ब्लैक वारंट: नाम-दिन, समय, जगह और जेल सबकुछ होता है मुकर्रर


निर्भया के दोषियों की फांसी की तारीख 18 दिसंबर को तय होगी। शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट में निर्भया के माता-पिता की याचिका पर सुनवाई टाल दी गई। अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी। 17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई होनी है। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट से अक्षय की याचिका खारिज होने के बाद जेल प्रशासन 18 दिसंबर को दोषियों की फांसी के लिए पटियाला हाउस कोर्ट में ब्लैक वारंट जारी करने के लिए याचिका दाखिल करेगा। 


निर्भया मामले में चारों दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने की तैयारी शुरू हो गई है। दोषियों की कानूनी जरूरतों के पूरा होने के बाद जेल प्रशासन सबसे पहले कोर्ट से ब्लैक वारंट यानी डेथ वारंट जारी कराएगा। डेथ वारंट में एक फार्म नंबर-42 होगा, जिसमें दोषियों की फांसी की सजा की जानकारी विस्तार में लिखी होगी। 


फार्म संख्या-42 के पहले कॉलम में उस जेल का नंबर लिखा होता है, जिसमें दोषियों को फांसी दी जाएगी। उसके अगले कॉलम में फांसी पर चढ़ने वाले दोषियों के नाम लिखे होते हैं। उसके अगले कॉलम में केस का एफआईआर नंबर लिखा जाता है। अगले कॉलम में उस तारीख का जिक्र होता है जिस दिन ब्लैक वारंट जारी होता है। 


 


फिर फांसी के दिन की तारीख, समय और किस जगह फांसी दी जाएगी यह सब लिखा होता है। फार्म के अगले कॉलम में स्पष्ट लिखा होता है कि जिन लोगों को फांसी दी जा रही है उन्हें तब तक फांसी के फंदे पर लटकाया जाए जब तक उनकी मौत न हो जाए। सबसे नीचे समय, दिन और ब्लैक वारंट जारी करने वाले जज के हस्ताक्षर होते हैं। दोषियों को फांसी होने के बाद जेल प्रशासन को उनकी मौत से जुड़े कागजात और फांसी हो गई है इसकी लिखित जानकारी अदालत को देनी होती है।


निर्भया की मां ने कहा-सात साल इंतजार किया, एक सप्ताह और...
निर्भया की मां ने कहा कि उसे सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है और उम्मीद है कि कोर्ट निर्भया के दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर देगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि 18 दिसंबर को पटियाला हाउस कोर्ट भी दोषियों का ब्लैट वारंट जारी कर देगी। कोर्ट से बाहर आई निर्भया की मां ने कहा कि जब सात साल रुके तो सात दिन का इंतजार लंबा नहीं है। बेटी को इंसाफ मिलने की घड़ी अब नजदीक है। अब एक सप्ताह और सही।


 


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