है। जिससे हिंसा की चपेट में आए पुलिस अफसरों व पुलिसकर्मियों पर हमलावरों की पहचान की जा सकेगी।

  • आगजनी के दौरान सैकड़ों कैदी भी फंसे
    दिल्ली पुलिस के मुताबिक, कोर्ट परिसर में आगजनी के दौरान 124 कैदी लॉकअप में फंस चुके थे। कई पुलिसकर्मी व जूडिशल स्टाफ भी फंस गए थे। फोर्स ने सभी को वहां से निकाला। शाम के समय कैदियों को कोर्ट से जेल भेजा जा सका। झड़प के बाद कोर्ट के सारे गेट बंद कर दिए गए थे। जो लोग अपनी तारीखों पर आए हुए थे, उन्हें भी जान बचाकर भागना पड़ा। भारी तादाद में पुलिस जमा हो गई। सामने वकीलों की भीड़ थी। दोनों तरफ से आमने-सामने टकराव के हालात बन गए।

  • अब वकील बोले, शांति से सुलझ सकता था केस
    वकीलों और पुलिस के बीच शनिवार को तीस हजार कोर्ट परिसर में जो कुछ हुआ, उससे वकीलों में काफी रोष है। उन्होंने घटना की निंदा की है। सभी जिला अदालतों के वकील सोमवार को हड़ताल पर भी रहेंगे। जिला अदालतों के बार संगठनों की कोऑर्डिनेशन कमिटी के चेयरमैन महावीर शर्मा ने कहा कि माना, गलती दोनों तरफ की रही होगी। वकीलों ने भी बेवजह अकड़ दिखाई होगी और पुलिसवालों ने भी, लेकिन मामले को बातचीत या शांतिपूर्ण तरीकों से भी सुलझाया जा सकता था। गोली चलाने की क्या जरूरत थी। वह भी न हवा में... न पैरों पर.. सीधे वकील की छाती पर बंदूक तान दी। पुलिस की इस हरकत को कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।


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