कौन हैं देश की बहादुर बेटी तानिया शेरगिल, पिता, दादा-परदादा के बाद सेना में बनी 'कैप्टन'


आज 71वां गणतंत्र दिवस है। हर साल की तरह ये इस बार भी बेहद खास है। खास बात यह है कि आर्मी परेड को लीड करने वालीं तानिया शेरगिल गणतंत्र दिवस परेड में भी सेना की टुकड़ी का नेतृत्व किया। कैप्टन शेरगिल के बारे में खास बात यह जरूर है कि वह अपने परिवार की चौथी पीढ़ी हैं, जो सेना में रहकर देश की सेवा कर रही हैं। तानिया के परदादा, दादा और पिता भी देश की सेवा कर चुके हैं। अब चौथी पीढ़ी की बेटी देश सेवा में जुटी है। आइए जानते हैं कैप्टन तानिया शेरगिल की कहानी..


तानिया शेरगिल पंजाब के होशियारपुर की रहने वाली हैं। सेना दिवस के बाद गणतंत्र दिवस पर भी परेड का नेतृत्व कर जिले का मान बढ़ाया। होशियारपुर के लोग अपनी इस बेटी की उपलब्धि पर काफी खुश हैं। तान्या अपने परिवार की चौथी पीढ़ी से हैं, जो सेना में सेवा कर रही हैं। इससे पहले सानिया के पिता सूरत सिंह गिल, दादा हरि सिंह और परदादा ईशर सिंह भी सेना में देश सेवा कर चुके हैं। 


तानिया सेना दिवस पर परेड का नेतृत्व करने वालीं पहली महिला अधिकारी हैं
तान्या के पिता सूरत सिंह ने फोन पर अमर उजाला को बताया कि गढ़दीवाला के करीबी गांव पंडोरी अटवाल का मूल निवासी उनका परिवार पिछले करीब 50 साल से अधिक से मुंबई में पोवई में रहा है। अब फिर से अपनी मिट्टी की ओर रुख करते हुए उन्होंने करीब 8-9 साल पहले ही गढ़दीवाला के वार्ड नंबर 3 में अपना घर बनाया है और आज कल यहीं रह रहे हैं। सूरत सिंह ने बताया कि उन्होंने खुद व तानिया ने भी मुंबई में पोवई स्थित केंद्रीय विद्यालय से शिक्षा हासिल की। तानिया की मां लखविंदर कौर बतौर अध्यापिका मुंबई से ही रिटायर हुई हैं। 


सेना में 101 फील्ड रेजीमेंट (सेल्फ प्रोपेल्ड) में 10 साल तक कप्तान के पद पर सेवा करने के बाद सीआरपीएफ में शामिल हुए तानिया के पिता सूरत सिंह 2016 में सीआरपीएफ से बतौर कमांडेंट रिटायर हुए। इस दौरान उन्हें बहादुरी के लिए राष्ट्रपति पदक से भी नवाजा गया। सूरत सिंह ने बताया कि उन्हें गर्व है कि उनकी बेटी तानिया ने परेड का नेतृत्व कर परिवार का मान बढ़ाया। उन्होंने बताया कि नागपुर से बीटेक की पढ़ाई के बाद तानिया ने सेना ज्वॉइन करने का निर्णय लिया। उस वक्त सूरत सिंह कश्मीर में तैनात थे। 


तानिया के दादा (सूरत सिंह के पिता) हरि सिंह 14 आर्म्ड रेजीमेंट (14 सिंध हॉर्स) में सिपाही थे। परदादा ईशर सिंह 26 पंजाबी बटालियन में सिपाही थे और उन्होंने प्रथम विश्व युद्ध में भाग लिया था, जिसके लिए उन्हें सेवा मेडल व सर्विस स्टार से नवाजा गया था। जिलाधीश ईशा कालिया ने कहा कि यह जिले के लिए और खासतौर पर महिलाओं के लिए गौरव की बात है कि होशियारपुर की बेटी कैप्टन तानिया परेड का नेतृत्व करेगी। इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में बीटेक तानिया को चेन्नई की ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी से 2017 में कमीशन मिला था। तान्या की उपलब्धि इस लिहाज से मायने रखती है कि उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद सेना में भर्ती होने का फैसला किया।


 


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